- August 10, 2018
पोलीथिन पर प्रतिबंध के लिए अधिसूचना प्रारूप– उपमुख्यमंत्री
पटना————बीआईटी पटना कैम्पस स्थित सभागार में आयोजित ‘बिहार पृथ्वी दिवस’ समारोह के मुख्य अतिथि सह उद्धाटनकर्ता उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पोलीथिन बैग व एकल प्रयोग वाले प्लास्टिक के उत्पादन, वितरण और उपयोग को सरकार प्रतिबंधित करेगी। इसके लिए अधिसूचना प्रारूप जारी कर आम लोगों की राय ली जायेगी। इसके तहत दंड का प्रावधान भी किया जायेगा। उन्होंने छात्र-छात्राओं व आम लोगों से पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिलाए गए 11 सूत्री संकल्प पर अमल करने का आह्वान किया।
जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा प्रभाव कृषि व गरीबों पर पड़ रहा है। बिहार में पिछले साल नवम्बर में काफी ठंड पड़ी जिसकी वजह से हजारों एकड़ में मक्के की फसल में दाना नहीं आया। बिहार के कई इलाकों में भीषण बाढ़ आई जहां पहले कभी नहीं आई थी। बाढ़ का बहुत बड़ा कारण अंधाधुंध पेड़ों की कटाई है।
यूरोप के देशों और पेरिस समझौता से इनकार करने वाला अमेरिका ने दुनिया को सबसे ज्यादा प्रदूषित किया है। अमेरिका प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति 16.9 टन, रूस 10.19 टन, यूरोपियन यूनियन 6.9 टन तथा चीन 7.7 टन जबकि भारत मात्र 1.6 टन कार्बन उत्सर्जित करता है। अमेरिका ने तो उत्सर्जन को कम करने से भी इनकार कर दिया है। इन देशों ने बेशुमार कारखाने लगा कर विकास तो कर लिया मगर इस बात की चिन्ता नहीं की कि पर्यावारण पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। भारत ने तय किया है कि 2022 तक उसे जितनी बिजली की जरूरत है उसका एक तिहाई हिस्सा वैकल्पिक ऊर्जा से प्राप्त करेगा।
यह पृथ्वी केवल इंसानों के लिए नहीं, बल्कि जीव-जंतु, पहाड़,नदी, पेड-पौधे सभी के लिए हैं। हवा, पानी और मिट्टी प्रकृति की देन है। इसे सहेजना और शुद्धतम रूप में अपनी भावी पीढ़ी को सौंपना हमारा दायित्व है।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा, विधायक अरुण कुमार सिन्हा, पर्यावरण व वन विभाग के प्रधान सचिव त्रिपुरारी शरण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डा. डी के शुक्ल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।