पानी के भीषण संकट से जूझ रहे दमोह

पानी के भीषण संकट से जूझ रहे दमोह

पीने के पानी के भीषण संकट से जूझ रहे दमोह शहर में अब भरपूर पानी मिलने लगा है। शहर में 120 किलोमीटर की दूरी से पानी लाया गया है।

इस साल दमोह शहर को पानी की पूर्ति करने वाला राजनगर तालाब सूख कर फुटबाल के मैदान की तरह हो गया था। कोपरा नदी से 15 दिन में एक बार पानी दिया जा रहा था। जनवरी आते-आते यह नदी भी सूखने लगी।

आपातकालीन व्यवस्था करते हुए नगरपालिका ने पाइप लाइन बिछाकर ब्यारमा नदी में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित जुझारघाट स्टापडेम से पानी छोड़ा। शहर में 27 मार्च को जब 325 हार्सपावर पम्प से राजनगर तालाब में पानी पहुँचा तो उत्सव जैसा माहौल हो गया।

अप्रैल के पहले सप्ताह से ही शहर में पानी की पूर्ति शुरू की गई अब वहाँ 15 दिन के स्थान पर हर दूसरे या तीसरे दिन पानी मिल रहा है। प्रतिदिन पानी देने के लिए वितरण प्रणाली को सुधारा जा रहा है।

जुझारघाट में जल का स्तर बनाये रखने के लिए जल संसाधन विभाग ने गोपालपुरा, कनियाघाट, इमलियाघाट और सूरदेही स्टापडेम के गेट खोले गये।

इस व्यवस्था से बिजोरा नाला, टुंडरी नदी, बमनेर नदी और ब्यारमा नदी में भी पानी प्रवहमान है। इससे आसपास के गाँव में भी पानी की सुविधा हो गई है। नदी किनारे के गाँव में मूंग की फसल को भी पानी मिल रहा है साथ ही नौरादेही अभयारण्य में भी वन्य-प्राणियों की प्यास बुझ रही है।

Related post

धार्मिक समाज सुधारकों की परंपरा को बचाने की लड़ाई

धार्मिक समाज सुधारकों की परंपरा को बचाने की लड़ाई

एड. संजय पांडे — शिवगिरी मठ सभी दलों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है। वार्षिक…
हिमालय की तलहटी में  6.8 तीव्रता का भूकंप,95 लोग मारे गए,नेपाल, भूटान और भारत में भी इमारतों को हिला दिया

हिमालय की तलहटी में  6.8 तीव्रता का भूकंप,95 लोग मारे गए,नेपाल, भूटान और भारत में भी…

बीजिंग/काठमांडू 7 जनवरी (रायटर) – चीनी अधिकारियों ने कहा  तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से…
1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग याचिका पर विचार करने पर सहमति : सर्वोच्च न्यायालय

1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग याचिका पर विचार करने पर सहमति…

सर्वोच्च न्यायालय ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की उस याचिका पर विचार करने पर सहमति जताई…

Leave a Reply