निःशक्तजन सशक्तीकरण : सर्वश्रेष्ठ राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार मध्यप्रदेश

निःशक्तजन सशक्तीकरण : सर्वश्रेष्ठ राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार मध्यप्रदेश

भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 में निःशक्तजन सशक्तीकरण कार्यों के लिये सर्वश्रेष्ठ राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार मध्यप्रदेश को देने का निर्णय लिया गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 3 दिसंबर 2014 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में समारोह में यह पुरस्कार दिया जायेगा। राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी प्रदेश को यह पुरस्कार प्रदान करेंगे।

भारत सरकार ने निःशक्तजन सशक्तिकरण कार्यों के वर्ष 2014 के राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिये मध्य प्रदेश के ग्वालियर और इंदौर जिले का चयन भी किया है। निःशक्तजन के लिये सार्वजनिक स्थलों पर सर्वश्रेष्ठ बाधारहित वातावरण निर्मित करने के उत्कृष्ट कार्यों के लिये कलेक्टर जिला ग्वालियर को पुरस्कृत किया जायेगा। निःशक्तजन पुनर्वास कार्यों के लिये इंदौर जिले को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जायेगा। निःशक्तजन सशक्तिकरण कार्यों के लिये सर्वश्रेष्ठ रोल मॉडल के बतौर मध्यप्रदेश के दो व्यक्ति डॉ. रोहित त्रिवेदी भोपाल (दृष्टि बाधित) और सुश्री राबिया खॉन, इंदौर (दृष्टि बाधित) का चयन भी राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये किया है। ये सभी 3 दिसंबर को नई दिल्ली में समारोह में पुरस्कृत होंगे।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर मध्यप्रदेश में निःशक्तजन के कल्याण और पुर्नवास के लिये सुनियोजित प्रयास हुए हैं। निःशक्तजन सशक्तिकरण के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे संकल्पित प्रयासों से उनके जीवन में नया बदलाव आया है और वे समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश में स्पर्श अभियान के तहत 8.10 लाख निःशक्तजन को जोड़ा गया है। निःशक्तजन कल्याण के लिये प्रदेश में 1191 विशेष शिविर लगाये गये। इन शिविर में 6 लाख 46 हजार 890 व्यक्ति को प्रमाण-पत्र और 68 हजार 182 को कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण दिये गये। प्रदेश में 3,705 निःशक्तजन की सुधारात्मक शल्य चिकित्सा के जरिये उनके जीवन को सहज बनाया जा रहा है।

प्रदेश में 1 लाख 49 हजार 146 व्यक्ति को राष्ट्रीय इंदिरा गांधी निःशक्तजन पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसके अलावा 1 लाख 94 हजार 52 निःशक्तजन को सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी दी जा रही है। बहुनिःशक्त एवं मानसिक रूप से निःशक्त 48 हजार 744 व्यक्ति को प्रतिमाह 500 रुपये की सहायता दी जा रही है। विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत 67 हजार 48 निःशक्त विद्यार्थी को छात्रवृत्ति मिल रही है। प्रदेश के विभिन्न शहर के 91 हजार 219 सार्वजनिक भवनों में बाधारहित वातावरण बनाने से निःशक्तजन को आवागमन में आसानी हुई है। मध्यप्रदेश में 5,443 निःशक्तजन के विवाह करवाये गये हैं। राष्ट्रीय निःशक्त वित्त एवं विकास निगम फरीदाबाद द्वारा स्व-रोजगार के लिये 65 निःशक्त हितग्राही को 72 लाख से अधिक की ऋण सहायता मुहैया करवाई गई है

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply