गायनोलाजिस्ट, रेडियोलाजिस्ट एवं सोनोग्राफी संचालकों की समीक्षा :- श्रीमती अलरमेलमंगई डी

गायनोलाजिस्ट, रेडियोलाजिस्ट एवं सोनोग्राफी संचालकों की समीक्षा :-  श्रीमती अलरमेलमंगई डी

रायगढ —(छ०गढ)———–क्लेक्टर श्रीमती अलरमेलमंगई डी ने कलेक्टे्रट सभाकक्ष में गायनोलाजिस्ट, रेडियोलाजिस्ट एवं सोनोग्राफी संचालकों की समीक्षा बैठक ली। कलेक्टर ने सभी संचालकों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत पीसीएण्डपीएनडीटी एक्ट के अधिनियम का पालन गंभीरता से करने के निर्देश दिए।

उन्होंने संचालकों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी मान्यता प्राप्त चिकित्सकों के द्वारा रेफर किए जाने पर ही करें और सोनोग्राफी करने से पूर्व उस महिला के एडे्रस प्रुफ, आईडी प्रूफ, उनके नाम, मोबाईल नंबर लेकर अनिवार्य रूप से पंजीयन करें।

कलेक्टर ने कहा कि यदि कोई गर्भवती महिला आईडी या एड्रेस प्रूफ की गलत या झूठी जानकारी देकर अपना सोनोग्राफी करवाती है तो शासन को ऐसे केसो की जानकारी बनाकर तत्काल प्रस्तुत करें, ताकि उन लोगों के ऊपर पीएनडीटी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई किए जा सके। उन्होंने संचालकों को इस संबंध में भी अपने-अपने सेंटरों के बाहर एक सूचना बोर्ड लगाने के लिए भी निर्देशित किया।

सूचना बोर्ड में इस बात का भी अनिवार्य रूप से प्रदर्शन किया जाए कि गलत या झूठी जानकारी देने वालों के लिए सजा का क्या प्रावधान है? उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित करते हुए कहा कि अगर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या मितानिनों के माध्यम से कोई महिला सोनोग्राफी करवाने के लिए आती है तो उस महिला का आईडी एव एडे्रस प्रूफ अनिवार्य रूप से लेकर आने की सलाह दें।

बैठक में सोनोग्राफी मशीन संचालकों के प्रश्नों एवं शंकाओं का समाधान भी गिरीश लार्ड द्वारा किया गया। कलेक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और इसका सार्थक परिणाम भी मिलने लगा है। ट्रेकर के पूर्व जहां औसत हजार से 12 सौ तक के आंकड़े आते थे। ट्रेकर लगने के पश्चात फरवरी माह 2016 की स्थिति में ढ़ाई हजार से तीन हजार तक के आंकड़े दिखने लग गए है। उन्होंने सभी संचालकों से प्रशासन के इस कार्य में अपनी-अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की है।

उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा कन्या भु्रण लिंग परीक्षण पर निगरानी रखने के लिए सोनोग्राफी सेंटरों में एक्टिव टे्रकर मशीन लगाई गई है और ऑनलाईन के माध्यम से इन सेंटरों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। कहीं भी कोई गड़बड़ी दिखी तो शासन सख्त कार्रवाई करेगा। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एच.एस.उरांव, सिविल सर्जन डॉ. वाय.के.शिन्दे, डीपीएम प्रवीण शर्मा, गायनोलाजिस्ट एवं सभी सोनोग्राफी सेंटर के संचालकगण उपस्थित थे।

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