- February 20, 2015
जनजाति क्षेत्र के विकास का समान मॉडल देशभर में लागू करेंगे -केन्द्रीय जनजाति मामलात मंत्री
जयपुर-केन्द्रीय जनजाति मामलात मंत्री श्री जुआल ओरम ने कहा कि पूरे देश में समग्र जनजाति विकास का समान मॉडल सभी प्रदेशों में लागू किया जायेगा।
श्री ओराम बुधवार को उदयपुर के टीआरआई सभागार में आयोजित उदयपुर के जनप्रतिनिधियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों के लिए स्वीकृत बजट का उपयोग आमजन को मिलने वाली सुविधाओं के लिए समयबद्घ एवं प्रभावी निगरानी के साथ हो इसके लिए इंटीग्रेटेड ट्रायबल डवलपमेंट एजेन्सी (आईटीडीए) की व्यवस्था देशभर में होनी चाहिए। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों एवं प्रदेश की सरकारों से समन्वय स्थापित कर योजना को मूर्त रूप दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रदेश में अन्य राज्यों की तर्ज पर जनजाति परामर्शदात्री समिति का अध्यक्ष मुख्यमंत्री को बनाने के निर्णय के लिए वे स्वयं मुख्यमंत्री से चर्चा कर निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों को शुद्घ पेयजल, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, छात्रावास, कृषि एवं सिंचाई के पर्याप्त संसाधनों की समुपलब्धता की दिशा में केन्द्र सरकार समान नीति तय करने जा रही है, इससे सभी राज्यों में विकास के बेहतर आयाम स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में माडा क्षेत्र को जनजाति उपयोजना क्षेत्र में शामिल करने के लिए वे केन्द्र के स्तर पर प्रभावी प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपने अधिकारों के उपयोग के लिए जागरूक होना होगा इसके लिए पर्याप्त प्रशिक्षण एवं उन्हें प्रदत्त अधिकारों की जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे जनजाति क्षेत्रों का दौरा कर वहां की आवश्यकताओं एवं भावी योजनाएं लागू करने के बारे में जानकारी लेंगे।
इस मौके पर जनप्रतिनिधियों ने जनजाति क्षेत्र में विविध योजनाओं एवं केन्द्र से मिलने वाले वित्तीय संसाधनों का समयबद्घ एवं प्रभावी उपयोग कर क्षेत्र की समस्याओं को दूर करते हुए समग्र विकास की दिशा में उपयोगी सुझाव रखे।
सांसद श्री अर्जुनलाल मीणा ने कहा कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र के विस्तार के लिए प्रस्ताव केन्द्र सरकार के अधीन विचाराधीन है, उसे शीघ्र लागू किया जाए। उन्होंने जनजाति क्षेत्र के विकास के लिए आंध्र व उड़ीसा पेटर्न पर कार्य कराने की जरूरत बतायी। श्री मीणा ने कहा कि जनजाति परामर्शदात्री समिति का अध्यक्ष मुख्यमंत्री को बनाने की मांग रखी जिससे योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग हो सके। उन्होंने उपयोजना क्षेत्र के सामान्य वर्ग को भी जनजाति के समान ही रोजगार व सुविधाओं के समान अवसर देने की बात कही। उन्होंने जनजाति विश्वविद्यालय को संसाधन सम्पन्न एवं गतिशील बनाने की जरूरत बतायी। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी विचार व्यक्त किये।
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