• April 15, 2017

न्याय के बगैर समानता का सपना अधूरा – मुख्य न्यायाधीश

न्याय के बगैर समानता का सपना अधूरा  – मुख्य न्यायाधीश

जयपुर————–राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री प्रदीप नन्द्राजोग ने कहा कि आमजन को जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक समानता का सपना अधूरा है। संविधान लागू होने के इतने वर्षों बाद यदि हम न्याय के लिए जूझ रहे है तो इसका अर्थ है कि समानता हमसे अभी भी दूर है। यह विचार श्री नन्द्राजोग ने शुक्रवार को उदयपुर जिले के मावली क्षेत्र में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण अवसर पर व्यक्त किये।1

श्री नन्द्राजोग ने अंबेडकर जयन्ती के अवसर पर कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर चाहते थे कि फरियादी एवं न्यायालय के बीच की दूरी कम हो इसी को देखते हुए अधीनस्थ न्यायालयों का महत्व बढ़ जाता है। उन्होंने समारोह में उपस्थित न्यायायिक अधिकारियों सहित जनसमूह को बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास करने का आह्वान किया।

निरीक्षण न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने स्थानीय न्यायिक अधिकारियों से कहा कि वे अपने यहां लंबित प्रकरणों का त्वरित गति से निराकरण करें जिससे आमजन को शीघ्र राहत मिले। समारोह में जिला एवं सेशन न्यायाधीश श्री देवेन्द्र कच्छवाह ने के मुख्य न्यायाधीश श्री प्रदीप नन्द्राजोग के मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद पहली बार उदयपुर आकर एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेने को उदयपुर के लिए सौभाग्य की बात कही एवं मावली क्षेत्र के लोगों के लिए इसे एक सौगात बताया।

जिला कलक्टर श्री रोहित गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार न्याय आपके द्वार के माध्यम से राजस्व संबंधी प्रकरणों के त्वरित निस्तारण का प्रयास कर रही है जिससे सार्थक परिणाम सामने आ रहे है।

समारोह में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री राजीव बिजलानी, मावली की एडीजे कैम्प प्रभारी अनुपमा बिजलानी, उदयपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री महेन्द्र नागदा, मावली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री नितिन मंडोवरा सहित बड़ी संख्या में न्यायायिक अधिकारी एवं क्षेत्रवासी मौजूद रहे।

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