- May 1, 2015
गुणात्मक विकास से महिलाएं समाज की मजबूत इकाई बनेंगी -महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री
जयपुर -महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने कहा है कि महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के गुणात्मक विकास जरूरी है ताकि महिलाएं हुनरमंद बनने के साथ ही स्वतंत्र रूप से घर-बाहर और समाज की मजबूत इकाई बन सकें।
श्रीमती भदेल गुरूवार को जोधपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला स्तरीय बैठक में समीक्षा करते हुए निर्देश दे रही थी। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के गठन की परिकल्पना ही महिलाओं को स्वावलंबन और स्वतंत्र रूप से आर्थिक सुदृढ़ता की दिशा में बढ़ाना था। यहीं कारण है कि समूहों के गठन के साथ हैण्डीक्राफ्ट, अचार मसाला व्यवसाय, पापड़-बडिय़ा, खिचिया, सूखी सब्जी, मनिहारी जनरल, ज्वैलरी आइटम, मिट्टी के बर्तन, बैग, अटैची, सॉफ्ट टॉयज, जूतियंा-लैदर फैन्सी, टाई व डाई बंधेज एवं राखी तोरण व्यवसाय प्रशिक्षण में उन्हें स्वतंत्र आर्थिक रूप से मजबूत बनाने पर बल दिया जाता है। स्वयं सहायता समूहों से निकली महिलाएं जीवन में कहीं भी अवरोध का सामना नहीं कर सकती। श्रीमती भदेल ने निर्देश दिए कि संख्यात्मक व गुणात्मक समानता के साथ इन समूहों का अधिकाधिक गठन करें। इसके साथ ही अमृता हाट में भाग लेने वाली महिलाओं को भी समुचित लाभ होना आवश्यक है।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने महिला सुरक्षा के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम पर बल दिया तथा पुलिस विभाग द्वारा बालिकाओं की आत्मरक्षा के लिए दिए जा रहे प्रशिक्षण की गुणवता की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण से महिलाओं में सुरक्षा भावना और आत्म विश्वास में प्रबल बढ़ोतरी संभव है। जिले में स्थापित तीनों महिला सुरक्षा केन्द्रों को भी महिला सुरक्षा व सहायता में सक्रियता से कार्य करना चाहिए।
पुलिस विभाग को प्रशिक्षित कंास्टेबल की संख्या भी बढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यहंा पर पुलिस ने महिलाओं की समस्या को त्वरित रूप से जानने के लिए ‘वाट्स एप’ पर जानकारी प्रदान करने की व्यवस्था सराहनीय है। उन्होंने विभिन्न कार्यस्थलों पर भी लैगिक उत्पीडऩ प्रतिषेध अधिनियम के तहत राजकीय व निजी संस्थानों में भी अंातरिक परिवाद समिति बनाए जाने पर बल दिया।
अधिनियम के तहत अगर समिति नहीं हो तो 50 हजार रुपए जुर्माना है। महिला सुरक्षा कार्यक्रम के संचालन में पुलिस उपायुक्त श्री राहूल जैन ने बताया कि इस संबंध में अब तक 1 हजार 737 दर्ज परिवादों में 1 हजार 565 का निस्तारण किया गया है। मीरं संस्थान की आशा बोथरा ने बताया कि अगर महिलाओं के परिवाद में आपसी बातचीत से हल न निकले तो एफ आई आर भी दर्ज भी की जा रही है।
श्रीमती भदेल ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों की व्यवस्थाएं व संचालन सुचारू रूप से हो तथा इसके लिए निरंतर निरीक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने आज के आई टी युग में महिलाओं को भी अपडेट रहने की आवश्यकता पर बल दिया तथा कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल संचालन पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के नए बैच शुरू होने पर बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली अपनाएं तथा जनप्रनिधियों को भी जानकारी प्रदान करें। बैठक में लूणी विधायक श्री जोगाराम पटेल भी उपस्थित थे।
जिला कलेक्टर डॉ. प्रीतम बी.यशवंत ने महिलाएं एवं बाल विकास आधारित कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन की एक्शन रिपोर्ट नियमित रूप से प्रस्तुत करने की संबंधित अधिकारियों को हिदायत दी। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री के विशिष्ट सचिव श्री हरजीलाल अटल भी बैठक में उपस्थित थे।
इससे पूर्व राज्यमंत्री ने बनाड़ के आंगनवाड़ी केन्द्र तथा बनाड़ में ही आसिया स्वयं सहायता समूह के द्वारा संचालित ब्यूटी पार्लर का अवलोकन कर उन्हें प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए।
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