नाप-तौल गड़बड़ी के 9,356 प्रकरण पंजीबद्ध

नाप-तौल गड़बड़ी के 9,356 प्रकरण पंजीबद्ध
 

प्रदेश में उपभोक्ताओं को उचित माप में सामग्री मिल सके, इस उद्देश्य से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अन्तर्गत गठित नियंत्रक नाप-तौल कार्यालय द्वारा अप्रैल 2014 से विभिन्न व्यवसायिक संस्थान में अब तक 2 लाख 4 हजार 500 निरीक्षण किये गये हैं। निरीक्षण के दौरान कार्यालय द्वारा नाप-तौल गड़बड़ी के 9,356 प्रकरण पंजीबद्ध कर कानूनी कार्रवाई की गई। निरीक्षण से विभाग को 9 करोड़ 25 लाख की आय भी हुई है।

प्रदेश में नाप-तौल उपकरणों के व्यवस्थित निरीक्षण के लिये बड़े जिला मुख्यालयों पर 13 प्रयोगशाला कायम की गई हैं। इन सुसज्जित प्रयोगशाला में मानक के आधार पर सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में 55 हजार 509, द्वितीय तिमाही में 78 हजार 510 और तृतीय तिमाही अक्टूबर से दिसम्बर 2014 की अवधि में 70 हजार 471 व्यवसायिक संस्था का निरीक्षण कर माप-तौल उपकरण का निरीक्षण एवं सत्यापन किया।

प्रयोगशाला सह-कार्यालय भवनों का निर्माण

प्रदेश में केन्द्र सरकार से प्राप्त अनुदान राशि से इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, मंदसौर, शाजापुर, विदिशा एवं धार जिले में मानक कार्यकारी प्रयोगशाला सह-कार्यालय भवन का निर्माण हो चुका है। राज्य शासन द्वारा उपलब्ध करवायी गयी राशि से शिवपुरी, टीकमगढ़, नीमच, खरगोन, देवास, बुरहानपुर, शहडोल, सतना, पन्ना, राजगढ़, अशोकनगर, सीधी एवं अनूपपुर में मानक प्रयोगशाला सह-कार्यालय भवन का निर्माण किया गया है।

विशेष प्रशिक्षण

पेट्रोल पम्पों पर उपभोक्ताओं को पूरी मात्रा में पेट्रोल-डीजल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जिलों में पदस्थ नाप-तौल निरीक्षकों को फरवरी माह में विशेष प्रशिक्षण दिलवाया गया। प्रशिक्षण में विशेषज्ञों ने पम्पों की जाँच में उपयोग की जाने वाली तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रदेश में स्थित प्रत्येक पेट्रोल पम्प की कम से कम तीन माह में एक बार जाँच अनिवार्य रूप से करने के निर्देश भी निरीक्षकों को दिये गये हैं।

मुकेश मोदी

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