• March 15, 2017

बैलेट पेपर का हर्ष –शैलेश कुमार

बैलेट पेपर का हर्ष –शैलेश कुमार

बैलेट पेपर का हर्ष : आज भी पंचायत चुनाव में बैलेट पेपर से ही मतदान हो रहा है , इसमें आश्चर्य क्या है ?

बैलेट पेपर का इतिहास : जब केंद्र में इंदिरा गाँधी थी तो चुनाव् के मोहर और बैलेट पेपर पान के दूकान में मिलता था। उस समय के मतदान कर्मी या समाहर्ता हों , तो गवाह बन सकते हैं।

जब बिहार के मुख्यमंत्री श्री जग्गनाथ मिश्रा थे तो –गिनती — में आधे अधूरे पेपर गिन कर परिणाम घोषित कर दिया जाता था। शेष को तालाब या सड़क के किनाए फेंक दिया जाता। जबरदस्ती डीएम को पराजित होने वालों को भी विजय घोषित करना पड़ता था ।

कम से कम ईवीएम को इतनी इज्जत तो है ही की अफसर को गला नहीं दबाया जाता है। मतदाता भी मत देते हैं । जबकि बैलेट पेपर से 20 % मतदाता मतदान नहीं कर पाते थे।

Related post

सामाजिक न्याय की योद्धा अनुप्रिया

सामाजिक न्याय की योद्धा अनुप्रिया

अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)———-  कुछ सवाल एक नहीं, अनेक बार उठते रहे हैं, जैसे स्वतंत्रता के…
कैदी की पैरोल अर्जी खारिज करने के लिए  जेलर पर 25,000 रुपये का जुर्माना

कैदी की पैरोल अर्जी खारिज करने के लिए जेलर पर 25,000 रुपये का जुर्माना

बॉम्बे हाईकोर्ट ने नासिक जेल के जेलर पर कानून का उल्लंघन करते हुए और ऐसा करने…
स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले  :  जमानत मंजूर: जमानत देने के खिलाफ फैसला

स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले : जमानत मंजूर: जमानत देने के खिलाफ फैसला

कलकत्ता उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों वाली खंडपीठ ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले में…

Leave a Reply