ठेका श्रमिकों की कवरेज 1.02 करोड़ रुप्ये

ठेका श्रमिकों की कवरेज 1.02 करोड़ रुप्ये

पेसूका ————-केंद्रीय न्यासी बोर्ड की एक उप-समिति, ईपीएफ की 7 नवंबर, 2016 को बैठक हुई। समिति को पता चला कि ठेका श्रमिकों की कवरेज 89.25 लाख से बढ़कर 1.02 करोड़ हो गई है।

देश में बड़ी संख्या में ठेका श्रमिक अभी भी पीएफ लाभ से वंचित है। इसका कारण यह है कि केन्द्र सरकार के अनेक विभाग/संगठन ईपीएफ और एमपी एक्‍ट, 1952 के दायरे में नहीं आते।

सभी कामगारों के मूल अधिकार के रूप में सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे सहित ऐसी सभी श्रेणियों को बाहर रखे जाने के कार्य को रद्द करने के लिए भारत सरकार से सिफारिश करने का निर्णय लिया गया।

समिति ने यह भी कहा कि ठेका मजदूरों के खातों का हस्‍तांतरण अब यूनिवर्सल खाता संख्या (यूएएन) के माध्‍यम से संभव है।

ठेका श्रमिकों को आधार यूएएन का पूरा उपयोग करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाए। समिति ने सरकार से यह भी सिफारिश की है कि ईपीएफओ के अधीन मौजूदा वेतन सीमा को 15,000 रूपये प्रति माह से बढ़ाकर 25,000/- रूपये प्रति माह कर दी जाए।

अपर केन्द्रीय भविष्‍य निधि आयुक्‍तों की बैठक की जोनल समीक्षा 26 नवंबर 2016 को हुई, जिसमें सभी संभागों के अपर केन्द्रीय भविष्‍य निधि आयुक्‍तों को यह सलाह दी गई कि सभी ठेका श्रमिकों की कवरेज सुनिश्चित करने के लिए राज्‍य सरकारों से सम्‍पर्क करें, ताकि राज्‍यों के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, राज्‍य निगमों, राज्‍य सरकार के विभागों और राज्‍यों के सार्वजनिक निर्माण विभागों से यह कार्य करने के लिए कहा जा सके।

कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के तहत पेंशन धारकों द्वारा जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की आखिरी तिथि बढ़ाकर 15 जनवरी, 2017 कर दी गई है। ईपीएफओ के लगभग 54 लाख पेंशनधारक है।

कार्यकारी समिति, सीबीटी, ईपीएफ 24 नवंबर 2016 का पुनर्गठन किया गया था। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव इस कार्यकारी समिति के अध्यक्ष हैं। सीबीटी, ईपीएफ की कार्यकारी समिति की 87वीं बैठक, 12 दिसंबर, 2016 को आयोजित करने का कार्यक्रम है।

ईपीएफओ ने माह के दौरान 18,501 शिकायतों का निपटारा किया और 3153 मामले लंबित है। लंबित शिकायतों में से 82 प्रतिशत केवल 07 दिन पहले ही प्राप्‍त हुई हैं।

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