- May 4, 2015
बाल विवाह के आयोजन में शामिल नहीं हों – मुख्य न्यायाधीश
जयपुर- भरतपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव न्यायमूर्ति श्री अश्विनी कुमार यादव ने बताया कि पीपल पूर्णिमा 4 मई को आयोजित होने वाले बाल विवाहों की संभावनाओं के बीच मुख्य न्यायाधिपति श्री सुनील अम्बवानी मुख्य संरक्षक राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कार्यकारी अध्यक्ष श्री अजय रस्तोगी ने समाज के समस्त नागरिकों से यह अपील की है कि वे बाल विवाहों को रोकने का प्रयास करें तथा उनमें शामिल नहीं हों।
अपील में बताया गया है कि बाल विवाहों से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में वृद्धि होती है, बालकों का विकास रुकता है तथा बाल वर-वधू समाज पर बोझ बन जाते हैं। उन्होंने हलवाई, टेन्ट वालों बैण्ड वालों, पण्डितों एवं पुरोहितों को बाल विवाह में सहयोग नहीं करने के निर्देश दिये हैं तथा जो व्यक्ति इनमें शामिल होगा उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने तथा विवाहों को शून्य घोषित करने की कार्यवाही के निर्देश भी दिये हैं।
6 मई से घूमेगी मोबाइल वैन
जिले में आमजन को कानूनी जानकारी देने, बाल विवाह रोकने, कन्या भ्रूण हत्या रोकने एवं अन्य सामाजिक बुराइयों को मिटाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से एक मोबाइल वैन भरतपुर संभाग के लिये स्वीकृत की गई है।
श्री यादव ने बताया कि राज्य में कुल 8 मोबाइल वैन हैं, जिनमें से एक भरतपुर संभाग को दी गई है। ये मोबाइल वैन प्रतिदिन मुख्य गांवों में घूमकर विधिक साक्षरता शिविर लगाकर आमजन में जागरुकता फैलायेंगी तथा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर विधिक साक्षरता शिविर आयोजित कर आमजन को विभिन्न जानकारी दी जायेगी। मोबाइल वैन 6 मई को कुम्हेर तहसील के ग्राम पला, चक
सितारा, सहती, मुकुन्दपुरा, तमरेर, सैंत आदि गांवों में भ्रमण करेगीे तथा रात्रि विश्राम ग्राम पंचायत सैंत में अटल सेवा केन्द्र पर करेगी।
पंचायत समिति सेवर की ग्राम पंचायत भरंगरपुर में 4 मई को, आनन्दनगर अनाज मण्डी कुम्हेर में 5 मई को विधिक जागरुकता शिविरों का आयोजन किया जायेगा। इन शिविरों की प्रभारी क्रमश: श्रीमती प्रज्ञा मिश्रा एडवाकेट एवं श्री नरेन्द्र सिंघल एडवोकेट होंगे।