- December 21, 2014
नगरपालिका में भर्तियां / 4 सालों से कागजों पर बिजली
मुरैना (प्रमोद कुमार शर्मा ) – भ्रष्टाचार के मामले में मुरैना नगरपालिका ने अपनी सभी सीमाऐं तोड़ दी हैं। पिछले 2 वर्षों से नगरपालिका मुरैना के समस्त निर्णय मनमानी पूर्वक जारी हैं। मस्टर कर्मियों की भर्ती हो या दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को स्थाई करने का कार्य, नपा प्रशासन के जो मन में आती है, वह उसी कार्य को अंजाम देते हैं। कुछ प्रकरण तो ऐसे भी देखने में आए हैं जिनमें नगरीय प्रशासन के निर्देशों को भी ताक पर रखकर कर्मचारियों की पदोन्नति कर दी गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगम बनने की खुशी में नगरपालिका कर्मचारियों ने अपने रिश्तेदार व बच्चों सहित सैकड़ों अन्य लोगों की मस्टर कर्मी के नाम पर भर्ती कर ली है। जानकारी के मुताविक कई मस्टर कर्मियों को सफाई कर्मी तो कई मस्टर कर्मी अन्य कार्य के लिए भर्ती किए जा चुके हैं। इस भर्ती कार्य के बाद भी नगर की सफाई दुर्दशा जस की तस बनी हुई है। इसके अलावा कुछ दैनिक वेतन भोगी मस्टर कर्मियों पर नगरपालिका की इतनी कृपा बरसी है कि उनका नाम मस्टर सूची में काफी बाद में जुडऩे के बावजूद भी उन्हें स्थाई कर दिया गया है। इन सबसे परे एक मामला ऐसा भी देखने को मिला जिसमें राज्य शासन के निर्देशों को भी ताक पर रख नगरपालिका मुरैना ने खुद फैसला कर दिया है।
मनमानी पूर्वक किया पद परिवर्तित
नगरपालिका मुरैना के तत्कालीन प्रभारी नगरपालिका अधिकारी ने 4 वर्ष पूर्व जौरा नगर परिषद से स्थानांतरित होकर आए पम्प चालक कैलाश वाथम को पदोन्नति देते हुए पद परिवर्तित कर एलडीसी बना दिया है, जबकि मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार किसी भी कर्मचारी का पद परिवर्तित करने का अधिकार संबंधित अधिकारी को नहीं होगा। उक्त पदोन्नति में नगरपालिका मुरैना ने नगरीय प्रशासन आयुक्त ग्वालियर से भी स्वीकृति लेना उचित नहीं समझा।
नियम विरूद्ध किया नियमित
नगरपालिका मुरैना में कई वर्षों से सैकड़ों दैनिक वेतन भोगी कार्यरत हैं। उनमें 4 वर्ष पूर्व दैनिक वेतन भोगी के रूप में ममता वाथम को भर्ती किया गया था। उक्त महिला पर तत्कालीन प्रभारी अधिकारी की इस कदर कृपा बरसी कि उन्होंने 10 साल से पूर्व कार्यरत महिला दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को दरकिनार कर ममता वाथम को भृत्य के पद पर नियमित कर दिया।
इनका कहना है…
मुझ से पूर्व में पद परिवर्तित कर पदोन्नति का कार्य किया गया है। साथ ही महिला को नियमित करने का कार्य भी उसी समय का है। आपके द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। मैं जांच करने के बाद ही इस विषय पर कुछ कह पाऊंगा।
रूपेश उपाध्याय, प्रभारी सीएमओ नपा मुरैना
4 सालों से कागजों पर बिजली
जौरा। 10 साल से अंधेरे में डूबे मजरा गांव के लोगों को यह तक पता नहीं कि उनके गांव में 4 साल से बिजली चल रही है। इसका खुलासा तब हुआ जब बिजली विभाग के कर्मचारी गांव में सर्वे करने पहुंचे।
प्रदेश सरकार द्वारा भले ही तमाम योजनाऐं लागू कर दी हों, मगर सरकार की योजनाओं की असल हकीकत आपको जौरा से महज तीन कि.मी. दूरी पर बसे पंन्द्रह सौ लोगों की आवादी वाली इस ग्राम पंचायत मजरा में देखने को मिलेगी। विगत् दस वर्ष से बिजली के लिए तरस रहे गांव वालों के पैरों तले तब जमीन खिसक गई जब गांव में बिजली की सर्वे करने आये कुछ कर्मचारियों ने बताया कि आपके गांव में बिजली चार साल से चल रही है और आप के गांव में अभी सिर्फ खंबे लगे हुए है ।
मजरा गांव के सभी लोगों को उक्त कर्मचारियों ने बताया कि सरपंच सचिव ने अधिकारियों को अपनी सील व साइन कर के गांव में बिजली चलने का हवाला दिया था अब गांव के लोगों को पता लगा कि सरपंच व सचिव ने लिख कर विभाग को दिया था कि गांव में पूर्ण रूप से बिजली संचालित है बतौर गांव में अगले दस वर्ष से आज दिनांक तक गांव के लोग अंधेरे में ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
क्षेत्रीय सांसद व विधायक ने दिया था भरोसा
भाजपा के क्षेत्रीय सांसद एवं विधायक ने चुनाव पूर्व गांव के लोगों को भरोसा दिलाया था कि हम आपके गांव में जल्दी विजली मुहैया कराऐगें, लिहाजा गांव के लोगों का आरोप है कि सांसद और विधायक ने गांव के लोगों के साथ छल किया है जो आज दिनांक तक बिजली के दर्शन तक नही मिले और ना ही बडे बडे वादे करने वाले नेताओं के अब दर्शन तक नही मिल रहे है। ग्राम सभा की मीटिंग में एकत्रित गांव वालो ने संवाददाता को जानकारी देते हुए बताया कि गांव के सभी लोगों के साथ सत्ताधारी नेताओं ने छल किया है जो गांव मे चार वर्ष से बिजली को सिर्फ कागजो में दर्शाकर गांव के लोग खुद को छला हुआ ही महसूस कर रहे हैं। फिलाहल ग्रामीणजनों ने जिला कलैक्टर को ज्ञापन देकर पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है।
इनका कहना है-
गांव में बिजली की सर्वे करने आये बिजली कर्मचारियों ने पूछा कि गांव में बिजली केवल क्यों नही है तो हम गांव वालों ने 10 साल से बिजली नही होने की कर्मचारियो को जानकारी दी, तभी कर्मचारियों ने बताया कि आपके गांव में कागजों में तो चार साल से बिजली संचालित है।
समस्त ग्राम वासी ग्राम पं. मजरा जनपद जौरा
कोहरे का कहर, 2 ट्रेन रद्द, अनेक हुईं लेट
मुरैना। भीषण सर्दी व कोहरे का कहर अब ट्रेनों की रफतार को प्रभावित कर रहा है। आये दिन कोहरे के चलते सुपरफास्ट एवं पैसेजर गाडिय़ां अपनी रफतार नहीं चल पा रहीं तथा रेलवे यात्रियों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रविवार को रेलवे ट्रेक पर भीषण कोहरे के चलते शटल व पैसेजर गाडिय़ों को रद्द कर दिया गया तो वहीं अनेक सुपरफास्ट गाडिय़ां 5 से लेकर 10 घंटे के बिलम्ब से चल रहीं थी, जिसके कारण मुरैना रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ ठण्ड में ठिठुरते नजर आई।
गाडिय़ों के बिलम्ब से चलने के कारण अनेक यात्रियों को अपने टिकिट व रिजर्वेशन रद्द कराने पड़े तो अनेक यात्री सड़क मार्ग से अपनी मंजिल तक पहुंचे। भीषण सर्दी के चलते रेलवे स्टेशन पर रेल प्रबंधन द्वारा यात्रियों के लिए अलाव तक की व्यवस्था नहीं की जा रही, जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर घंटों खड़े होकर सर्दी से सामना करना पड़ रहा है।
कोहरे के चलते ये ट्रेन हुईं लैट, ताज रद्द
गाड़ी का नाम बिलम्ब से
मंगला आधा घंटे
खजुराहो 2 घंटे
झेलम आधा घंटे
छत्तीसगढ़ 4 घंटे
पंजाब 2 घंटे
श्रीधाम 17 घंटे
महाकौशल 7 घंटे