• September 17, 2021

पाक ऐसा बने कि दुनिया नाज़ करे—- डॉ. वेदप्रताप वैदिक

पाक ऐसा बने कि दुनिया नाज़ करे—-  डॉ. वेदप्रताप वैदिक

पाकिस्तान ने संयुक्तराष्ट्र मानव अधिकार परिषद और ‘इस्लामी सहयोग संगठन’ (आईआईसी) में कश्मीर का मुद्दा फिर से उठा दिया है। पाक प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि कश्मीर में मानव अधिकारों का उल्लंघन कहाँ-कहाँ और कैसे-कैसे हो रहा है? यदि वह अपनी बात प्रमाण सहित कहता तो न सिर्फ भारत सरकार उस पर ध्यान देने को मजबूर होती बल्कि भारत में ऐसे कई संगठन और श्रेष्ठ व्यक्ति हैं, जो मानव अधिकारों के हर उल्लंघन के खिलाफ निडरतापूर्वक मोर्चा लेने को तैयार हैं। इस समय कश्मीर के लगभग सभी नजरबंद नेताओं को मुक्त कर दिया गया है। यह ठीक है कि उन्हें कई महिनों तक नजरबंद रहना पड़ा है, जो कि अच्छी बात नहीं है लेकिन कोई बताए कि उन्हें सुरक्षित रखना भी जरुरी था या नहीं? यदि धारा 370 और 35ए के खात्मे के बाद कश्मीर में उथल-पुथल मचती तो पता नहीं कितने लोग मरते और कितने घर बर्बाद होते। इन बड़े कश्मीरी नेताओं की नजरबंदी के कारण उनकी जान तो बची ही, सैकड़ों लोग हताहत होने से भी बच गए।

हमें यही सोचना चाहिए कि उनकी जान बड़ी है या उनकी जुबान बड़ी है? इसके अलावा महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि पाकिस्तान अभी भी इस मरे चूहे को क्यों घसीटे चला जा रहा है? उसे पता है कि वह हजार साल भी चिल्लाता रहे तो भी कश्मीर उसका हिस्सा नहीं बन सकता। कश्मीर-कश्मीर चिल्लाते-चिल्लाते उसने अपना कितना नुकसान कर लिया है। भारत के साथ उसने तीन बड़े युद्ध लड़े। उनमें वह हारा। उसने लगातार आतंकी भेजे। सारी दुनिया की बदनामी झेली। अपने आम आदमी की जिंदगी में सुधार करके वह भारत से आगे निकल जाता तो जिन्ना भी बहिश्त में खुश हो जाते लेकिन उसे पहले अमेरिका की गुलामी करनी पड़ी और अब चीन की करनी पड़ रही है।

क्या जिन्ना ने पाकिस्तान इसीलिए बनवाया था? जरुरी यह है कि वह कश्मीर को आजादी दिलाने के पहले खुद आजाद होकर दिखाए। यदि वह अपने नागरिकों के मानव अधिकारों की रक्षा कर रहा होता तो वह इस्लामी जगत ही नहीं, सारी दुनिया का सितारा बन जाता लेकिन उसके हजारा, पठानों, सिंधुओं, बलूचों, हिंदुओं, सिखों और शियाओं की हालत क्या है?

खुद प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी उस पर कई बार अफसोस जाहिर कर चुके हैं। पाकिस्तान की जनता और सरकार पहले खुद अपने मानवों के अधिकारों की रक्षा करके दिखाए, तब उन्हें भारत या किन्हीं देशों के बारे में बोलने का अधिकार अपने आप मिलेगा। जहाँ तक ‘इस्लामी सहयोग संगठन’ का सवाल है, उससे तो मैं इतना ही कहूँगा कि वह पाकिस्तान का सहयोग सबसे ज्यादा करे। उसे अमेरिका और चीन-जैसे देशों के आगे झोली पसारने के लिए मजबूर न होने दे। उसे युद्ध और आतंकवाद में फंसने से बचाए। इस्लाम के नाम पर बना वह दुनिया का एक मात्र देश है। उसे वह ऐसा देश क्यों न बनाए कि सारी दुनिया उस पर और इस्लाम पर नाज़ करे?

Related post

जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल : कन्वर्जेंस कार्यक्रम के तहत 1000 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी

जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल : कन्वर्जेंस कार्यक्रम के तहत 1000 से अधिक कंपनियों के साथ…

 PIB Delhi—एक महत्वपूर्ण सुधार में, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने शिकायतों के समाधान में तेजी लाने…
‘‘सहकारिता सबकी समृद्धि का निर्माण’’ : संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 : प्रधानमंत्री

‘‘सहकारिता सबकी समृद्धि का निर्माण’’ : संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 : प्रधानमंत्री

 PIB Delhi:——— प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 25 नवंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में दोपहर…
चुनाव परिणाम : सत्ता पक्ष को फिर मिला जनादेश

चुनाव परिणाम : सत्ता पक्ष को फिर मिला जनादेश

सुरेश हिंदुस्तानी– देश के दो राज्यों के साथ कुछ राज्यों के उपचुनाव के परिणाम ने सत्ता…

Leave a Reply