• June 19, 2017

टाईगर रिजर्व क्षेत्रों में प्रभावी निगरानी, बेहतर प्रबन्धन

टाईगर रिजर्व क्षेत्रों में प्रभावी निगरानी, बेहतर प्रबन्धन

जयपुर—————अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन एवं पर्यावरण श्री एन.सी. गोयल ने कहा कि वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण हेतु विशेषकर रणथम्भोर, सरिस्का व मुकन्दरा टाईगर रिजर्व क्षेत्रों में प्रभावी मॉनिटरिंग, निरीक्षण एवं बेहत्तर समन्वय, पर्याप्त अधिकारियों व स्टॉफ की तैनाती, पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवाने, प्रशासनिक ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करने, रात्रि गश्त आदि से तीनों टाईगर रिजर्व क्षेत्र की व्यवस्था पहले से मुस्तैद व सुदृढ़ हुई है व उसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

श्री गोयल ने बताया कि रणथम्भौर, सरिस्का व मुकन्दरा टाईगर रिजर्व में सभी स्तर के पदों को भर कर व्यवस्था को चाक-चौबन्द किया गया हेै।

उन्होंने कहा कि ये तीनों टाईगर रिजर्व बहुत बड़े क्षेत्र में फैले हुए हैं इस कारण इनमें एक-एक अतिरिक्त जिला वन संरक्षक लगाये गये हैं व मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारियों को इनका प्रभारी बनाया गया है ताकि वन्य क्षेत्र में होने वाली हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा सके ।

श्री गोयल ने बताया कि तीनों टाईगर रिजर्व में अवांछनीय गतिविधियों पर रोक लग सके इस हेतु रात्रि गश्त शुरू की गई है ।

प्रभावी निगरानी से बढ़ी चौकसी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके फलस्वरूप 16 जून को सरिस्का टाईगर रिजर्व क्षेत्र के पास वन विभाग के कर्मियों द्वारा की गई संयुक्त कार्यवाही तीन शिकारियों का गैंग पकड़ा गया। इनके पास से जंगली सुअर का मांस व राईफल बरामद हुई है। इन तीनों को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 के तहत गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक व्यस्क है व 2 अव्यस्क है। अव्यस्काें को किशोर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। इनसे पूछताछ व अनुसंधान जारी है।

श्री गोयल ने बताया कि आज प्रातः अजबगढ़ रेंज के सीरी बावड़ी एरिया में मोरिया पुत्र लच्छु राम मोहरिया नामक व्यक्ति को गिरफ्तार कर उसके पास से सांभर का मांस बरामद किया गया है।

श्री गोयल ने कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण को लेकर काफी गंभीर हैं व वे स्वयं समय-समय पर वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण, बेहत्तर प्रबन्धन को लेकर समीक्षा कर रही हैं व आवश्यक दिशा-निर्देश दे रही हैं ।

उन्होंने कहा इस वर्ष स्टेट कैम्पा के तहत टाईगर रिजर्व क्षेत्रों में रह रहे ग्रामवासियों को पुनर्वासित करने हेतु 40 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है व 2 करोड़ रूपये टाईगर रिजर्व क्षेत्र में व इनसे लगते एरिया में रहने वाले निवासियों को बिना किसी भेदभाव के गैस कनेक्शन वितरित करने हेतु रखे गये हैं ताकि जलाऊ लकड़ी पर ग्रामीणों की निर्भरता खत्म हो सके व वन व वन्य जीवों के आवास स्थल सुरक्षित रह सकें।

श्री गोयल ने कहा कि मुख्य मंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने गत बजट में 40 हजार गैस कनेक्शन वितरण करने की घोषणा इन टाईगर रिजर्व क्षेत्र के निवासियों हेतु की थी व विभाग ने 46 हजार गैस कनेक्शन वितरित किये थे । इस वर्ष मुख्यमंत्री श्रीमती राजे की मंशा के अनुरूप 50 हजार गैस कनेक्शन वितरित किये जायेंगे व इस बार सब परिवारों को गैस कनेक्शन मिल जायेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि गैस कनेक्शन वितरण से वन क्षेत्र बचेगा व वन्य जीवों के प्राकृतिक आवासों की रक्षा हो सकेगी ।

रणथम्भौर टाईगर रिजर्व से इस साल जून के अन्त तक 30 करोड़ से राजस्व प्राप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए श्री गोयल ने कहा इस राशि से रणथम्भौर टाईगर रिजर्व में अवैध खनन, अतिक्रमण व मानव और वन्य जीव संघर्ष व वन्य जीव संरक्षण हेतु 100 किलो मीटर लम्बी 6 फीट ऊंची दीवार बनायी जायेगी ।

श्री गोयल ने कहा कि अब टाईगर रिजर्व क्षेत्र व उसके आस-पास के लोगों के साथ-साथ आम जन को यह समझ में आ गया है कि वन्य जीवों की हत्या कर उनकी खाल, नाखून आदि बेचने की बजाय इनके संरक्षण से आम आदमी को अनेक तरीके से रोजगार प्राप्त हो रहा है। इसका साक्षात् उदाहरण उन्होंने रणथम्भौर टाईगर रिजर्व को बताया जिसके संरक्षण से सवाईमाधोपुर व उसके आस-पास के लोगों को विभिन्न पर्यटन व सहायक गतिविधियों से 600 करोड़ की आमदनी हो रही है।

बाघ संरक्षण की दिशा में किये जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब तीनों टाईगर रिजर्व में प्रत्येक बाध की मॉनिटरिंग की जा रही है।
श्री गोयल ने मुख्यमंत्री श्रीमती राजे द्वारा पिछले बजट भाषण में मुकन्दरा, रणथम्भौर, सरिस्का, झालाना व जवाई में लेपर्ड के संरक्षण हेतु की गई घोषणा का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके तहत कैमरे लगाये जायेंगे, ड्रोन प्रयोग किये जाएंगे व इनका संबधित क्षेत्र में एक नियत्रंण कक्ष व डेटा सेन्टर होगा ।इस प्रोजेक्ट पर 60 करोड़ रूपये खर्च होंगे व यह सिस्टम एक साल में काम करना शुरू कर देगा ।

प्रोेजेक्ट लेपर्ड शुरू करने वाला राजस्थान पहला राज्य

उन्होंने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहां प्रोजेक्ट लेपर्ड शुरू किया जा रहा है इसके तहत लेपर्ड संरक्षण हेतु तारबन्दी, इनके प्राकृतिक रहवास से जुड़े अनेक कार्य करवाये जाएंगे।

श्री गोयल ने कहा कि नेशनल टाईगर कन्जरवेशन ऑथोरिटी ने दिसम्बर 2018 तक मुकन्दरा में बाध शिफ्ट करने की समय सीमा दी थी लेकिन श्रीमती राजे की प्रदेश के वन्य जीवों विशेष कर बाधों व लेपर्ड के संरक्षण में गहरी रुचि व संवेदनशीलता के मध्येनजर इस कार्य में बहुत तेजी लाई गई है व राज्य सरकार मुकन्दरा टाईगर रिजर्व में बाध शिफ्ट करने का कार्य दिसम्बर 2017 के अन्त तक पूरा कर लेगी ।

उन्होंने कहा कि मुकन्दरा में बाधों के एक-दो जोड़े छोड़े जाएंगे व इनके भोजन के लिये कोटा छावनी क्षेत्र से सांभर लाकर छोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि बाधों के भोजन के पर्याप्त प्रबन्ध के लिये कई जगहों से लगभग 300 चीतल लाकर छोड़े गये हैं ।

श्री गोयल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण व इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की अवांछित गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु प्रतिबन्धित है।

श्री गोयल ने कहा कि इस बार प्रदेश में जहां वन क्षेत्र नहीं है, वहां 60 लाख पौधारोपण कार्य वन विभाग द्वारा किया जायेगा।

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