• September 18, 2020

छतीसगढ़ में कोयला खादानों की लिस्ट बदली, लेकिन स्थिति जस की तस

छतीसगढ़ में कोयला खादानों की लिस्ट बदली, लेकिन स्थिति जस की तस

कोयले का खनन काजल की कोठरी में जाने से कम नहीं। कुछ ऐसी ही स्थिति छतीसगढ़ में हो रही है। दरअसल जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण के नाम पर सरकार ने वहां खनन के लिए प्रस्तावित कोयला खण्डों की सूची में बदलाव तो किया, लेकिन स्थिति जस की तस सी हो गयी है और सरकार के फ़ैसले पर अब दाग़ लगता दिख रहा है।

मंथन अध्ययन केन्द्र की मानसी आशेर और श्वेता नारायण द्वारा लिखित एक ताज़ा रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है। रिपोर्ट की मानें तो भारत सरकार के आत्‍म निर्भर भारत अभियान के तहत बीती 18 जून को जिन 41 कोयला खण्‍डों की खनन हेतु नीलामी प्रक्रिया प्रस्‍तावित की गई थी उनमें से 9 छत्तीसगढ़ की थी। इन 9 खादानों में 3 कोरबा जिले के हसदेव अरण्‍ड क्षेत्र की थीं, 2 सरगुजा जिले की और 4 रायगढ़ और कोरबा‍ जिलों के माण्‍ड-रायगढ़ खण्‍ड की थीं। इनमें से कुछ खदानों का स्‍थानीय समुदायों के अलावा छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कड़ा विरोध किया जा रहा था क्‍योंकि वे उच्‍च जैव-विविधता क्षेत्र तथा प्रस्‍तावित हाथी रिजर्व में स्थित हैं।

अंततः नीलाम की जाने वाली खदानों की सूची में 1 सितंबर 2020 को बदलाव किया गया। छत्तीसगढ़ के संवेदनशील पारिस्थितिक क्षेत्र स्थित 5 कोयला खदानों – मोरगा दक्षिण, फतेहपुर पूर्व, मदनपुर (उत्‍तर), मोरगा – II और सायंग को नीलामी हटा दिया गया।

हालांकि, इनके स्‍थान पर 3 अन्‍य खदानों – डोलेसरा, जारेकेला और झारपालम-टंगरघाट को शामिल कर लिया गया। बदली गई तीनों खदाने माण्‍ड रायगढ़ा कोयला क्षेत्र और जंगल और जैव विविधता संपन्‍न रायगढ़ जिले में है। यही बात विवाद का विषय बन गयी और इसने स्थिति को न सिर्फ़ जस का तस बनाया, बल्कि सरकार के फ़ैसले पर पर ऊँगली उठने की स्थिति भी उत्पन्न कर दी।

इस पर अपना पक्ष रखते हुए इस रिपोर्ट की लेखिका, मानसी आशेर और श्वेता नारायण क%

Related post

साइबर अपराधियों द्वारा ‘ब्लैकमेल’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट

साइबर अपराधियों द्वारा ‘ब्लैकमेल’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट

गृह मंत्रालय PIB Delhi——–  राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर साइबर अपराधियों द्वारा पुलिस अधिकारियों,…
90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया : निर्वाचन आयोग

90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया : निर्वाचन आयोग

कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर अन्य पार्टियों की ओर से कोई बड़ी शिकायत लंबित नहीं है…
अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

वासुदेव डेण्डोर (उदयपुर)———– देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे फेज़ के वोटिंग प्रक्रिया भी समाप्त हो…