• September 11, 2015

पशुधन का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता – मुख्यमंत्री

पशुधन का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता – मुख्यमंत्री

जयपुर – मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राजस्थान में पशुधन का विकास सरकार की प्राथमिकता है क्योंकि विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों में भी राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को पशुधन ही निरन्तर गति देता है। मुख्यमंत्री गुरुवार को कम्पाउण्ड लाइव स्टॉक फीड मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीएलएफएमए) ऑफ इंडिया के वार्षिक समारोह का उद्घाटन कर रही थीं।
श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान देश के सबसे बड़े पशुपालक राज्य में एक है, लेकिन यहां पशु चारे की सख्त कमी है और सूखे के दिनों में तो यह कमी और भी बढ़ जाती है। इसलिए राज्य में पशुचारे से सम्बन्धित उद्योगों की अपार सम्भावनाएं हैं। इसी प्रकार पॉल्ट्री फीड के लिए आवश्यक मक्का का राजस्थान में उत्पादन प्रचुर मात्रा में होता है। मिश्रित पशु आहार के लिए कच्चा माल भी यहां अच्छी मात्रा में उपलब्ध है क्योंकि सोरगम, बाजरा, दालें व गेहूं जैसे सभी जरूरी अनाज की प्रदेश में अच्छी पैदावार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश में पशु आहार उद्योग का अपेक्षित विकास नहीं हो सका। उन्होंने उद्यमियों और निवेशकों का आह्वान किया कि वे प्रदेश में पौष्टिक पशु आहार के उत्पादन इससे जुड़ी मशीनरी एवं अन्य व्यवसायों में निवेश करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नवम्बर माह में प्रस्तावित रिसर्जेंट राजस्थान समिट के दौरान इस क्षेत्र में विभिन्न उद्योग स्थापित करने के लिए उद्यमियों के साथ एमओयू हस्ताक्षरित करने के लिए उत्सुक है।
श्रीमती राजे ने कहा कि कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार एक कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि विपणन नीति तैयार कर रही है, जिसका लाभ भी पशु आहार उद्योग में निवेश करने वाले उद्यमियों को मिल सकेगा। यह नीति शीघ्र ही जारी की जायेगी। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र से जुड़े पशु आहार उत्पादन जैसे उद्योग में निवेश को आकर्षित करने के लिए औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति के साथ-साथ कुछ अन्य सब्सिडी तथा करों में छूट देने का भी प्रस्ताव है।
कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में 5.77 करोड़ से अधिक पशुधन है और देश का 11.62 प्रतिशत दूध का उत्पादन हमारे यहां होता है, इसके चलते यहां पशुधन के विकास के लिए आवश्यक मिश्रित पशु आहार उत्पादन उद्योग के विकास की अपार सम्भावनाएं हैं।
कार्यक्रम को सीएलएफएमए के अध्यक्ष श्री अमित सरावगी, मानद् सचिव डॉ. पी.जी. फाल्के, संयोजक श्री नीरज कुमार श्रीवास्तव ने भी सम्बोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नागपुर एवं कलकत्ता के कृषि एवं पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों के कुलपतियों प्रो. ए.के. मिश्रा एवं प्रो. पूर्णेन्दु बिस्वास को सम्मानित भी किया। श्रीमती राजे ने प्रदेश में निवेश की सम्भावनाओं के मेनजर पशु आहार उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ एक बिजनेस मीटिंग में भी हिस्सा लिया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि श्री अशोक सम्पतराम, विभिन्न विभागों के प्रमुख शासन सचिव, अन्य अधिकारी तथा उद्यमी उपस्थित थे।

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