ट्रांसमिशन प्रणाली की हानि न्यूनतम 2.82 प्रतिशत

ट्रांसमिशन प्रणाली की हानि न्यूनतम 2.82 प्रतिशत

प्रदेश में बिजली की माँग में बढ़ोत्तरी के अनुरूप ट्रांसमिशन प्रणाली के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। पिछले वर्ष 2014-15 में 1187 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों एवं 4294 एमव्हीए क्षमता के अति उच्चदाब उप-केन्द्रों का काम पूरा किया गया है।

ऊर्जा विभाग ने राज्य में इस वर्ष 2015-16 में 1036 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों तथा 4494 एमव्हीए क्षमता के अति उच्चदाब केन्द्रों से संबंधित कार्य किये जाने का कार्यक्रम तय किया है। वर्तमान में प्रदेश में ट्रांसमिशन प्रणाली की 2.82 प्रतिशत हानियाँ देश में न्यूनतम स्तर पर है। ट्रांसमिशन प्रणाली की उपलब्धता भी नियामक आयोग द्वारा भी निर्धारित मानक से अधिक लगभग 99 प्रतिशत है।

प्रदेश में बिजली वितरण की गुणवत्ता में सुधार के लिये पिछले वर्ष 2014-15 में विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा 33/11 केव्ही के 99 नये उप-केन्द्र स्थापित किये गये तथा 464 उप-केन्द्रों में पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के साथ अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये। इससे 51 जिलों के आबाद क्षेत्र में गैर कृषि उपभोक्ता को 24 घण्टे तथा कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे गुणवत्तापूर्ण निर्बाध बिजली दी जा रही है।

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