- January 29, 2019
जीएसटी में रजिस्ट्रेशन हेतु टर्न-ओवर की सीमा 40 लाख रुप्ये- -सुशील कुमार मोदी
पटना ———— उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में वर्ष 2019-20 के बजट के पूर्व तृतीय बैठक का आयोजन पुराना सचिवालय के सभागार में किया गया जिसमें उद्योग, व्यवसाय एवं परिवहन प्रक्षेत्र के प्रतिनिधिगण, संबंधित विभागों के पदाधिकारीगण व अन्य लोग उपस्थित थे।
बैठक को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वैट के तहत लम्बित कर (Tax demand) के मामले के निष्पादन हेतु व्दम ज्पउम ैमजजसमउमदज योजना शीघ्र ही शुरू होगी। साथ ही, जीएसटी प्रणाली लागू होने के पूर्व वर्ष 2017-2018 में प्रथम तिमाही में लागू वैट के लिए दाखिल त्रैमासिक विवरणी को वार्षिक विवरणी मान लिया जायेगा।
माह जुलाई, 2017 से माह सितम्बर, 2018 तक की विवरणियाँ 31 मार्च, 2019 तक दाखिल किये जाने पर विलंब फीस से छूट प्रदान की गई है तथा जीएसटी प्रणाली में रजिस्ट्रेशन हेतु टर्न-ओवर की निर्धारित सीमा 20 लाख रूपये से बढ़ाकर 40 लाख रूपये कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि Compounding Scheme के तहत आने वाले करदाताओं के लिए Gross Turn Over की अधिकतम सीमा भी 1 करोड़ रूपये से बढ़ा कर 1.5 करोड़ रूपये कर दिया गया है तथा उन्हें त्रैमासिक विवरणी के स्थान पर वार्षिक विवरणी दाखिल करने की सुविधा प्रदान की गई है।
50 लाख रूपये तक सालाना कारोबार करने वाले सेवा प्रदाता को भी इस योजना का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया गया है। करदाताओं को राज्य के अंदर एक पैन पर एक से ज्यादा निबंधन लिये जाने का प्रावधान किया गया है। परंतु बिना रिर्टन दाखिल किये टैक्स जमा नहीं होगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 अक्टूबर, 2018 से डीजल की दरों को 26 प्रतिशत से घटा कर 22.20 प्रतिशत एवं पेट्रोल की दर को 19 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि बिहार में जीएसटी के अंतर्गत निबंधित 3,88,259 व्यवसायियों में 1,68,205 वैट से माईग्रेटेड एवं 220054 नया निबंधन लेने वाले शामिल हैं। बिहार में 98000 Composition एवं 289755 नियमित करदाता है।
उद्योग, व्यवसाय एवं परिवहन प्रक्षेत्र के प्रतिनिधियों ने पर्यटन, भंडारण और चाय पत्ती के लिए अलग नीति बनाने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को बैंकों से ऋण लेने हेतु मार्जिन मनी में राज्य सरकार द्वारा अनुदान देने, पेशा कर को समाप्त करने, बिजली के वाहन हेतु नई नीति लाने तथा उनके निबंधन शुल्क में 50 प्रतिशत की रियायत देने आदि सुझाव दिये।