बिजली कटौती के कलंक से राज्य मुक्त : मध्यप्रदेश सरप्लस राज्यों की श्रेणी में

बिजली कटौती के कलंक से राज्य मुक्त : मध्यप्रदेश सरप्लस राज्यों की श्रेणी में

ऊर्जा एवं जनसम्पर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि राज्य सरकार के प्रयासों से बिजली के मामले में राज्य कटौती के कलंक से मुक्त हुआ है। अब बिजली की उपलब्धता के मामले में मध्यप्रदेश सरप्लस राज्यों की श्रेणी में आ गया है। उन्होंने कहा कि अब सबसे बड़ी चुनौती इसके ट्रांसमिशन में होने वाली टेक्निकल और कामर्शियल हानि को रोकना है। उन्होंने इसके लिये कर्मचारियों से कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया। ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ल मंगलवार को सतना जिले के मैहर में मध्यप्रदेश बिजली कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे।

ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में बिजली की कमी को दूर करने के लिये विद्युत वितरण कम्पनियों को आधारभूत कार्यों के लिये 25 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किये थे। उन्होंने कहा कि राज्य में शार्ट टर्म परचेज के माध्यम से बिजली नहीं ली जा रही है। केवल लांग टर्म परचेज के माध्यम से बिजली ली जा रही है। इसके लिये देश के दूसरे प्रांत के लोग बिना शार्ट टर्म परचेज बिजली लिये प्रदेश में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति को उपलब्धि से कम नहीं मान रहे हैं।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में टेक्निकल और कामर्शियल लॉस को 55 प्रतिशत से कम करते हुए 26 प्रतिशत तक पहुँचा दिया गया है। इस हानि को 10 से 15 प्रतिशत पहुँचाने पर ही असली काम पूरा होगा। इस मौके पर ऊर्जा मंत्री ने उत्कृष्ट कार्य के लिये बिजली कर्मचारियों को शॉल-श्रीफल से सम्मानित किया।

बिजली कर्मचारियों की बहुप्रतीक्षित माँगें हुई पूरी

ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ल ने बिजली कर्मचारियों की माँगों को शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से 60 वर्ष की गई। ऊर्जा मंत्री ने बिजली कर्मचारियों की वार्षिक वेतन-वृद्धि, डाईंग केडर के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष करने, रिक्त पदों पर विभागीय पदोन्नति, डीए का भुगतान राज्य शासन के भांति करने के मुद्दों पर विचार के लिये राज्य सरकार की तरह विद्युत कम्पनी के कर्मचारियों को वेतन समिति का गठन करने की घोषणा की।

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