- December 25, 2022
दिव्यांगजन सशक्तिकरण:अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के साथ समझौता
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की स्थापना मई 2012 में की गई थी, जिसका उद्देश्य है दिव्यांगजन का सशक्तिकरण और उनका समावेश करना तथा ऐसी नोडल एजेंसी के रूप में काम करना, जो दिव्यांगजनों के विकास के कामों की देख-रेख करे। दिव्यांजनों का सशक्तिकरण अंतर-विषयक प्रक्रिया है, जिसमें विभिन्न पहलू जैसे दिव्यांगता की रोकथाम, उसकी जल्द पहचान करना, पहल करना, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारपरक प्रशिक्षण, पुनर्वास और सामाजिक एकीकरण शामिल हैं।
इस विभाग की परिकल्पना, मिशन और रणनीतियां हैं: परिकल्पनाः एक समावेशी समाज का निर्माण करना जहां दिव्यांगजनों को उन्नति और विकास के समान अवसर मिलें, ताकि वे रचनात्मक, सुरक्षित और सम्मान के साथ जीवन बिता सकें। मिशनः विभिन्न अधिनियमों/संस्थानों/संगठनों और पुनर्वास योजनाओं के जरिये दिव्यांगजनों को समान अवसर प्रदान करके, उनके अधिकारों की रक्षा करके और समाज के स्वतंत्र व रचनात्मक सदस्य के रूप में हर स्तर पर भागीदारी करने में उन्हें सक्षम बनाकर उन्हें सशक्त करना है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की प्रमुख उपलब्धियां:
• राष्ट्रपति ने तीन दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए शानदार काम करने पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
• सांकेतिक भाषा दिवस देशभर में 3200 स्थानों पर मनाया गया/हर जिले में सांकेतिक भाषा के जानकार है।
• कर्तव्य पथ, इंडिया गेट, नई दिल्ली पर मेगा दिव्य कला मेले का आयोजन किया गया
• दिव्य कला शक्ति; दिव्यांगता में क्षमता; कला व संस्कृति के क्षेत्र में दिव्यांगजनों की स्वाभाविक प्रतिभा को सामने लाने का अभिनव मंच है।
• केवड़िया और इंदौर में क्रमशः चार मार्च और 15 सितंबर, 2022 को दो दिवसीय जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन/सतत समावेशी विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए दिव्यांगजनों के प्रति आम लोगों में सकारात्मक भाव विकसित करने को सक्रिय उपाय जरूरीः टेंट सिटी केवड़िया में डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने अपने सम्बोधन में उल्लेख किया
• दिव्यांगता पर केंद्रीय परामर्श बोर्ड (सीएबी) की पांचवीं बैठक।
• अमेज़ॉन और फ्लिपकार्ट/दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के बीच पहली बार समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर– फ्लिपकार्ट और अमेज़ॉन जैसी ई-वाणिज्य कंपनियों के साथ दिव्यांगजनों को जोड़ने की पहल/समस्त समझौतों का लक्ष्य तेज गति के साथ मुख्यधारा की आर्थिक गतिविधियों के साथ दिव्यांगजनों को जोड़ने के लिए प्रणालियों और आधारभूत कौशल को विकसित करना है। दिव्यांगजनों को रोजगार के अवसर प्रदान करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए निजी कंपनियों की संलग्नता।
• राष्ट्रीय संस्थानों (एनआई)/समग्र क्षेत्रीय केंद्रों (सीआरसी) का उद्घाटन और शिलान्यास, ताकि उनकी सेवा आपूर्ति प्रणाली को विस्तार दिया जा सके, जिसके आधार पर वे स्वतंत्र माहौल में बेहतर पुनर्वास सेवाएं प्रदान कर सकें
विवरणः सीआरसी कोझिकोड, सीआरसी देवनागिरी, सीआरसी राजनांदगांव, सीआरसी शिलांग, एनआई-एसवीएनआईआरटीएआर कटक, ओडिशा (100 बिस्तरों वाले पुनर्वास भवन अस्पताल का उद्घाटन)।
• एसवीएनआईआरटीएआर कटक, ओडिशा में 100 बिस्तरों वाले पुनर्वास भवन अस्पताल का उद्घाटन।
• माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने नई दिल्ली स्थित डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में 22 दिसंबर, 2022 को टी20 ब्लाइंड वर्ल्ड कप 2022 की विजेता भारतीय राष्ट्रीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम का अभिनंदन किया और बातचीत की।
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→ राष्ट्रपति ने तीन दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए शानदार काम करने पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए
तीन दिसंबर, 2022 को
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु “अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस” समारोह में मुख्य अतिथि थीं, जिसका आयोजन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने किया था। राष्ट्रपति ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए उत्कृष्ट काम करने पर व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों और राज्यों/जिलों आदि को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण राज्यमंत्री श्री रामदास आठवले, सुश्री प्रतिमा भौमिक समारोह में उपस्थित थीं।
वर्ष 2021 और 2022 के लिए दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों में दिए गए:-
I. सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन
II. श्रेष्ठ दिव्यांगजन
III. श्रेष्ठ दिव्यांग बाल/बालिका
IV. सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति– दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए कार्यरत
V. सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर-दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत
VI. सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान/नवपरावर्तन/उत्पाद विकास-दिव्यांगता के सशक्तिकरण के क्षेत्र में
VII. दिव्यांग सशक्तिकरण हेतु सर्वश्रेष्ठ संस्थान (निजी संगठन, एनजीओ)
VIII. दिव्यांगजनों के लिए सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता (सरकारी संगठन/पीएसई/स्वायत्तशासी निकाय/निजी क्षेत्र)
IX. दिव्यांगजनों के लिए सर्वश्रेष्ठ प्लेसमेंट एजेंसी- सरकारी/राज्य सरकारी/स्थानीय निकायों को छोड़कर
X. सुगम्य भारत अभियान के कार्यान्वयन/बाधामुक्त वातावरण के सृजन में सर्वश्रेष्ठ राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश/जिला
XI. सर्वश्रेष्ठ सुगम्य यातायात के साधन/सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (सरकारी/निजी संगठन)
XII. दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम/यूडीआईडी एवं दिव्यांग सशक्तिकरण की अन्य योजनाओं के कार्यान्वय में सर्वश्रेष्ठ राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश/जिला
XIII. दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम 2016 के अपने राज्य में कार्यान्वयन में सर्वश्रेष्ठ राज्य आयुक्त दिव्यांगजन
XIV. पुनर्वास पेशेवरों के विकास में संलग्न सर्वश्रेष्ठ संगठन
→ सांकेतिक भाषा दिवस देशभर में 3200 स्थानों पर मनाया गया/हर जिले में सांकेतिक भाषा के जानकार मौजूद
23 सितंबर, 2022 कोः
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के स्वायत्तशासी संस्थान भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली के सीडी देशमुख ऑडिटोरियम में 23 सितंबर, 2022 को ‘सांकेतिक भाषा दिवस’ मनाया, जिसकी विषयवस्तु ‘साइन लैंग्वेजेस यूनाईट अस’ थी।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के रूप में घोषित करने के क्रम में भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र हर साल 23 सितंबर को इसे मनाता है। इस वर्ष गृह मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कार्यान्वयन समिति (एनआईसी) ने ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ समारोह के तहत सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग) ने 23 सितंबर, 2022 को इसके आयोजन और कार्यक्रम – “सांकेतिक भाषा दिवस” को स्वीकृति दी थी।
कार्य योजना के अनुसार, आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सांकेतिक भाषा दिवस-2022 मनाने के लिए लगभग 3,200 संगठनों/संस्थानों को शामिल किया गया था। सांकेतिक भाषा दिवस समारोह का उद्देश्य श्रवण बाधित व्यक्तियों के जीवन में भारतीय सांकेतिक भाषा के महत्व के बारे में आम जनता को जागरूक करना था।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री कु. प्रतिमा भौमिक मुख्य अतिथि थीं। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल, संयुक्त सचिव राजेश यादव, भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक और राष्ट्रीय बधिर संघ के अध्यक्ष श्री एएस नारायणन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
एक वीडियो संदेश के माध्यम से, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें गर्व और खुशी महसूस होती है कि पूरी दुनिया भारतीय संस्कृति के सिद्धांत यानी वसुधैव कुटुम्बकम् को अपना रही है तथा इसे दुनिया भर में सांकेतिक भाषा दिवस के रूप में रेखांकित किया जा रहा है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री कु. प्रतिमा भौमिक ने उल्लेख किया कि दिव्यांगजन हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और उन्हें पूरी सुगमता प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। एक समावेशी समाज बनाने के लिए दिव्यांगजनों का सशक्तिकरण सुनिश्चित करने और मुख्यधारा में लाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सांकेतिक भाषा श्रवण बाधित लोगों की शिक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि उन लोगों के लिए सांकेतिक भाषा के माध्यम से शिक्षा और उच्च शिक्षा प्राप्त करना आसान होता है। यह दिन देश भर में सभी श्रवण बाधितों को सामाजिक रूप से एक साथ लाता है। सांकेतिक भाषा से हमारे मूक-बधिर भाई-बहनों को अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा और दिशा मिल रही है। इस वर्ष सांकेतिक भाषा दिवस समारोह आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मनाया जा रहा है, जिससे सांकेतिक भाषा के महत्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने में निश्चित रूप से सकारात्मक सफलता मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान अनेक महत्वपूर्ण संसाधन सामग्रियों का विमोचन किया गया:-
‘साइन-लर्न’ नामक एक आईएसएल डिक्शनरी ऐप लॉन्च किया गया, जो एंड्रॉइड और आईओएस दोनों संस्करणों में उपलब्ध है।
भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के साथ 06 अक्टूबर, 2020 को एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक भारतीय सांकेतिक भाषा (डिजिटल प्रारूप) में परिवर्तित करने के लिए एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे, ताकि पाठ्यपुस्तकों को श्रवण बाधित बच्चों के लिए सुलभ बनाया जा सके। इस वर्ष छठी कक्षा की एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की आईएसएल ई-सामग्री का शुभारंभ किया गया।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत, केंद्र ने नेशनल बुक ट्रस्ट की वीरगाथा श्रृंखला की चयनित पुस्तकों का आईएसएल संस्करण लॉन्च किया।
आईएसएलआरटीसी और एनसीईआरटी के संयुक्त प्रयास से भारतीय सांकेतिक भाषा में कुल 500 अकादमिक शब्द लॉन्च किए गए। ये 500 अकादमिक शब्द माध्यमिक स्तर पर प्रयोग होने वाले शब्द हैं, जो इतिहास, विज्ञान, राजनीति विज्ञान, गणित में प्राय: प्रयोग किए जाते हैं।
• कर्तव्य पथ, इंडिया गेट, नई दिल्ली पर मेगा दिव्य कला मेले का आयोजन
दो से सात दिसंबर, 2022 तक
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिल्ली के इंडिया गेट के कर्तव्य पथ पर आयोजित छह दिवसीय दिव्य कला मेले का बुधवार को भव्य समापन हुआ। इस अवसर पर, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने दिव्यांगजनों के लिए ऑनलाइन बिक्री पोर्टल www.nhfdcfondation.org का शुभारंभ किया और 75 दिव्यांगजनों को स्वरोजगार के लिए आइडिया-सक्षम द्वारा प्रदत्त 16 लाख रुपये से अधिक की बुनियादी अनुदान राशि वितरित की। साथ ही एक दर्जन दिव्यांगजनों को विभिन्न कंपनियों के नियुक्ति-पत्र भी प्रदान किए गए। वहीं, मेले में भाग लेने वाले 200 से अधिक दिव्यांग उद्यमियों को जीवन बीमा के लिए पांच-पांच हजार रुपये की राशि भी दी गई।
इस मौके पर डॉ. वीरेंद्र कुमार ने दिव्य कला मेले के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि दिव्यांगजनों ने तरह-तरह के उत्पाद बनाये हैं, जिन्हें वे समाज के लोगों के लिए यहां लाये हैं। साथ ही, इस बात पर जोर दिया कि सक्षम भारत-समर्थ भारत और आत्मनिर्भर भारत में दिव्यांगजनों की भागीदारी आवश्यक है। दिव्य कला मेले में दिव्यांगजनों की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के मंत्रालय के उद्देश्य को काफी हद तक हासिल कर लिया गया है। दिव्यांगजनों और उनके उत्पादों को देश-विदेश में बिक्री के लिए ऑनलाइन सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।
इस मेले में दिल्ली के लोगों ने दिव्यांगजनों की कला एवं कौशल की सराहना की और उनके द्वारा निर्मित सामानों को खरीदा। छह दिनों तक चलने वाले इस मेले में 80 लाख रुपये से ज्यादा की बिक्री हुई। आइडिया-सक्षम ने मेले में दिव्यांग उद्यमियों को प्रशिक्षण के साथ-साथ बुनियादी अनुदान का वितरण भी किया।
“दिव्य कला मेला” में 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 200 से अधिक दिव्यांग शिल्पकारों, कलाकारों, उद्यमियों ने अपने कौशल, कला और उद्यमिता का प्रदर्शन किया। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसका मेले में शामिल लोगों ने आनन्द उठाया।
→ प्रदर्शन कला में दिव्यांगजनों की आंतरिक क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए उत्तर और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लिए मुंबई, दिल्ली और गुवाहाटी में क्षेत्रीय स्तर पर दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम आयोजित किए गए
महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने आज 27 अप्रैल 2022 को नेहरू केंद्र, मुंबई में ‘दिव्य कला शक्ति’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
राज्यपाल ने उन शिक्षकों, प्रशिक्षकों और गैर सरकारी संगठनों को भी धन्यवाद दिया जो दिव्यांग युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। उन्होंने दिव्यांगजनों को उनकी प्रतिभा की पहचान करने में मदद करने के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन में उनके प्रयासों के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को भी धन्यवाद दिया।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने एक वीडियो संदेश में उल्लेख किया कि, ‘दिव्य कला शक्ति’ का उद्देश्य दिव्यांग युवाओं को प्रेरित करने के साथ-साथ उनकी प्रतिभा और रचनात्मक कौशल को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा की “मुझे विश्वास है कि इस कार्यक्रम से उनका आत्मविश्वास और भी अधिक बढ़ेगा।”
इस कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र, गोवा, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दमन और दीव राज्यों के 150 से अधिक बच्चों और युवाओं ने प्रदर्शन किया। कार्यक्रम कई प्रदर्शनों और राज्य-विशिष्ट नृत्यों से भरा हुआ था, जिसने शाम को जीवंत बना दिया। इन कार्यक्रमों में कठपुतली, नृत्य, संगीत, लोक नृत्य, योग प्रदर्शन, व्हील चेयर प्रदर्शन शामिल थे।
→ दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई पहलों/योजना/कार्यक्रमों के बारे में राज्य के अधिकारियों को संवेदनशील बनाने और विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के लिए संवेदीकरण/जागरूकता कार्यशाला का आयोजन केवड़िया और इंदौर में किया गया
05 मार्च 2022 को
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने दो दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला को संबोधित किया। हरियाणा, पंजाब, गुजरात, आंध्र प्रदेश, गोवा, उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, नगालैंड, चंडीगढ़, तेलंगाना, लद्दाख, राजस्थान जैसे विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) के सशक्तिकरण में अपने सर्वोत्तम तौर-तरीकों को प्रदर्शित करते हुए प्रस्तुतियां दीं। उन्होंने दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में लाने और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए उनकी योजनाओं एवं कार्यक्रमों और उनके द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला। डॉ. वीरेंद्र कुमार ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने दिव्यांगजनों के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने व उनके अधिकारों को कार्यान्वित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर की जा रही पहलों के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए प्रचार और आउटरीच गतिविधियों के विस्तार करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने आगे इसका अनुरोध किया कि प्रभावी और सतत समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य के अधिकारियों को दिव्यांगजनों को लेकर जनता के बीच एक अनुकूल सोच विकसित करने के लिए सक्रिय उपायों को करने की जरूरत है।
सतत समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के संबंध में दिव्यांगजनों के लिए जनता के बीच अनुकूल व्यवहार विकसित करने को लेकर सक्रिय उपायों को करना जरूरी है, यह बात डॉ. वीरेंद्र कुमार ने केवड़िया स्थित टेंट सिटी में आयोजित कार्यशाला में कही।
→ इंदौर में जागरूकता कार्यशाला
15 सितंबर 2022 को
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने मध्य प्रदेश के इन्दौर में आयोजित दो दिवसीय संवेदीकरण कार्यक्रम में कहा कि दिव्यांगजनों के समावेशन के लिए उनकी क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करना अहम है।
यह विभाग द्वारा आयोजित इस तरह की दूसरी संवेदीकरण कार्यशाला है। पहली कार्यशाला मार्च 2022 में गुजरात के केवड़िया में आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले और सुश्री प्रतिमा भौमिक की उपस्थिति में किया। इस कार्यक्रम में 4 राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों यानी दिल्ली, गोवा, ओडिशा एवं पंजाब के मंत्रियों और 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार की विभिन्न पहलों और कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षा, खेल, ललित कला, संगीत आदि जैसे जीवन के सभी पहुलओं में दिव्यांगजनों की क्षमताओं को रेखांकित किया और उनके लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कहा। उन्होंने राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को दिव्यांगजनों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए मिलकर काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दिव्यांग खेल केंद्र की स्थापना की जा रही है जिसकी अनुमानित लागत 171 करोड़ रुपये है। इस केंद्र के मौजूदा वित्तीय वर्ष में चालू होने की संभावना है। इस केंद्र में दिव्यांग खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी ताकि वे राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले और सुश्री प्रतिमा भौमिक ने भी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ अपने विचार साझा किए और दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण व उनके समावेशन के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तहत काम कर रहे विभिन्न राष्ट्रीय संस्थान, स्वायत्त निकाय और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भी अपने कार्यक्रमों/सेवाओं को साझा करेंगे ताकि दिव्यांगजनों के लाभ के लिए उनकी गतिविधियों के विस्तार के बारे में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अवगत कराया जा सके।
→दिव्यांगता पर केंद्रीय सलाहकार बोर्ड (सीएबी) की 5वीं बैठक का आयोजन
24 जून 2022 को
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आज दिव्यांगता पर केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की पांचवीं बैठक आयोजित की जा रही है। इस बैठक में 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मंत्रियों के साथ मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने हिस्सा लिया। वहीं, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और अन्य संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ दिव्यांगजनों व उनके संघों का प्रतिनिधित्व करने वाले नामित सदस्यों ने भी इस बैठक में भाग लिया।
इस बैठक में केंद्रीय सलाहकार बोर्ड ने दिव्यांगता क्षेत्र से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। इनमें दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 (आरपीडब्ल्यूडी) के कार्यान्वयन की स्थिति, सुगम्य भारत अभियान, विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र परियोजना, डीडीआरएस, डीडीआरसी और दिव्यांगजनों के कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के कार्यान्वयन से संबंधित मामले और दिव्यांगता पेंशन आदि शामिल हैं।
केंद्रीय सलाहकार बोर्ड ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से दिव्यांगजनों के अधिकारों के नियमों को शीघ्रता से अधिसूचित करने, दिव्यांगजनों के लिए राज्य सलाहकार बोर्ड, जिला स्तरीय समितियां, जिला स्तरीय न्यायालयों का गठन करने व स्वतंत्र आयुक्तों की नियुक्ति करने का अनुरोध किया, यदि अभी तक ऐसा नहीं किया गया है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यूडीआईडी परियोजना के कार्यान्वयन की गति को बढ़ाने की सलाह दी गई, जिससे अगस्त, 2022 तक इसे पूरा किया जा सके। इसके अलावा केंद्रीय सलाहकार बोर्ड ने दिव्यांगता पेंशन की धनराशि में बढ़ोतरी करने की भी सलाह दी, जिससे दिव्यांगजन एक सम्मानजनक जीवन जी सकें।
→ डीईपीडब्ल्यूडी ने पहली बार ई-कॉमर्स कंपनी जैसे अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए
फ्लिपकार्ट के साथ समझौता ज्ञापन
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी), दिव्यांगजनों के लिए कौशल परिषद (एससीपीडब्ल्यूडी) और फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड ने 26 अप्रैल,2022 को सीजीओ कॉम्प्लेक्स, दिल्ली में एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिए संयुक्त रूप से कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसमें डीईपीडब्ल्यूडी द्वारा कौशल प्रशिक्षण के लिए दिव्यांगजनों को जुटाने, एससीपीडब्ल्यूडी द्वारा ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए नौकरी की भूमिका तैयार करने और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने और दिव्यांगजनों को काम पर रखने की भी परिकल्पना की गई है।
इस पहल के तहत, पहली बार डीईपीडब्ल्यूडी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के सहयोग से ई-कॉमर्स क्षेत्र में दिव्यांगजनों को शामिल करने के लिए आया है। यह संयुक्त पहल आपूर्ति श्रृंखला क्षेत्र में नौकरी विशिष्ट, व्यावहारिक और ई-कॉमर्स कौशल प्रदान करके दिव्यांगजनों के लिए बेहतर अवसर पैदा करेगी ताकि नौकरी बाजार में उनकी स्थायी रोजगार क्षमता को बढ़ाया जा सके और साथ ही उन्हें उद्यमी बनने में सक्षम बनाया जा सके।
अमेजॉन के साथ समझौता ज्ञापन
→ दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और अमेज़ॉन सेलर प्राइवेट लिमिटेड के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए
28 सितंबर 2022 को
भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी), दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल परिषद् (एससीपीडब्ल्यूडी) और अमेजन सेलर प्राइवेट लिमिटेड के बीच आज एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य ई-कॉमर्स क्षेत्र में दिव्यांग जनों के लिए संयुक्त रूप से कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। यह दिव्यांग जनों के अधिकारिता विभाग द्वारा दिव्यांग जनों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा, दिव्यांग जनों के लिए कौशल परिषद द्वारा ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए नौकरी की भूमिकाओं को डिजाइन करने और अमेजन द्वारा दिव्यांग जनों को कौशल प्रशिक्षण और भर्ती करने की परिकल्पना तैयार करता है। सभी पक्षों की इस तरह की पहल से दिव्यांग जनों (पीडब्ल्यूडी) के लिए नौकरी में उनकी स्थायी रोजगार क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें सक्षम बनाने के लिए आपूर्ति श्रृंखला क्षेत्र में नौकरी विशेष, व्यावहारिक और ई-कॉमर्स कौशल प्रदान करके उद्यमी बनाने के बेहतर अवसर पैदा होंगे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए आयोजित समारोह में अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह भी इच्छा है कि दिव्यांग जनों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए निजी कंपनियों को शामिल किया जाए। मंत्री महोदय ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत को ध्यान में रखते हुए न केवल अमेजन जैसी निजी कंपनियां बल्कि समाज को भी आगे आकर दिव्यांग जनों को आत्मनिर्भर बनाना चाहिए।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव, श्री राजेश अग्रवाल ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल परिषद् (एससीपीडब्ल्यूडी) और अमेजन की सराहना करते हुए कहा कि कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित / नियोजित दिव्यांग जनों की संख्या की निगरानी की जानी चाहिए और दिव्यांग जनों को गोदामों में नौकरी उद्यमी बनाने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग का प्रतिनिधित्व उप महानिदेशक, श्री किशोर बी सुरवड़े, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल परिषद् का प्रतिनिधित्व परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रवीन्द्र सिंह ने और अमेजन सेलर प्राइवेट लिमिटेड का प्रतिनिधित्व एपीएसी/एमईएनए/एलएटीएम परिचालन के उपाध्यक्ष श्री अखिल सक्सेना द्वारा किया गया था।