तेंदूपत्ता संग्राहकों के बच्चों को दी जाने वाली विभिन्न छात्रवृत्ति योजना

तेंदूपत्ता संग्राहकों के बच्चों को दी जाने वाली विभिन्न छात्रवृत्ति योजना

नये वन मंत्री श्री महेश गागड़ा ने आज यहां मंत्रालय में पहली विभागीय बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को विभाग द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों के बच्चों को दी जाने वाली विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचाने के निर्देश दिए।1017cc_0

उन्होंने इन योजनाओं का विस्तार करते हुए अधिकारियों को इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने कहा है। श्री गागड़ा ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में वन विभाग के अधिकारियों की मैराथन बैठक लेकर विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों का समीक्षा की। बैठक में उन्होंने लघु वनोपज संघ, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम लिमिटेड, छत्तीसगढ़ राज्य औषधि पादप बोर्ड, कैम्पा निधि एवं वन्य प्राणी संरक्षण कार्यों की समीक्षा की।

बैठक में उन्होंने तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका वितरित करने का काम यथाशीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी मुख्य वन संरक्षकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत वन विभाग को मिले लक्ष्य को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के लिए जोर-शोर से कार्य करने कहा। उल्लेखनीय है कि वन विभाग द्वारा दोनों बीमा योजनाओं के तहत 29 लाख लोगों के बीमा कराने का लक्ष्य है।

वनमंत्री श्री गागड़ा आगामी 6 जून को रायपुर के नवीन विश्राम भवन में प्रदेश के सभी वनमंडलाधिकारियों से रूबरू होकर मैदानी स्तर पर हो रहे विभागीय कार्यों की समीक्षा करेंगे। बैठक में वन मंत्री ने विगत मार्च महीने में बस्तर में वन कर्मचारी के गिरफ्तारी के विरोध में वनकर्मियों द्वारा 20 दिन की हड़ताल अवधि का अवकाश स्वीकृत करने की घोषणा की।

उन्होंने हरियाली प्रसार योजना के तहत क्लोनल नीलगिरी पौधों की नर्सरी तैयार करने के लिए 24 करोड़ रूपए मंजूर किए। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य औषधि पादप बोर्ड की ‘होम-हर्बल-गार्डन’ योजना के तहत आगामी 6 जुलाई को पूरे प्रदेश में औषधि पौधों के वितरण का कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। श्री गागड़ा ने रायपुर के आयुर्वेदिक कॉलेज और सड्डू कॉलोनी में औषधि पौधों के वृहद उद्यान तैयार करने के निर्देश औषधि पादप बोर्ड के अधिकारियों को दिए।

वनमंत्री ने बैठक में गजराज परियोजना और जामवंत परियोजनाओं के तहत मुआवजा प्रकरणों को निर्धारित समय-सीमा में निपटाने कहा। बैठक में बताया गया कि प्रभावितों को तत्काल राहत दिलाने के लिए विभाग द्वारा इसकी समय-सीमा संशोधित की गई है। अब जनहानि के प्रकरणों में 40 दिनों के बजाय 10 दिनों में और घायल, पशुहानि एवं मकान क्षति के मामलों में 15 दिनों में मुआवजा प्रदान करने की नई समय-सीमा निर्धारित की गई है।

श्री गागड़ा ने प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारणों में ‘इको-टूरिज्म’ को बढ़ावा देने के लिए शासन और निजी क्षेत्र की भागीदारी से जरूरी सुविधाओं का विकास करने कहा। उन्होंने अचानकमार टाइगर रिजर्व में स्थानीय ग्रामीणों की सुविधा के लिए बीजापुर की तर्ज पर ‘जनसुविधा एक्सप्रेस’ का संचालन जल्द शुरू करने के निर्देश दिए, ताकि ग्रामीणों को परिवहन की सहज सुविधा मिले।

समीक्षा बैठक में वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री आर.पी. मंडल, सचिव श्री अनिल साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सर्वश्री रामप्रकाश, डॉ. अरविंद बोआज, बी.एल. शरण, बी.एन. द्विवेदी, सभी अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक और प्रदेश के सभी वनवृत्तों के मुख्य वन संरक्षक सहित वन विभाग के अनेक अधिकारी मौजूद थे।

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