तीन साल में साढ़े चार करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव

तीन साल में साढ़े चार करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव

कोरबा (छत्तीसगढ) —/ /कमलज्योति//———- गांव का नाम जेहन में आते ही कुछ तस्वीर मस्तिष्क में बननी शुरू हो जाती है। दूर-दूर बिखरे हुए घर और अव्यवस्थित परिवेश के बीच अनेकों समस्याएं भी नजर आती है। ऐसे में एक व्यवस्थित और सर्व सुविधायुक्त, समस्याविहीन गांवों की कल्पना भी होती है। जिले में इन्ही कल्पनाओं को साकार करने का बीड़ा कलेक्टर पी. दयानंद ने उठाया है।

पहली बार परियोजना प्रभावित 10 गांवों को आदर्श ग्राम बनाने चिन्हित कर खनिज न्यास निधि से आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना भी बना ली गई है। जिसमें गांव को माडल गांव बनाने पहले वर्ष लगभग ढाई करोड़ रूपए, दूसरे वर्ष डेढ़ करोड़  से अधिक राशि कुल मिलाकर तीन साल में साढ़े चार करोड़ रूपए खर्च करने का प्रस्ताव है। यकीन मानिये तब इन गावों की तस्वीर कुछ अलग ही होगी।

गांव में विकास की झलक न सिर्फ दूर से दिखाई देगी बल्कि गांव में प्रवेश करते ही गांव की सड़क, व्यवस्थित नालियां, कूड़ेदान, शौचालय, सर्व सुविधायुक्त स्कूल भवन, आंगनबाड़ी भवन, पंचायत भवन, पटवारी कार्यालय आदर्श गांव की पहचान प्रस्तुत करेगी। यहा के आंगनबाड़ी भवन का नजारा बाहर से रंग बिरंगे और आकर्षक तो होगा ही भीतर में अनेक सुविधाये होगी।

कुपोषित बच्चों से लेकर गर्भवती, शिशुवती महिलाओं को अतिरिक्त पोषण आहार मिलेगा। बच्चों के लिए झूले भी होंगे। स्कूलों में बैठने के लिए फर्नीचर, स्मार्ट कक्षाएं, कम्प्यूटर, लैब व लाइब्रेरी भी संचालित होगी। कर्मचारियों के रहने के लिए आवास की सुविधा और गांव के हर घर में उपचारित स्वच्छ पेयजल पहुंचेगा।

सभी बेरोजगार युवक युवतियां कौशल उन्नयन अन्तर्गत मनपसंद ट्रेड में प्रशिक्षित होंगे। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ सिंचाई सुविधा, प्राचीन तालाबों का जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण, आकर्षक उद्यान के साथ जैविक खेती को बढ़ावा देने 5 हेक्टयर में फसल लेने के साथ ग्रामीणों को साक्षर बनाने की योजना है।

जिला खनिज न्यास निधि से कलेक्टर पी. दयानंद ने परियोजना प्रभावित 10 ग्रामों का चयन मॅाडल गांव बनाने के लिये किया है। प्रस्तावित ग्रामों में बतरा, लाफा, बतारी, बेलटिकरी, ढुरैना (विजयनगर), सिरकी (गांधीनगर) गंगानगर (घाटमुड़ा), खम्हरिया (वैशाली नगर), घमोटा (धनरास), डिंडोलभाठा का नाम शामिल है। कलेक्टर के निर्देशन में इन चिन्हित गांवों को मॅाडल गांव बनाने पहल प्रारंभ कर दी गई है।

संबंधित एसडीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया है। मॅाडल गांव बनाने तीन वर्षो के लिए लगभग साढ़े चार करोड़ की राशि सभी ग्राम पंचायतों में अलग-अलग खर्च की जायेगी। पहले वर्ष 2016-17 में 2 करोड़ 55 लाख की राशि विभिन्न विकास कार्यों में खर्च की जायेगी। 2017-18 में 1 करोड़ 76 लाख तथा वर्ष 2018-19 में 18 लाख की राशि खर्च हेतु प्रस्तावित है।

सब कुछ होगा माडल- परियोजना प्रभावित जिन 10 ग्रामों को माडल ग्राम पंचायत के रूप में विकसित किया जायेगा वहां निर्मित भवन से लेकर शुरू किए जाने वाले कार्यों की पहचान कुछ अलग ही होगी। माडल ग्राम पंचायत में उचित मूल्य की दुकान, गोदाम का निर्माण, पटवारी कार्यालय, सरपंच, सचिव कार्यालय, कृषि विस्तार अधिकारी कार्यालय, माडल स्वास्थ्य केंद्र का विकास, संपूर्ण टीकाकरण, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने सुविधा, प्रत्येक घर में उपचारित पेयजल की उपलब्धता, मुख्य सड़क में सौर उर्जा से रोशनी, सीसी रोड एवं व्यवस्थित नाली का निर्माण, प्राचीन तालाबों का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण (पाचवे एवं प्रकाश व्यवस्था) सिंचाई सुविधा हेतु नाला बंधान, जैविक कृषि को बढ़ावा देने 5 हेक्टेयर में जैविक फसल, फलोद्यान, पंचवन विकास के लिए राशि खर्च की जाएगी।

माडल आंगनबाड़ी, माडल स्कूल में होगी अनेक सुविधाएं- माडल ग्राम पंचायत के रूप में चयनित गांवों के आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों को भी माडल बनाने की योजना है। आंगनबाड़ी केंद्रों को सर्व सुविधा युक्त, बच्चों के लिए खेलकुद सामग्री, सोलर ड्यूल पंप पेयजल, माडयूलर फर्नीचर तथा अनौपचारिक शिक्षा हेतु आधुनिक संसाधन का प्रयोग शामिल है।

माडल ग्राम पंचायतों की स्कूलों को माडल बनाने सर्व सुविधायुक्त स्कूल भवन, स्मार्ट क्लास, फर्नीचर एवं क्रीड़ा सामग्री, कम्प्यूटर लैब एवं लाइब्रेरी, पेयजल हेतु सोलर ड्यूल पंप पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। गांव में साक्षर भारत कार्यक्रम अन्तर्गत सभी को साक्षर बनाने के साथ बेरोजगार युवक‘युवतियों, महिलाओं, विधवा एवं परित्यकताओं को कौशल विकास कार्यक्रम से जोड़कर प्रशिक्षित किया जायेगा। गांव के आंगनबाड़ी, स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों में सभी की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जायेगी।

समुदायमूलक कार्यों को दिया जायेगा बढ़ावा- गांव में अधोसरंचना, पेयजल की सुविधा के साथ समुदायमूलक कार्यों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके अन्तर्गत बाल उद्यान, सार्वजनिक उद्यान, आगामी 1 वर्ष के लिए पीपीएल परिवारों को निःशुल्क गैंस कनेक्शन, डेयरी विकास को बढ़ावा दिया जायेगा। गांव को स्वच्छ बनाने सभी ग्रामों को खुले में शौचमुक्त बनाना, स्वच्छता हेतु कचरे का उचित प्रबंधन, कूड़ेदान की व्यवस्था पर भी जोर दिया जायेगा।

प्रस्तावित ग्राम- बतरा, लाफा, बतारी, बेलटिकरी, ढुरैना (विजयनगर), सिरकी (गांधीनगर) गंगानगर (घाटमुड़ा), खम्हरिया (वैशाली नगर), घमोटा (धनरास), डिंडोलभाठा को माडल ग्राम बनाने चयनित किया गया है।

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