दिमागी बुखार सबसे अधिक नवजात शिशुओं से लेकर 15 वर्ष के बच्चें प्रभावित

दिमागी  बुखार  सबसे  अधिक नवजात  शिशुओं  से  लेकर  15  वर्ष  के बच्चें  प्रभावित

लखनऊ :उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोगों को गुणवत्तापरक चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार कार्य योजना बनाकर काम कर रही है।

जनजागरण और जनसहभागिता के माध्यम से जनस्वास्थ्य की गंभीर चुनौतियों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि संचारी रोगों में उपचार से अधिक बचाव का महत्व है।

मुख्यमंत्री ने यह विचार लोक भवन में संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के द्वितीय चरण के शुभारम्भ अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जल जनित व विषाणु जनित रोगों पर नियंत्रण के लिए आवश्यक है कि साफ-सफाई की जाए व स्वच्छता को अपनाया जाए।

उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन का जो अभियान चलाया, वह वेक्टर जनित रोगों के खिलाफ भी एक अभियान है।

राज्य सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश के ग्रामीण व शहरी इलाकों में अभियान चलाकर बड़ी संख्या में शौचालय बनवाए गए।

उन्होंने कहा कि मच्छरों से बचाव के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को फाॅगिंग के लिए 10 हजार रुपए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए जा रहे हैं। इससे पवू चैम्पियन्स को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिमागी बुखार सबसे अधिक नवजात शिशुओं से लेकर 15 वर्ष के बच्चों को प्रभावित करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं एक सांसद के रूप में इन्सेफेलाइटिस के खिलाफ सड़क से संसद तक आवाज उठायी। उन्होंने कहा कि पिछले साल संचारी रोग नियंत्रण तथा दस्तक अभियानों के अत्यन्त उत्साहजनक परिणाम सामने आए और हमें दिमागी बुखार की रोकथाम में अभूतपूर्व सफलता मिली।

दिमागी बुखार के रोगियों की संख्या में 35 प्रतिशत की कमी 01 वर्ष में आयी। वहीं इस रोग के कारण होने वाली मौतों की संख्या में 65 प्रतिशत तक की कमी आयी है। साथ ही, अन्य संचारी रोगों के प्रकोप में भी गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने इसके लिए यूनीसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा स्वयंसेवी संगठनों के कार्यों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 01 से 31 जुलाई, 2019 तक संचालित किया जाएगा।

इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग नोडल विभाग की भूमिका निभाते हुए 12 अन्य विभागों के साथ मिलकर मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, काला-अजार तथा जापानी इन्सेफेलाइटिस जैसे रोगों की रोकथाम के लिए सभी जरूरी उपाय करेगा। इस अभियान में नगर विकास, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, ग्राम्य विकास, महिला एवं बाल कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, पंचायतीराज, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, कृषि, पशुपालन, संस्कृति एवं सूचना विभाग सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘दस्तक अभियान’ दिमागी बुखार से अधिक प्रभावित 18 जनपदों में दिनांक 01 से 15 जुलाई तक संचालित किया जाएगा। यह अभियान गोरखपुर मण्डल के गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज जनपद, बस्ती मण्डल के बस्ती, सिद्धार्थनगर तथा संतकबीरनगर जनपद, देवीपाटन मण्डल के गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर एवं श्रावस्ती जनपद, लखनऊ मण्डल के लखनऊ, रायबरेली, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव एवं लखीमपुर खीरी तथा अयोध्या मण्डल के बाराबंकी जनपद में संचालित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिमागी बुखार के विषय में जन-जागरूकता बढा़ ने में दस्तक चैम्पियन्स ने विगत वर्ष महत्वपूर्ण कार्य किया है।

दस्तक चैम्पियन्स के रूप में आशा कार्यकत्र्रियों, ग्राम प्रधानों, शिक्षकों तथा चिकित्सा अधिकारियों का प्रयास सराहनीय है। गोरखपुर तथा बस्ती मण्डल के प्रत्येक जनपद से इनमें से प्रत्येक श्रेणी के एक-एक उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति को सम्मानित किया गया है। दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गोरखपुर तथा बस्ती मण्डल के सभी जनपदों के जनपद एवं ब्लाॅक स्तरीय चिकित्सालयों पर दिमागी रोग उपचार केन्द्र स्थापित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिमागी रोग उपचार केन्द्रों की गतिविधियों की प्रतिदिन निगरानी हेतु सभी 104 म्ण्ज्ण्ब्ण् पर टैबलेट कम्प्यूटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन टैबलेट कम्प्यूटरों में एक विशेष साॅफ्टवेयर विकसित कर लोड किया गया है, जिसके माध्यम से उपचार केन्द्र पर प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या, दवा की उपलब्धता, उपकरणों की क्रियाशीलता तथा मरीज की अद्यतन स्थिति की नवीनतम जानकारी प्राप्त होगी। यह टैबलेट कम्प्यूटर्स के चिकित्सकों को वितरित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री जी ने जन जागरूकता अभियान के प्रचार वाहनों को भी आज झण्डी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि 38 जनपद एक्यूट इंसेफेलाइटिस (ए0ई0एस0) व जापानी इंसेफेलाइटिस (जे0ई0) से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि कुपोषण भी इस बीमारी का एक कारण है।

इसलिए गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों को पुष्टाहार व जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। सभी जिला चिकित्सालय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। चिकित्सालयों में बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में वेंटीलेटर्स तथा वाॅर्मर्स की सुविधा बढ़ाई गई है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से ही प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जा सका है।

इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री प्रशान्त त्रिवेदी, यूनीसेफ की प्रदेश प्रमुख सुश्री रूथ एल0 लियानो सहित चिकित्सा विभाग अधिकारी के मौजूद थे।

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