दिल्ली-जयपुर राजमार्ग : राजमार्ग परामर्श प्रणाली पायलट परियोजना

दिल्ली-जयपुर राजमार्ग : राजमार्ग परामर्श प्रणाली पायलट परियोजना
पेसूका ——————— केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं नौवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज नई दिल्ली में दिल्ली-जयपुर राजमार्ग, एनएच-8 पर एक पायलट परियोजना के रूप में राजमार्ग परामर्श प्रणाली (एचएएस) की शुरूआत की। एचएएस एक फ्री-टू-एयर जानकारी वितरण प्रणाली है जो राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा अनुभव को सुरक्षित, तेज और बाधा मुक्त बनाया जाने के लिए रेडियो में इस्तेमाल की जाती है।

इस परियोजना के तहत राजमार्ग वास्तविक समय जानकारी को पेट्रोल वाहन, टोल प्लाजा और यातायात मार्शलों से एकत्र किया जाएगा। मोबाइल एप्लीकेशन, टेलीफोन और सेंसर के उपयोग कर इस जानकारी को एचएएस नियंत्रण केंद्र में भेजा जाएगा। एचएएस नियंत्रण केंद्र डेटा प्रक्रिया को एकत्रित कर इसका विश्लेषण करेगा और अलर्ट करके इसे आकाशवाणी के जरिये प्रसारित करेगा। सूचना और अलर्ट आकाशवाणी दिल्ली, अलवर और जयपुर एफएम स्टेशनों से प्रसारित किए जाएंगे। जागरूकता सामग्री के साथ एनएच-8 पर लाइव ट्रैफिक अपडेट सहित सहित 22 बुलेटिन प्रति दिन जारी किए जाएंगे।

इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि सरकार 50 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। एचएएस एक सुविधा होगी जिससे लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। राजमार्गों पर यातायात,  दुर्घटनाओं,  मौसम की  स्थिति तथा मौसम संबंधी जानकारी और राजमार्ग सुविधाओं के बारे में जानकारी देकर, प्रणाली से सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद मिलने के साथ-साथ और यात्रा को तेज और अधिक सुविधाजनक बनाने में भी मदद मिलेगी। श्री गडकरी ने कहा कि रेडियो प्रसारण भी लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढाएगा, जो हमारे राजमार्गों पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए आवश्यक है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं नौवहन राज्य मंत्री श्री पोन राधाकृष्णन ने कहा कि एचएएस के उपयोग से राजमार्ग पर यात्रा करने वाले यात्रियों को बहुत लाभ मिलेगा।

वर्तमान परियोजना को तीन चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा। पहले चरण का आज उद्धाटन किया गया। दूसरे चरण के दौरान ढांचे द्वारा राजमार्ग के पूरे हिस्से को कवर करने,अतिरिक्त वास्तविक यातायात समय की जानकारी इकट्ठा करने के लिए सेंसर स्थापित करने की उम्मीद है। तीसरे चरण में एचएएस सेवाएं केवल डिजिटल प्रसारण मोड में होंगी और इनकी निगरानी तीसरे पक्ष के ऑडिट से किया जाएगा

 

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