- October 25, 2016
भाजपा का महोबा में रैली फ्लाप, कार्यकर्ता निराश व हतोत्साहित :- सुश्री मायावती
नई दिल्ली, 24 अक्तूबर 2016: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पर केवल सस्ता लालीपाप देकर लोगों को फुसलाते रहने की गलत नीति व कार्यक्रमों की आलोचना करते हुये कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी को सबसे पहले विदेशों से कालाधन लाकर ग़रीबों में 15 से 20 लाख रुपया बांटने, महंगाई व बेरोजगारी कम करने आदि का व्यापक जनहित व जनकल्याण का वायदा पूरा करने चाहिये। इसके अलावा केवल वाराणसी के अपने संसदीय क्षेत्र को छोड़कर समस्त उत्तर प्रदेश की उपेक्षा करने की नीति को भी उन्हें त्यागना चाहिये।
पी.एम. श्री नरेन्द्र मोदी ने महोबा व अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के आज के उत्तर प्रदेश के दौरे में जिन-जिन योजनाओं, परियोजनाओं के कार्यक्रमों में भाग लिया वे वास्तविक तौर पर विभिन्न मंत्रालयों के अनवरत जारी रहने वाले स्वाभाविक कार्य है, फिर भी उनमें शामिल होकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हर जगह अपने नाम का पत्थर लगवाना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश में भी भाजपा का वही बुरा हाल होने वाला है।
हालाँकि उत्तर प्रदेश की जनता ने भाजपा गठबन्धन को 80 मेें से 73 सीटें जिताकर भाजपा की पूर्ण-बहुमत की सरकार केन्द्र में बनवायी है, परन्तु उसे विकास के नाम पर केवल शिलान्यास, भूमिपूजन व घोषणाओं आदि का लालीपाप ही अब तक दिया गया है और वह भी तब जबकि प्रदेश में विधानसभा का आमचुनाव नजदीक है।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र के महोबा में आज की जनसभा को पूरी तरह से फ्लाप बताते हुये उन्होंने कहा कि भाजपा व उसके चुनावी टिकटार्थियों द्वारा पूरी ताक़त झोंकनेे के बावजूद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आज महोबा में रैली फ्लाप होने से कार्यकर्ता काफी निराश व हतोत्साहित नज़र आये।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के महोबा में आज के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह की ही तर्ज पर ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी लोगों को बरगलाने वाली बातों के साथ-साथ बी.एस.पी. के बारे में असत्य व तथ्यहीन बातें कर रहे हैं। इसके अलावा बुन्देलखण्ड के विकास व उसके पिछड़ेपन को दूर करने के बारे में पुराने ढर्रे वाली वही घिटी-पिटी जुमलेबाजी व हवा-हवाई बातें कर रहे है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का यह आरोप भी पूर्णतया राजनीति से प्रेरित है कि बी.एस.पी. के शासनकाल में भू-माफिया व भ्रष्टाचारियों आदि पर कार्रवाई नहीं की गयी। इस बारे में ग़लतबयानी लोगों के गले के नीचे उतरने वाली नहीं है, क्योंकि आज भी लोगों में यह आमचर्चा है कि अतीक अहमद, रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया), उमाकान्त यादव जैसे कुख्यात लोगों को बी.एस.पी. के शासनकाल में ही जेल भेजा गया जबकि दूसरी पार्टियाँ उन्हें टिकट देती रहीं है। साथ ही, वरुण गाँधी को भी प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मामले में जेल बी.एस.पी. के शासनकाल में ही भेजा गया था।
भ्रष्टाचार के मामले में तो मंत्रियों को केवल बर्खास्त ही नहीं किया गया था बल्कि उनके मामलों की जाँच सी.बी.आई. को भी सौंपी गयी थी। इसके साथ-साथ सपा सरकार के समय में हुये पुलिस भर्ती घोटाले व मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष की धांधलियों की जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ निलम्बन आदि की कार्रवाई तथा उन्हें सख्त सजा दिलाने की भरपूर कोशिश की गई। परन्तु फिर सरकार बदल जाने के कारण इन मामलों की लीपापोती करके दोषियों को जेल जाने से बचा लिया गया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को बी.एस.पी. पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देख लेना चाहिये कि उनकी सरकार के महाभ्रष्टाचारी की श्रेणी में आने वाले ललित मोदी व विजय माल्या आदि धन्नासेठों को विदेश क्यों भाग जाने दिया गया? साथ ही, इस बारे में तमाम आश्वासनों के बावजूद, कालाधन की तरह ही, गबन व भ्रष्टाचार का उन जैसे काला कर्म करने वालों को अभी तक देश में लाकर कानून के कठघरे में क्यों नहीं खड़ा किया गया है?
बी.एस.पी. सरकार में हर प्रकार के कुख्यात गुण्डे, बदमाश, आपराधिक, साम्प्रदायिक व भ्रष्टाचारी लोग या तो जेलों की सलाखों के पीछे बन्द थे, जहाँ उनकी असली जगह है या फिर प्रदेश छोड़कर भाग गये थे और इस प्रकार सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में अमन-चैन, सौहार्द व कानून द्वारा कानून का राज था।
यह बात प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी जानते हंै, परन्तु प्रदेश में होने वाले आमचुनाव के मद्देनजर राजनीति करने में ज्यादा दिलचस्पी लेने लगते हैं।
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