चीनी निर्यात कोटा बढ़ाने पर विचार :: 14 मिले बंद

चीनी निर्यात कोटा बढ़ाने पर विचार  :: 14 मिले बंद

नई दिल्ली :  खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने  कहा कि सरकार घरेलू उत्पादन और आंतरिक मांग का आकलन करने के बाद चीनी निर्यात कोटा मौजूदा 60 लाख टन से बढ़ाने पर अगले महीने फैसला लेगी।

आपको बता दे की, पिछले साल नवंबर में 6 मिलियन टन का चीनी कोटा जारी किया गया था। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के संजीव चोपड़ा ने कहा, हमें इस साल चीनी उत्पादन की मात्रा के बारे में अलग-अलग विचार मिल रहे हैं और अगले कुछ हफ्तों में हम उत्पादन पर अपना अनुमान लगाएंगे। उन्होंने कहा कि, अनुमानित घरेलू खपत और एथेनॉल निर्माण कार्यक्रम के लिए आवंटन के आधार पर सरकार चीनी निर्यात की दूसरी किस्त पर विचार करेगी।

 किसानों ने सभी चीनी मिलों की पेराई रोक दी

चंडीगढ़ / करनाल: राज्य में बार -बार विरोध प्रदर्शन के बाद भी सरकार को समझाने में विफल रहने के बाद किसानों ने शुक्रवार को राज्य के सभी चीनी मिलों के मुख्य द्वारों को बंद करके गन्ने की आपूर्ति को रोक दिया। भारतीय किसान यूनियन (चारुनी) के नेतृत्व में किसानों ने प्रदेश के सभी चीनी मिलों के मुख्य प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया, और गन्ने की आपूर्ति को अनिश्चित काल तक रोक दिया। बीकेयू (चारुनी) को राज्य के बीकेयू (टिकैत) और अन्य किसान संगठनों से जुड़े किसानों का भी समर्थन मिला है और उन्होंने विरोध को जारी रखने की चेतावनी दी है की जब तक सरकार गन्ने SAP को प्रति क्विंटल ₹ 362 से ₹ 450 तक बढ़ाने की अपनी मांगों को स्वीकार नहीं करती है। जानकारी के अनुसार, जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया है।

बीकेयू (चारुनी) के राज्य के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चारुनी ने कहा कि, सभी 14 मिलों को बंद कर दिया गया है और गन्ने की कीमतों में वृद्धि होने तक मिलों में पेराई नहीं होगी।उन्होंने कहा, चीनी मिलों को बंद करने की सिवा हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था, और अगला निर्णय 23 जनवरी को आयोजित होने वाले कुरुक्षेत्र में राज्य स्तरीय महापंचत में लिया जाएगा।करनाल में भारी पुलिस की तैनाती के बीच किसान चीनी मिलों तक पहुंच गए और जिले के सभी तीन मिलों को बंद कर दिया और किसानों को गन्ने को मिल में ले जाने की अनुमति नहीं दी।

 

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