• November 30, 2017

पांच साल से 62 प्रतिशत अधिक खर्च – कृषि मंत्री

पांच साल से 62 प्रतिशत अधिक खर्च  – कृषि मंत्री

जयपुर, 30 नवंबर। कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि राज्य सरकार ने कृषि और कृषक कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सरकार ने मात्र चार साल में कृषि के क्षेत्र में 9 हजार 551 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने पूरे पांच साल में केवल 5हजार 893 करोड़ रुपये खर्च किए।
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हमारी सरकार ने चार वर्ष में ही गत सरकार की तुलना में 62 फीसदी से अधिक राशि खर्च कर किसानों को संबल दिया है। इसके अलावा एक करोड़ 32 लाख किसानों को 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक कृषि आदान सहायता के रूप में दिए गए।

श्री सैनी गुरूवार को राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, दुर्गापुरा में सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

माउंट आबू में बनेगा विश्वस्तरीय एग्रो ट्यूरिज्म सेंटर

कृषि मंत्री ने बताया प्रदेश के हिल स्टेशन माउंट आबू में विश्वस्तरीय एग्रो ट्यूरिज्म सेंटर विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए सलाहकार नियुक्त कर लिए गए हैं। इस सेंटर पर किसानों के साथ सैलानियों के रूकने, खाने और घूमने के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही जयपुर जिले के बस्सी में स्थित उत्कृष्टता केन्द्र अनार, टोंक जिले के देवड़ावास में स्थित उत्कृष्टता केन्द्र अमरूद, कोटा जिले के नांता में स्थित उत्कृष्टता केन्द्र नींबूवर्गीय फल और जैसलमेर जिले के सगरा भोजका स्थित उत्कृष्टता केन्द्र खजूर को भी एग्री ट्यूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा।

कृषि और पशुपालन विभाग में होंगी 4 हजार 132 पदों पर भर्तियां

श्री सैनी ने बताया कि कृषि व पशुपालन विभाग में कुल 4 हजार 136 पदों पर भर्तियां की जाएंगी। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा 750 कृषि पर्यवेक्षक, 409 तकनीकी एवं अधीनस्थ सेवा के पदों पर और पशुपालन विभाग द्वारा 900 पशु चिकित्सा अधिकारी तथा 2077 पशुधन सहायकों के पदों पर भर्ती की जायेगी। उन्होंने बताया कि गत चार वर्षों में कृषि विभाग द्वारा कृषि पर्यपेक्षक के 2235 और तकनीकी एवं अधीनस्थ सेवा के 643 पदों पर भर्ती की गई। इसके साथ ही पशुपालन विभाग द्वारा 1782 पशुधन सहायक और 445 पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की गई।

प्रदेश में स्थापित होंगे 2652 कस्टम हायरिंग सेंटर

कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश के लघु एवं लघु सीमान्त कृषकों को कृषि यंत्र किराये पर उपलब्ध कराने के लिए आगामी तीन वर्षों में 2652 कस्टमर हायरिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे। वर्ष 2017-18 में 750 कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित किये जायेंगे हैं। अब तक 200 कस्टम हायरिंग सेन्टर की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा चुकी है।

प्रत्येक ग्राम पंचायत पर खुलेगी पशु चिकित्सा इकाई

श्री सैनी ने बताया कि राज्य की प्रत्येक ग्राम पंचायत पर पशु चिकित्सा इकाई खोली जाएगी। उन्हाेंने बताया कि इन चार वर्षों में 2560 नवीन पशु चिकित्सा उपकेन्द्र स्वीकृत किये जा चुके है तथा 540 नवीन पशु चिकित्सा उपकेन्द्रों का खोला जाना प्रक्रियाधीन है।

राज्य को मिला कृषि कर्मण पुरस्कार

श्री सैनी ने बताया कि राजस्थान में गेहूं के क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय उत्पादन और उत्पादकता वृद्धि के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान किया गया। सोलर पम्प सैट स्थापित करने में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है। इसके लिए भारत सरकार के नवीन एवं नवीनीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा सम्मानित किया गया। नीति आयोग ने भी राजस्थान को कृषि विपणन एवं कृषक मित्रवत सुधार क्षेत्र के लिए राजस्थान को तृतीय रैंक दी है।

ग्राम के माध्यम किसानों को उन्नत तकनीक से कराया रूबरू

कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों को उन्नत कृषि तकनीक से रूबरू करवाने के लिए जयपुर, कोटा और उदयपुर में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट ‘ग्राम‘ का आयोजन किया गया। इनमें लगभग 2 लाख किसानों द्वारा भाग लिया गया। ग्राम आयोजनों में कृषि और सम्बद्ध क्षेत्र के निवेशकों से लगभग 6 हजार करोड़ रुपये के 78 एमओयू किए गए। इन एमओयू के धरातल पर आने से 70 हजार 762 लोगों को रोजगार मिलेगा।

फसल बीमा के तहत 4 करोड़ एक लाख किसानों को 4994 करोड़ रुपए के बीमा क्लेम
कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा गत चार वर्षों में 4 हजार 994 करोड़ रूपये के बीमा क्लेम किसानों को दिए गए। इसके अलावा पहली बार 105 करोड़ रुपए राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों के किसान को मिडटर्म सहायता के रूप में प्रदान किए गए हैंं ।

उन्होंने बताया कि प्रति किसान बीमा क्लेम देने में भी राजस्थान देश में अग्रणी स्थान रखता है। इसके अलावा कृषक साथी योजना के तहत विगत चार वर्षों में 12 हजार 42 किसानों और मंडी श्रमिकों को 127 करोड़ 39 लाख रुपये की सहायता दी गई। किसान कलेवा योजना के तहत 89 लाख 38 हजार लाख व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया।

प्रदेश की सभी कृषि जोतों के जारी किए सॉयल हेल्थ कार्ड

कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश की समस्त कृषि जोतों के सॉयल हेल्थ कार्ड जारी कर दिए गए हैं। अभी तक 77 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किए गए हैं। सॉयल परीक्षण में राज्य की मिट्टी में जस्ते की 45 प्रतिशत, आयरन की 47 प्रतिशत, ऑरगेनिक कार्बन की 80 प्रतिशत कमी पाई गई है। प्रदेश की मृदा सुधार के लिए विगत 2 वर्षो में राज्य के एक लाख 18 हजार किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड आधारित सूक्ष्म तत्व उर्वरक किट वितरित किये गये है।

जल संरक्षण के लिए किसानों को दिया 1034 करोड़ रुपये का अनुदान

श्री सैनी ने बताया कि जल संरक्षण से संबंधित विभिन्न योजनाओं के लिए किसानों को 1034 करोड़ रुपये का अनुदान उपलब्ध कराया गया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 4011 जल हौज, 580 जल सरंक्षण ढांचा, 11 हजार 958 डिग्गी, 16 हजार 946 खेत तलाई निर्माण, 97 हजार 750 हेक्टेयर में फव्वारा संयत्र, 30 हजार किलोमीटर में पाईपलाइन और 71 हजार 116 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप संयंत्र स्थापित किए गए।

जैतून की विश्व की पहली प्रसंस्कृत चाय बनाने वाला प्रदेश बना राजस्थान

कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा फसलों के विविधीकरण पर विशेष फोकस किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जैतून, किनोवा, ड्रैगन फ्रूट और खजूर जैसी गैर परम्परागत फसलों का सफलतापूर्वक उत्पादन किया गया है।

जैतून के क्षेत्र में तो प्रदेश आयातक से निर्यातक की श्रेणी में आ गया है। देश के 15 राज्यों और नेपाल को पौध राज्य द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अलावा देश की प्रथम ऑलिव रिफायनरी की स्थापना बीकानेर के लूणकरणसर में की गई और विश्व की पहली प्रसंस्कृत जैतून चाय का उत्पादन भी जयपुर के बस्सी में शुरू हो चुका है। इसके अलावा विभिन्न फसलों के उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना की गई है।

328 करोड़ रुपये की लागत से कराया 975 किलोमीटर सड़कों का निर्माण

श्री सैनी ने बताया कि कृषि विपणन बोड द्वारा कृषि उपज मंडी समितियों के क्षेत्र के अन्तर्गत 328.55 करोड़ रूपये की लागत से 975.51 कि.मी. सड़कों का निर्माण कराया गया है। इसके साथ ही कृषि विपणन बोर्ड द्वारा भवन एवं मण्डी प्रांगणों के निर्माण कार्यों पर 1015.48 करोड़ रुपये व्यय किये गये।

इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्रीमती नीलकमल दरबारी, पशुपालन विभाग के सचिव श्री अजिताभ शर्मा, राजस्थान राज्य भंडार व्यवस्था निगम के प्रबंध निदेशक श्री गिराराज सिंह, कृषि आयुक्त श्री विकास सीतारामजी भाले, राजस्थान कृषि प्रतिस्पद्र्धात्मक परियोजना के निदेशक डॉ. ओमप्रकाश, उद्यान विभाग के निदेशक श्री वीपी सिंह, राजस्थान राज्य बीज निगम की प्रबंध निदेशक श्रीमती सुषमा अरोड़ा सहित कृषि और सम्बद्ध विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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