न्यूज़-24 न्यूज चैनल पर पुनर्विचार मामला दर्ज –

न्यूज़-24 न्यूज चैनल पर पुनर्विचार मामला दर्ज –

देश का नम्बर 1 बिकाऊ न्यूज़ चैनल

नीरज गुप्ता——————-माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेड महोदय राम प्रसाद सिंह देवसर द्वारा दिनांक 12-01-18 को मामला नीरज गुप्ता V/S अनुराधा प्रसाद बगैरह मामला किये गए आदेश के खिलाफ दिनांक 27-01-18 को दिव्यांग फरियादी नीरज गुप्ता ने माननीय अपर जिला न्यायालय महोदय जी०एस० नेताम देवसर की बेंच में पुनर्बिचार मामला दर्ज किया गया l जिसकी पहली सुनवाई दिनांक 07-04-18 को हैं| जो इस प्रकार हैं –

श्री मान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधिश महोदय देवसर
जिला सिंगरौली (मध्य प्रदेश)

नीरज गुप्ता पिता मुन्नी लाल गुप्ता उम्र 32 वर्ष पेशा वेरोजगारी निवासी ग्राम बरगवां थाना बरगवां जिला सिंगरौली (मध्य प्रदेश)

परिवादी
बनाम

1. अनुराधा प्रसाद मुख्य प्रबंधक न्यूज़-24 ब्राडकास्ट इंडिया लिमिटेड पति राजीव शुक्ला व पिता ठाकुर प्रसाद बिजनेस आफिस बी०ए०जी० फिल्म एवं मिडिया लिमिटेड, एफ०सी०-23, सेक्टर 16-ए, फिल्म सिटी, नोयडा, उत्तर प्रदेश 201301

2. देवेन्द्र पाण्डेय पिता अंजनी कुमार पाण्डेय कुंदन एजेंसी के पीछे विन्ध्यनगर जिला सिंगरौली मध्य प्रदेश मोबाईल नं० 9425303690 व 9165538865

3. न्यूज़-24 आफिसियल व्हाट्सऐप अटेंडर पिता नामालूम कर्मचारी न्यूज़-24 कर्मचारी न्यूज़-24 बिजनेस आफिस बी०ए०जी० फिल्म एवं मिडिया लिमिटेड, एफ०सी०-23, सेक्टर 16-ए, फिल्म सिटी, नोयडा, उत्तर प्रदेश 201301

4. पंकज शर्मा पिता नामालूम कर्मचारी न्यूज़-24 कर्मचारी न्यूज़-24 बिजनेस आफिस बी०ए०जी० फिल्म एवं मिडिया लिमिटेड, एफ०सी०-23, सेक्टर 16-ए, फिल्म सिटी, नोयडा, उत्तर प्रदेश 201301 —————–आरोपीगण

420, 465, 500, 34-IPC धारा 204,
420, 465, 500, 34-IPC
——————————————-
अधिनस्थ न्यायालय मुख्य न्यायिक
मजिस्ट्रेड महोदय आर०पी० सिंह के
न्यायालय के आदेश दिनांक 12-01-18
के विरुद्ध पुनर्विचार आवेदन पत्र
———————————————

आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 399, 400, CRPC

वास्ते

पुनर्विचार

मान्यवर

पुनर्विचार के आधार निम्नलिखित हैं :–

यह कि आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय न्यूज़-24 का सिंगरौली जिला के संवाददाता हैं है। अधिनस्थ मजिस्ट्रेड न्यायालय में परिवादी द्वारा विप्रो प्रमुख अज़ीम प्रेम जी सहित 5 आरोपियों के विरुद्ध परिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया थाहै। उक्त परिवाद पत्र में अधिनस्थ न्यायालय संज्ञान लेते हुए, आरोपी सुरेश महतो एवं आरोपी अलोक कुमार संधिल्या के विरुद्ध प्रकरण क्र० 621/16 दिनांक 05-05-16 को धारा 420, 465, 120-बी० के अंतर्गत दोनों आरोपियों के विरुद्ध परिवाद पत्र पंजीकृत किया गया हैं। उक्त परिवाद विप्रो प्रमुख अज़ीम प्रेम जी के विरुद्ध होने के कारण न्यूज़-24 के संबाददाता देवेन्द्र पाण्डेय ने परिवादी से परिवाद की जानकारी ली है। तथा परिवाद के खबर को प्रसारण के लिए परिवादी का विडिओ बनाया, तत्पश्चात परिवादी से खबर प्रसारण करने हेतु परिवादी से 1500 रु० की मांग कि, परिवादी एक गरीब, विकलांग, एवं वेरोजगार होने के कारण पैसे देने से मना कर दिया है एवं आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय द्वारा परिवादी की ली गई विडिओ परिवादी द्वारा आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय से वापस मांगी गई है। जिस पर आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय द्वारा परिवादी की विडिओ वापस देने से मना कर दिया गया है एवं परिवादी को जरिये नोटिस धमकाया गया l एवं यह कहा गया कि उक्त विडिओ में तोड़मरोड़ कर पेश कर उल्टा परिवादी को ही फसाऊँगा l तथा आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय द्वारा यह कहा गया कि अधिनस्थ न्यायालय द्वारा जो प्रकरण क्र० 621/16 दिनांक 05-05-16 वह गलत एवं झूठा हैं l न्यायालय ने सही संज्ञान नहीं लिया हैं l ऐसे झूठे एवं फर्जी तरीके से न्यायाधीश द्वारा पंजीकृत परिवाद की खबर नहीं प्रसारण किया जायेगा l ऐसा कह कर आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय ने माननीय न्यायालय का अपमान किया हैं l परिवादी द्वारा आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय की शिकायत न्यूज़-24 के अधिकारी पंकज शर्मा से किया गया, तो आरोपी पंकज शर्मा द्वारा परिवादी को धमकाया गया l और कहा गया कि परिवादी भी झूठा हैं और परिवादी का न्यायालय भी झूठा हैं l ऐसा कह कर माननीय न्यायालय का अपमान आरोपी पंकज शर्मा द्वारा भी किया गया l इसी प्रकार परिवादी द्वारा आरोपी की शिकायत ट्वीटर के माध्यम से आरोपी अनुराधा प्रसाद मुख्य प्रबंधक न्यूज़-24 से किया गया l तब आरोपी अनुराधा प्रसाद द्वारा ट्वीटर ब्लाक कर डिलीट कर दिया गया l जिससे धारा 204 इलेक्ट्रोनिक साछ्य मिटाना स्पस्ट हैं l इसी प्रकार अन्य दोनों आरोपी परिवादी से व्हाट्सऐप पर हुए वार्तालाप को डिलीट कर इलेक्ट्रोनिक साछ्य मिटाया गया l

न्यूज़-24 के माध्यम से आरोपी संबाददाता देवेन्द्र पाण्डेय द्वारा पैसा लेकर खबर प्रसारण की बात की, अत: IPC धारा 420, 465 का मामला बनता हैं l किन्तु अधिनस्थ न्यायालय द्वारा उक्त मामले पर संज्ञान नहीं लिया गया l एवं परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र ख़ारिज कर दिया गया l अधिनस्थ न्यायालय द्वारा परिवाद पत्र के संज्ञान लेने में कई त्रुटिया की गई हैं l जिससे ब्यथित हो कर परिवादी द्वारा उक्त पुनर्बिचार आवेदन माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा हैं –

1. यह कि अधिनस्थ न्यायालय के आदेश दिनांक 12-01-18 में अधिनस्थ न्यायालय ने यह तो अवस्य माना हैं कि परिवादी द्वारा आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय से 1500 रु० लेनदेन की बात की गई हैं l एवं आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय द्वारा परिवादी को अंजाम भुगतने की धमकी भी दि गई हैं l अत: IPC की धारा 420 के तहत मामला पंजीकृत न करके अधिनस्थ न्यायालय ने त्रुटीपूर्ण आदेश किया हैं l

2. यह कि अधिनस्थ न्यायालय ने उक्त आदेश में यह भी माना हैं कि न्यूज़-24 के व्हाट्सऐप अटेंडर द्वारा आफिसियल व्हाट्सऐप को डिलीट कर दिया गया हैं l जब परिवादी ने घटना को ट्वीटर के माध्यम से प्रसारण किया तो, अटेंडर पंकज शर्मा ने पुन: आफिसियल व्हाट्सऐप को जोड़ दिया लेकिन प्रोफाइल से फोटो और स्टेटस को डिलीट कर दिया गया l अत: स्पस्ट हैं कि अटेंडर पंकज शर्मा एवं देवेन्द्र पाण्डेय ने इलेक्ट्रोनिक दस्तावेज का विलोपन किया हैं l अत: IPC के धारा 204 के अपराधी दोनों आरोपी अटेंडर पंकज शर्मा और देवेन्द्र पाण्डेय आरोपी बनाते हैं l किन्तु अधिनस्थ न्यायालय ने परिवाद पत्र को ख़ारिज कर के बहुत बड़ी भूल कर त्रुटीपूर्ण आदेश किया हैं l

3. यह कि प्रक्ररण क्र० 621/16 के संबंध में अधिनस्थ न्यायलय द्वारा स्वयं ही मामले में संज्ञान लिया गया हैं l एवं उक्त मामले में 2 आरोपियों के खिलाफ मामला पंजिबध्य किया गया हैं l आरोपीगण द्वारा अधिनस्थ न्यायालय के आदेश को झूठा, गलत और फर्जी कहा गया l किन्तु अधिनस्थ न्यायालय ने आरोपीगण के विरुद्ध IPC धारा 500 न्यायालय की अपमान न मानते हुए l बहुत बड़ी भूल की हैं l अधिनस्थ न्यायालय का आदेश पूर्णत: त्रुटीपूर्ण हैं l

4. यह कि अधिनस्थ न्यायालय ने अपने आदेश में यह स्पस्ट माना हैं कि न्यूज़-24 चैनल के द्वारा सहआशय संपर्क बंद किया गया तथा परिवादी के द्वारा प्रस्तुत इंटरनेट दस्तावेजों में स्पस्ट हैं कि आरोपी अनुराधा प्रसाद व मानक गुप्ता के द्वारा ट्वीटर को भी ब्लाक किया गया हैं l जिससे यह स्पस्ट हैं कि आरोपी अनुराधा प्रसाद, आरोपी पंकज शर्मा और आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय एक-दुसरे से मिलाती जुलती कड़ी हैं l जिससे देवेन्द्र पाण्डेय के निर्देश पर ही उक्त ट्वीटर को ब्लोक किया गया हैं l जिससे परिवादी के शिकायत का अवलोकन न किया जा सके l जिसके कारण परिवादी की आर्धिक एवं मानशिक छती हुई हैं l व परिवादी की स्वत: हानी हुई हैं l किन्तु अधिनस्थ न्यायालय ने परिवादी की कोई छती न होना बता कर बहुत बड़ी भूल की हैं l अत: अधिनस्थ न्यायालय का आदेश पूर्णत: त्रुटीपूर्ण हैं l

5. यहा कि परिवादी द्वारा न्यूज़-24 के संबाददाता के द्वारा दि गई नोटिस की कॉपी परिवाद पत्र के साथ अधिनस्थ न्यायालय में पेश की गई हैं l एवं परिवादी द्वारा उक्त नोटिस का जबाब भी अधिनस्थ न्यायालय में पेश किया गया हैं l जिससे स्पस्ट रूप से अधिनस्थ न्यायालय ने यह माना हैं कि आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय की ओर से प्रेषित नोटिस में परिवादी द्वारा रु० मागने व खबर दवाने का तथ भी उल्लेख हैं l लेकिन 621/16 प्रकर को फर्जी बता कर यह कहा गया कि फर्जी तरीके से अधिनस्थ न्यायालय द्वारा आदेश किया गया हैं l अत: यह स्पस्ट हैं कि न्यायालय का अपमान दर्शित हैं l किन्तु अधिनस्थ न्यायालय ने उक्त मामले को पंजीकृत न कर बहुत बड़ी भूल की हैं l

6. यह कि व्हाट्सऐप में स्पस्ट हैं कि धमकी भरा, अश्लील शब्द और अपमान जनक शब्द आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय द्वारा परिवादी के विरुद्ध प्रयोग किया गया हैं l लेकिन अधिनस्थ न्यायालय ने उन व्हाट्सऐप वार्तालाप को गहराई से न लेते हुए, अश्लील शब्द या मानहानिकरक न मानते हुए बहुत बड़ी भूल की हैं l अधिनस्थ न्यायालय का आदेश बहुत ही त्रुटीपूर्ण हैं l

7. यह कि परिवादी ने परिवादी परिवाद पत्र प्रक्ररण क्र० 621/16 दिनांक 05-05-16 के आदेश दस्तावेज को अपने फेसबुक, ईमेल-आई०डी० में डाला था l जिसे देख कर की उक्त मामला विप्रो प्रमुख अज़ीम प्रेम जी के विरुद्ध हैं, परिवादी के पास स्वत: देवेन्द्र पाण्डेय चटपति खबर एवं लाभ के चक्कर से परिवादी के पास फोन पर बात कर खबर प्रसारित के नाम पर स्वत: परिवादी के घर बरगवां आ कर परिवाद पत्र के आदेश की कॉपी लिया हैं l एवं परिवादी द्वारा दि गई विडिओ परिवादी को वापस नहीं किया गया हैं l ऐसा भी हो सकता हैं कि परिवादी की उक्त विडिओ आरोपी संबाददाता देवेन्द्र पाण्डेय द्वारा विप्रो प्रमुख अज़ीम प्रेम जी को बेच कर अच्छी कीमत ले लिया गया हो l किन्तु इतना तो स्पस्ट हैं कि परिवादी द्वारा 1500 रु० न देने पर आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय संबाददाता एवं अन्य दोनों आरोपी एक साथ मिलेजुले हैं l तथा आरोपी संबाददाता देवेन्द्र पाण्डेय परिवादी से 1500 रु० की मांग कर रहे थे l परिवादी का विडिओ वापस न करने से ऐसा स्पस्ट होता हैं कि उक्त विडिओ आरोपीगण द्वारा किसी को बेच दिया गया हैं l उक्त विडिओ को तोड़-मरोड़ कर परिवादी को फ़साने के लिए प्रयोग किया जा सकता हैं l जिससे परिवादी की बहुत बड़ी {kfr हो सकती हैं l किन्तु अधिनस्थ न्यायालय ने परिवादी को कोई कारीत किया जाना दर्शित होना नहीं मानते हुए आरोपीगण के विरुद्ध प्रस्तुत परिवाद ख़ारिज कर दिया गया l अत: अधिनस्थ न्यायालय ने बहुत बड़ी भूल करते हुए त्रुटीपूर्ण आदेश किया हैं l

अस्तु पुनर्बिचार आवेदन पेश कर विनम्र निवेदन हैं कि आरोपीगण के विरुद्ध अधिनस्थ न्यायालय के मूलप्रकरण का अवलोकन करते हुए उच्चित संज्ञान लेने की महान दया किया जाये l
दिनांक 27/01/2018
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प्रार्थी/परिवादी
नीरज गुप्ता पिता मुन्नी लाल गुप्ता
ग्राम व थाना बरगवां जिला सिंगरौली
म० प्र०

वास्ते
ब्रिजेश कुमार चतुर्वेदी
एडवोकेट

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