- January 9, 2017
चिकित्सालयों में फरवरी माह से बायोमैट्रिक हाजरी
जयपुर, 9 जनवरी। प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में आगामी एक फरवरी से बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रारम्भ की जायेगी। सभी चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मियों के लिये बायोमैट्रिक उपस्थिति करने के निर्देश दिये जा रहे हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री कालीचरण सराफ की अध्यक्षता में सोमवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। बायोमैट्रिक मशीनों की खरीद स्थानीय स्तर पर मेडिकल रिलीफ सोसायटी द्वारा किये जाने के निर्देश दिये जा रहे हैं।
प्रतिदिन 2 लाख 68 हजार का आउटडोर उपचार श्री सराफ ने विभिन्न स्वास्थ्य गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की। बताया गया कि प्रदेश के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में प्रतिदिन औसतन 2 लाख 68 हजार मरीजों का आउटडोर में एवं 14 हजार 350 मरीजों का इंडोर में उपचार किया जा रहा है।
औसतन प्रतिदिन 903 मरीजों के मेजर एवं 1 हजार 784 माइनर आपरेशन किये जाते हैं। प्रतिदिन औसतन ढाई लाख मरीजों को निःशुल्क दवा दी जा रही है एवं एक लाख निःशुल्क जांचें की जा रही हैं।
शिशु एवं मातृ मृत्यु दर कम करने क दें सर्वोच्च प्राथमिकता चिकित्सा मंत्री ने प्रदेश में शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिये।
उन्होंने बच्चों के टीकाकरण में शत् प्रतिशत लक्ष्य अर्जित करने के साथ ही कुल प्रजनन दर 2.4 को कम कर 2.1 तक लाने एवं संस्थागत प्रसव को 83 प्रतिशत से बढ़ाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। वर्तमान में एसआरएस 2011-13 के अनुसार मातृ मृत्यु दर 244 व एसआरएस 2015 के अनुसार शिशु मृत्यु दर 43 है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के रिक्त पदों को शीघ्र भरें श्री सराफ ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रिक्त 6 हजार 690 पदों की भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण कर सभ रिक्त पदों को भरने के निर्देश दिये। उन्होंने उच्च प्राथमिकता वाले एवं सुदूर जिलों को प्राथमिकता से भरने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
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