भाजपा-कांग्रेस के मतों में सपा ने लगाई सेंध

भाजपा-कांग्रेस के मतों में सपा ने लगाई सेंध

सीधी— समाजवादी पार्टी अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कल सेमरिया में आयोजित विशाल सभा में गोपद बनास से दो बार विधायक रहे कृष्ण कुमार सिंह ‘‘भंवर साहब’’ को लाल टोपी पहनाकर समाजवादी पार्टी की सदस्यता प्रदान की। यहां भाजपा-कांग्रेस के मतों में सेंध लगाने का सूत्रपात हो गया। भंवर साहब की सपा में सक्रियता से दोनों ही दलों के चुनावी समीकरण बदलेंगे।
SAPA
विंध्य प्रदेश आजादी के बाद समाजवादियों का गढ़ रहा है। कांग्रेस के नेता स्व. चन्द्र प्रताप तिवारी, स्व. कृष्णपाल सिंह, स्व. श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी समाजवादी पार्टी से ही कांग्रेस में गये थें। सूत्रों की माने तो स्व. कुंवर अर्जुन सिंह भी 1962 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधान सभा चुनाव लड़ना चाहते थे, फिर निर्दलीय की हैसियत से मझौली विधान सभा से जीत हासिल की थी।

श्री भंवर साहब भी 2003 में समाजवादी पार्टी से गोपद बनास विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुने जा चुके हैं। उनके साथ सिंगरौली के पूर्व मंत्री वंशमणि वर्मा को भी कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने समाजवादियों का दामन थामा और विजयी रहे। यानि 2003 में सीधी जिले से 2 विधायक समाजवादी पार्टी से चुने गये थे।

जातिगत् राजनीति से जूझ रहे विंध्य क्षेत्र में आगामी विधान सभा चुनाव को दृष्टिगत् रखते हुये सपा, भाजपा-कांग्रेस के मतों में सेंध लगाने का गंभीर आगाज कर चुकी है। इसके पहले तक यह माना जाता था कि जिन्हें कांग्रेस – भाजपा से टिकट नहीं मिला तो वह सपा या बसपा का टिकट ले आते थे, परिणाम चाहे जो हो।

जैसा कि आम चर्चा है कि सपा और बसपा मध्य प्रदेश में एक साथ चुनाव लड़ सकते हैं, कांग्रेस भी गठजोड़ के मूड में है। छत्तीसगढ़ में वह गोंड़वाना पर डोरे डाल रही है। प्रदेश के मुखिया अनुसूचित जाति के वोटों को स्थिर रखने की कोशिश में ‘माई के लालों’ को चैलेन्ज कर चुके हैं । ऐसे में समाजवादी पार्टी सीधी जिले में धमाकेदार चुनावी शंखनाद, सेमरिया से कर चुकी है।

कृषि यांत्रिकी से स्नातक श्री भंवर साहब के स्पष्टवादी होने के नाते लोग उन्हें राजनीतिज्ञ नहीं मानते हैं। यह कह रहे हैं की – भले आदमी हैं, उनके साथ हैं। सेमरिया के आसपास के लोग चाहे वह जिस भी दल के हों, व्यक्तिशः जुड़े हैं। हालांकि वह 3 मर्तबा विलोपित विधान सभा क्षेत्र गोपद बनास से दो बार निर्दलीय और एक बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, दो बार वह विजयी रहे। चौथा चुनाव उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर सीधी विधान सभा से लड़े और पराजित हुये।

श्री भंवर साहब, चुरहट के ज्येष्ठ परिवार के हैं। उनके पिताश्री स्व. राव रण बहादुर सिंह, 1971 में सीधी संसदीय क्षेत्र से बतौर निर्दलीय सांसद रहे हैं। उनके चाचा स्व. कुंवर अर्जुन सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री, राज्यपाल व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में पहली मर्तबा श्रृजित किये गये उपाध्यक्ष पद को सुशोभित कर चुके हैं। वर्तमान में विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ‘‘राहुल भैया’’ के वह चचेरे बड़े भाई हैं।

श्री भंवर साहब के मधुर सम्बंध भाजपा के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े बड़े नेताओं के साथ ही कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया व दिग्विजय सिंह से हैं। उनकी व्यक्तिगत् अभिरुचि की बात की जाय तो वह किसानों, वन व वनवासियों के हित की बात करते हैं। लम्बे अर्से से वह लोक वानिकी संघ से जुड़े हैं।

मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गत् 12 मई को सीधी जिला मुख्यालय में रात्रि विश्राम का जिक्र लाजिमी है। हालांकि वह अधिकृत सूचना के अनुसार सीधी विधायक केदार नाथ शुक्ल की पुत्री के वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने आये थे।

11 वर्ष 3 माह 16 दिन बाद उनका सीधी में रात को रुकना, पार्टी की कोर कमेटी की बैठक लेना, आगामी चुनावी रणनीति व समाजवादी पार्टी की सभा के बाद होने वाले लाभ हानि व संभावित उम्मीदवारों का लेखा-जोखा, चर्चा का विषय बन चुका है।

विदित हो कि मुख्य मंत्री जी अपने प्रथम कार्यकाल में गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण करने 25 जनवरी 2007 को सीधी में रुके थे।

विजय सिंह
स्वतंत्र पत्रकार
19, अर्जुन नगर सीधी

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