पवन ऊर्जा के क्षेत्र से 456.3 मेगावॉट क्षमता

पवन ऊर्जा के क्षेत्र से 456.3 मेगावॉट क्षमता

प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के अलावा गैर-परम्परागत साधनों से बिजली उत्पादन करने के मकसद से पवन ऊर्जा को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य में वर्ष 2014-15 में पवन ऊर्जा के क्षेत्र से 456.3 मेगावॉट क्षमता की परियोजना स्थापित की गयी है। यह क्षमता पिछले 20 वर्ष में स्थापित की गयी 361.4 मेगावॉट से अधिक है।

मध्यप्रदेश में अब तक 820 मेगावॉट क्षमता की 38 पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित की जा चुकी हैं। इनमें से 740 मेगावॉट क्षमता की परियोजनाएँ उज्जैन संभाग के देवास, मंदसौर, रतलाम एवं आगर-मालवा जिले में स्थापित की गयी हैं। पिछले कुछ वर्षों में इन्वेस्टर समिट के दौरान पवन ऊर्जा के क्षेत्र में निजी निवेशकों को प्रोत्साहित किये जाने की पहल राज्य सरकार द्वारा की गयी है। इसके फलस्वरूप मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम को निजी निवेशकों से द्वितीय चरण में 77 परियोजना के 3527 मेगावॉट क्षमता एवं तृतीय चरण में 99 परियोजना के 5754 मेगावॉट क्षमता के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

प्रदेश में पवन ऊर्जा के क्षेत्र में 6300 मेगावॉट क्षमता की 147 परियोजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। राज्य में पवन ऊर्जा के क्षेत्र में देश की सभी प्रतिष्ठित कम्पनी गमेशा, आयनाक्स विण्डवर्ल्ड, सुज़लान, हीरो, रिन्यू पावर और रीजन पावर अपने प्रोजेक्ट लगा रही हैं। प्रदेश में विण्ड टर्बाइन के उपकरणों का निर्माण भी किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिये इंदौर में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में आयनाक्स समूह के साथ एमओयू किया गया है।

आने वाले वर्षों में मध्यप्रदेश भी पवन ऊर्जा से बिजली पैदा करने वाले अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल होगा।

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