- July 7, 2017
तीन सौ से अधिक शहीदों की मूर्तियां लगवाई जाएंगी – अध्यक्ष राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति
जयपुर————राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष श्री प्रेम सिंह बाजौर ने कहा है कि झुंझुनू जिले में तीन सौ से अधिक शहीदों की मूर्तियां अभी भी नहीं लगी हुई है, जिन्हें आपस में मिल बैठकर भामाशाहों के सहयोग से लगवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह की पहल वे समूचे राजस्थान में भी करेंगे, लेकिन शहीद की मूर्ति स्थल के लिए भूमि उपलब्ध करवाने की पहल शहीद के परिजनों एवं ग्राम पंचायत को करनी होगी।
जमीन का पट्टा मिलने के बाद मूर्ति स्थल की चार दीवारी एवं स्टेच्यू का खर्चा क्षेत्राीय सांसद या विधायक कोटे से मंजूर करवाया जाएगा। श्री बाजौर गुरूवार को झुझुनंू सर्किट हाउस में आयोजित क्रार्यक्रम में जानकारी दे रहे थै।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी के गत कार्यकाल में भी राज्य के सभी जिलों में पहली बार जिला मुख्यालयों पर सैनिकों की समस्याएं सुनने के लिए शिविर आयोजित किए गए थे, उस दौरान भी गौरव सैनानियों की समस्याएं सुनने का और उनका समाधान करने का प्रयास किया गया था। इन शिविरों के अच्छे परिणाम सामने आए थे। इस बार भी मुख्यमंत्राी के निर्देश पर उन्होंने देश में सेना में सर्वाधिक भागीदारी और शहादत दर्ज करवाने वाले झुंझुनू जिले से ही शहीद सम्मान यात्रा की शुरूआत की है। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी जिलों में 1600 से करीब शहीद है, जिनमें से 30 प्रतिशत शहीद अकेले झुंझुनू जिले से है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमत्राी से कारगिल युद्ध से पहले के शहीदों के परिजनों में से ब्लड रिलेशन के किसी एक व्यक्ति को नौकरी लगवाने के लिए बातचीत हुई है और सरकार के अधिकारी इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए कार्यवाही कर रहे है। उन्होंने बताया कि जिन सैनिकों की फोटो अभी भी परिजनों के पास नहीं है उनके फोटो उनके सेना रिकार्ड से मंगवाने के लिए सैनिक कल्याण निदेशालय के निदेशक ब्रिगेडियर करण सिंह राठौड को निर्देश दे दिए गए है। उन्होंने बताया कि आगामी 13 जुलाई से वे जोधपुर जिले में शहीद सम्मान यात्रा कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे।
उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए है कि वे शहीदों की समस्याओं से संबंधित सभी आवेदन पत्रों का निस्तारण जल्द से जल्द करें और जिन गौरव सैनानियों ने हथियार लाईसेंस प्राप्त करने के आवेदन दे रखे हैं, उनमें समूचित कार्यवाही करवाकर उन्हें लाईसेंस जारी करें ,ताकि वे सुरक्षा गार्ड के रूप में कही भी नौकरी पर लग सके।
श्री बाजौर ने बताया कि झुंझुनू जिले में 9 शहीद वीरांगनाओं के आश्रितों को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्रा देकर नौकरी पर लगाया गया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने यात्रा के दौरान शहीद वीरांगनाओं को यह आश्वासन दिया था कि कल आपकी नौकरी के आदेश जारी हो जाएंगे, इस कार्य में जिला प्रशासन ने अपना सहयोग देकर हाथोहाथ नियुक्ति के आदेश जारी भी किए है।
उन्होंने बताया कि जिले में शहीद सम्मान यात्रा के दो चरणों में 449 शहीदों के घर एवं उनके मूर्ति स्थलों पर जाकर शहीद वीरांगनाओं एवं उनके परिजनों का माला एवं शाॅल ओढाकर सम्मान किया है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में झुंझुनू, अलसीसर, नवलगढ़ एवं उदयपुरवाटी तहसील क्षेत्रा के 195 शहीदों की वीरांगनाओं का सम्मान किया है, वहीं दूसरे चरण में बुहाना, खेतडी, सूरजगढ़ एवं चिडावा तहसील क्षेत्रा के 254 शहीदों के आश्रितों के गांव, ढाणी, खेत एवं घर में जाकर उनका सम्मान किया है।
उन्होंने बताया कि शहीदों के परिजनों की समस्याएं सुनकर उनका मन काफी विचलित हुआ है, क्योंकि उनके लाडले के शहादत की भरपाई रूपये, पैसो और नौकरी से नहीं की जा सकती है।
इस अवसर पर अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री सुंदरलाल एवं सूरजगढ़ पंचायत समिति प्रधान श्री सुभाष पूनियां ने प्रेम सिंह बाजौर द्वारा शहीद सम्मान यात्रा की शुरूआत झुंझुनू जिले से करने पर उनका आभार जताया और कहा कि उन्होंने शहीदों की मूर्तियां लगाने का जो बीडा उठाया है वह बहुत ही पुण्य एवं धर्म का कार्य है और इस तरह की अनूठी पहल देश में शायद पहली बार राजस्थान में ही की गई है।
आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि ग्रामीणों एवं शहीद के परिजनों को चाहिए की वे जल्द से जल्द शहीदों की मूर्ति स्थल के लिए जमीन का पट्टा प्राप्त करके उपलब्ध करवाएं, ताकि उन्हें स्टेच्यू एवं चार दीवारी निर्माण के लिए संबंधित विधायक एवं सांसद कोटे से राशि स्वीकृत की जा सकें।
उन्होंने बताया कि देश का दूसरा एवं राज्य का प्रथम परमवीर चक्र विजेता पीरू सिंह भी इसी जिले के बेरी गांव के रहने वाले है, जो 1948 में शहीद हुए थे, जिन्हें मरणोपरान्त वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
श्री बाजौर ने बताया कि दो चरणों की यात्रा में कुल 238 समस्याओं के आवेदन पत्रा प्राप्त हुए थे, जिनमें से 40 समस्याओं का समाधान कर दिया गया है। शेष में से जिला स्तर की समस्याओं के समाधान के लिए जिला कलेक्टर श्री दिनेश कुमार यादव को निर्देश दिए गए है, वहीं राज्य स्तरीय समस्याओं का समाधान जयपुर में बैठकर किया जाएगा।
अनुकम्पात्मक नियुक्ति के 84 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 9 को नियुक्ति पत्रा जारी करवाकर नौकरी पर लगवाया गया है। वहीं 2 स्कूलों का नामकरण शहीदों के नाम करवाया गया है। पूर्व सैनिकों एवं विधवाओं के पेंशन संबंधित 24 मामलें प्राप्त हुए थे, जिनका शत-प्रतिशत निस्तारण कर दिया गया है।
शहीदों की मूर्ति लगवाने के लिए भूमि आंवटन के 36, फ्लेट आंवटन के 5, स्कूल नामकरण के 50, उपनिवेशन विभाग से भूमि आंवटन के 6, स्कूल क्रमोन्नत के 6 और स्थानांतरण के 22 आवेदन पत्रा प्राप्त हुए है, जिन पर संबंधित को आवश्यक कार्यवाही के लिए लिख दिया गया है और लिखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि शहीद सम्मान यात्रा के दौरान सड़क निर्माण से संबंधित 36 मामलें प्राप्त हुए थे, जिनमें से 30 मामलों के प्रस्ताव बनवाकर भिजवा दिए गए है, रास्तों के कटाण, नामान्तकरण और शहीद स्मारक के लिए भूमि आंवटन तथा शहीद के परिजनों की भूमि पर अतिक्रमण से संबंधित 27 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिन पर उचित कार्यवाही के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है।
शहीदों की मूर्ति स्थलों के आस-पास पानी की समूचित व्यवस्था करवाने के 11, रास्ता दुरूस्तीकरण एवं रास्ते से अतिक्रमण हटाने और सीमेंट सड़क निर्माण के भी 11 आवेदन प्राप्त हुए है।
शहीद स्मारक के निर्माण हेतु भूमि आंवटन, कैंटिन सुविधा एवं सैनिक कल्याण से संबंधित 50 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 7 का निस्तारण किया जा चुका है वहीं 7 मामलें जयपुर भिजवाएं गए है तथा 36 ऐसे मामलें है जो नियमों के तहत नहीं आते है, जिन्हें निरस्त कर दिया गया है। विद्युत कनेक्शन से संबंधित 6 मामलें प्राप्त हुए थे, जिनमें से 2 को तुरन्त निपटाया गया है।
अस्पतालों में चिकित्सक लगवाने, पीएचसी को क्रमोन्नत करने एवं पातुसरी पीएचसी का निजीकरण रोकने एवं मिठवास में उपस्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत करने के भी आवेदन प्राप्त हुए है, जिन पर चिकित्सा विभाग को समूचित कार्यवाही करने के लिए जयपुर भिजवाया गया है।