- March 21, 2016
जल संरचनाओं को पूर्णता देने की प्रतिस्पर्धा : – डॉ. दीपक आचार्य,उप निदेशक
उदयपुर —(सूचना एवं जनसंपर्क)—- मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ने गांवों में परंपरागत जलाशयों की दशा सुधार दी है। अभियान के अन्तर्गत हो रहे कामों ने इन जलाशयों की शक्ल बदल कर रख दी है।
ग्रामीणों में अपने गांव के तालाबों और दूसरे जलस्रोतों के प्रति धार्मिक और सामाजिक आस्थाओं के चलते सभी स्थानों पर ग्रामीणों का उल्लेखनीय श्रमदान सहयोेग प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर जारी इस मुहिम ने अब तक के सभी अभियानों से अलग हटकर अपनी छवि बनाई जहाँ गांव के लोग स्वेच्छा से इसमें अधिक से अधिक भागीदारी निभा रहे हैं और इस लक्ष्य को लेकर पूरी निष्ठा और समर्पण से काम कर रहे हैं कि इस बार की बरसात गांव के लिए पानी के मामले में आत्मनिर्भरता लाने वाली सिद्ध होगी ताकि ग्रामीणों को पीने का पानी दूर से लाने की विवशता न रहे, मवेशियों के लिए पानी की दिक्कत न रहे और उनका गांव पानी तथा हरियाली के मामले में पीछे न रहे।
इसी मंशा से गांव के लोग अपने पुराने तालाबों को ठीक-ठाक और गहरा करने, नए स्थानों पर मिट्टी हटाकर गहरा करने और जमीन से खोदी गई मिट्टी से पाल बनाने के कामों में जुटे हुए हैं।
कई स्थानों पर जमीन गहरी कर तालाब खुद गए हैं और मिट्टी की मजबूत पाल बनाई गई है। कई पुराने तालाबों में सफाई का काम जोरों पर चल रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि जल संरक्षण के कामों में श्रमदान के लिए यही अच्छा वक्त है जब गर्मी भी अपेक्षाकृत कम है और ऎसे में मिट्टी की खुदाई और पाल बनाने का काम आसानी से हो सकता है।
जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों तथा कार्मिकों के साथ ही विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों द्वारा सामूहिक रूप से जारी प्रयासों का ही नतीजा है कि उदयपुर जिले में जिन गांवों को अभियान के अन्तर्गत चिह्नित किया गया है वहाँ हर तरफ जल संरचनाओं के आकार दूर से ही नज़र आने लगे हैं।
जिन गांवों में पहाड़ों पर ट्रैंच खोदने, नए तालाब बनाने, पुराने तालाबों को गहरा कर पाल ऊँची करने आदि के काम हो चुके हैं उनकी वजह से पास के गांवों में रहने वाले लोगों में प्रतिस्पर्धा के भाव जगे हुए हैं।
इस वजह से हर गांव में ग्रामीण पूरे मनोयोेग से इसमें जुटकर जल्द से जल्द काम पूरे कर लेने में भिड़े हुए हैं। गांवों में अब मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत कामों को पूरा करने की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा परवान पर है।
जिस गति से उदयपुर जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन के काम चलाए जा रहे हैं उसे देख लगता है कि इस अभियान में उदयपुर हर मामले में अव्वल ही रहने वाला है।