- June 12, 2015
निःशक्त कल्याण के लिए राज्य में 19 शासकीय संस्थाएं
रायपुर (छतीसगढ) – राज्य शासन के समाज कल्याण विभाग द्वारा निःशक्जन अधिनियम 1995 के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश मेें 19 आवासीय संस्थाएं संचालित हैं। इन संस्थाओं में निःशक्त बच्चों को निःशुल्क छात्रावास, शिक्षण-प्रशिक्षण, भोजन, वस्त्र और आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। साथ ही उनकी शिक्षा और पुनर्वास की व्यवस्था भी की जाती है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने अपील की है कि जिनके परिवारों में निःशक्तता से ग्रस्त बच्चे हैं, वे इन संस्थाओं का लाभ उठा सकते हैं।
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि निःशक्त कल्याण के लिए राज्य में 19 शासकीय संस्थाएं संचालित है। इनमें रायपुर के मठपुरैना स्थित शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और माना में संचालित संस्थाएं अस्थि बाधितार्थ बालगृह, मानसिक रूप से अविकसित बच्चों का गृह और बहु विकलांग गृह शामिल हैं।
इसके अलावा बिलासपुर में शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और आश्रय दत्त कर्मशाला, जगदलपुर में शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और अस्थि बाधितार्थ बालगृह, कबीरधाम, दंतेवाड़ा और जशपुर इन तीनों जिलों में शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय संचालित है।
इसी प्रकार कांकेर में शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विशेष विद्यालय, धमतरी में श्रवण बाधित बालिकाओं के लिए विशेष विद्यालय, सरगुजा में बौद्धिक मंद बालिकाओं के लिए विशेष विद्यालय, महासमुंद में शासकीय बहु विकलांग गृह, नारायणपुर में बौद्धिक मंद बालिकाओं के लिए विशेष विद्यालय, बीजापुर में बौद्धिक मंद बालकों के लिए विशेष विद्यालय तथा राजनांदगांव और कोरिया में शासकीय बौद्धिक मंदता वाले विशेष विद्यालय संचालित है।