• January 3, 2017

बकाया वसूली मामलों की जानकारी देने का निर्देश—उच्चतम न्यायालय

बकाया वसूली मामलों की जानकारी देने का निर्देश—उच्चतम न्यायालय

ऋण वसूली अपलीय न्यायाधिकरण की व्यवस्था खराब

बिजनेस स्टैंडर्ड— उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा दाखिल बकाया वसूली मामलों की जानकारी देने का निर्देश दिया। न्यायालय ने सरकार से उन मामलों की भी जानकारी मांगी है जो पिछले दस सालों से ऋण वसूली न्‍यायाधिकरणों (डीआरटी) और उनकी अपीलीय इकाइयों में लंबित हैं।

मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता में न्यायालय की एक पीठ ने सरकार से इस प्रश्न का उत्तर भी मांगा है कि क्या वसूली न्यायाधिकरण इस तरह के मामलों पर एक निश्चित समय सीमा में कानून के तहत निर्णय करने की पर्याप्त क्षमता रखते हैं या नहीं ?

न्यायालय ने कहा था कि गैर-निष्पादित आस्तियों का आंकड़ा कई लाख करोड़ रुपये का है और इसकी वसूली की प्रक्रिया तर्कसंगत नहीं है। इसके अलावा बैंकों और वित्तीय संस्थानों के ऋण की वसूली के लिए बनाई गई डीआरटी और ऋण वसूली अपलीय न्यायाधिकरण की व्यवस्था खराब हालत में है।

Related post

अफ्रीका की बाल जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है

अफ्रीका की बाल जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है

चूंकि अफ्रीका की बाल जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है – अनुमान है कि 2050 तक…
पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी

पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में 50 प्रतिशत से अधिक की…

संयुक्त राष्ट्र अंतर-एजेंसी समूह बाल मृत्यु दर आकलन (यूएन आईजीएमई) के नए अनुमानों के अनुसार, वर्ष…
31 वर्षीय भारतीय को सोशल मीडिया ऐप के ज़रिए कई बच्चों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में जेल

31 वर्षीय भारतीय को सोशल मीडिया ऐप के ज़रिए कई बच्चों का यौन उत्पीड़न करने के…

अमेरिका में एक 31 वर्षीय भारतीय को सोशल मीडिया ऐप के ज़रिए कई बच्चों का यौन…

Leave a Reply