• January 14, 2016

जोखिम- मुक्त- खेत आधारित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

जोखिम- मुक्त-  खेत आधारित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

चंडीगढ़ –  हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार किसानों के हित में नई-नई योजनाएं क्रियान्वित कर रही है और आज ही जोखिम- मुक्त खेत आधारित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना घोषित की गई है जिसके तहत फसल के बीमा प्रीमियम का पांच गुणा केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा निवास में बुलाए गए एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।1

उन्होंने कहा कि किसानों को खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत,रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत तथा बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत की दर से प्रीमियम देना होगा। उन्होंने बताया कि पूरे देश में एक फसल के लिए एक ही दर लागू होगी और फसल की अनुमानित लागत के मुआवजे में कोई कटौती नहीं की जाएगी। फसलों के नुकसान का आंकलन नई तकनीक सैटैलाइट के माध्यम से किया जाएगा। पटवारी व अन्य मैन्यूवल आंकलन में कई शिकायतें मिलती रही हैं, भविष्य में ऐसी शिकायतों से निजात मिलेगी। इसके लिए उड़ान नाम से भी एक अन्य योजना पर काम चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी योजनाओं की समीक्षा कर अच्छे बिंदुओं को सम्मिलित कर यह नई योजना तैयार की गई है और इसे आगामी खरीफ मौसम की फसलों से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई योजना जल भराव व अन्य कारणों से फसलों की बुवाई न हो पाने पर भी बीमा के माध्यम से नुकसान की भरपाई करेगी। इसके अलावा फसल काटने उपरांत अगर 14 दिनों के अंदर-अंदर अन्य प्राकृतिक आपदाओं से काटी हुई फसल को नुकसान होता है तो भी यह बीमा में कवर होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जितनी भागीदारी का सहयोग हरियाणा सरकार को देने को कहा जाएगा,राज्य सरकार उसके लिए तैयार है। फसल नुकसान आंकलन के लिए अन्य राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों में लागू फार्मूला हरियाणा में भी लागू होगा। एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार राज्य सरकार ने बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक जनवरी माह में बुलाई गई है,जबकि आमतौर पर यह जून माह के दूसरे सप्ताह तक बुलाई जाती रही है।

उन्होंने कहा कि आज की बैठक में बाढ़ नियंत्रण की 107 योजनाओं के लिए 129 करोड़ रूपए के बजट को अनुमोदित किया गया है। उन्होंने कहा कि 15 मर्ह तक बाढ़ नियंत्रण की योजनाओं का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं,फिर अगर योजनाएं पूरी नहीं होती हैं तो आज निर्णय लिया गया है कि मर्ह माह के अंत बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की पुन: बैठक होगी और योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। एक प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के तालाबों का पानी सिंचाई के लिए भी उपयोग में लाया जा सके ,पायलट परियोजना के आधार पर करनाल जिला में 5 गांवों में आरंभ की गई थी और अब पहले चरण में पूरे प्रदेश में 800 तालाबों के लिए यह योजना लागू की जा रही है जिसके तहत 3 या 5 स्तरों पर तालाबों के पानी को साफ कर सिंचाई के लिए प्रयोग में लाया जाएगा।

आरंभ में नाला बनाकर शामलात भूमि का प्रयोग किया जाएगा और आवश्यकता पडऩे पर किसानों से सहमति के आधार पर उनकी भूमि को प्रयुक्त किया जाएगा। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़,भाजपा अध्यक्ष श्री सुभाष बराला,मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री आर.के खुल्लर,सूचना,जनसंपर्क विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल,महानिदेशक डॉ. अभिलक्ष लिखी,मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री विजय शर्मा,मीडिया सलाहकार श्री अमित आर्य के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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