पूर्णशराब बंदी का बीड़ा हरियाणा के मुख्यमंत्री बंशीलाल उठाये थे लेकिन उनके संबंधी ही शराब के ठीकेदार बन गए जिसके कारण बंशीलाल हरियाणा के राजनीति से लुप्त हो गए।
इसलिए जनता ! खासकर मजदूरों और कामगारों का सहयोग अमृत के समान है। देश से शराब समाप्त करें और घरेलू वातावरण हँसता- खिलता हुआ बनाएं।
समाज का दुश्मन –शराब , शराब बिक्रेता और उत्पादक तथा लाइसेंस देने वाली सरकार।
बिहार में शराब बंदी के विरोधी वो लोग हैं जिनके परोक्ष या अपरोक्ष शराब के धंधे है ?
जो अपने बलबूते पर शराब की दूकान चलातें है वे — क्षेत्र के बदमाश , पुलिस और राजनीतिक गुंडो को वक्त – बेवक्त शराब उपहार देते हैं ।
ये व्यवसाय पैसे वालों के धंधे है :- सिनेमा घर , जुआ घर , होटल , शराब और वेश्यालय ।
बिहार या हरियाणा या उत्तरप्रदेश हो -शराब के ठीकेदार वे होते हैं जो प्रशासन के शिखर तक पहुँच रखते हैं। इसमें विधायक , सांसद यहाँ तक की मंत्री के रिश्तेदार होतें हैं।
ये गरीबों को बर्बाद करने के लिए , उसके जमीन और घर को हड़पने के लिए शराब का दूकान खोलते हैं।
यहाँ तक की ये लोग उधार भी पिलातें है और जब बहुत अधिक पैसा उधारी हो जाता है तो इनके परिवार को ऐसी की तैसी करते हुए जमीन रजिस्ट्री करवा लेते हैं।
समस्त भारतवासी नीतीश कुमार के शराब बंदी के अभियान को सफल बनाने के लिए आगे आवें।
आज तक किसी भी राज्य ने समाज के इस दुश्मन को समाप्त करने का बीड़ा नहीं उठाया था लेकिन इस जहर की समाप्ति के लिये बिहार ने साहसिक कदम उठाया है । इस साहसिक कदम कि सफलता तभी संभव है जब तन-मन से भुक्तभोगी जनता खासकर महिलायें मुख्यमंत्री के साथ कदम से कदम मिलाकर सड्क पर उतरे ।
सभी राज्य की जनता अपने – अपने शराब समर्थित या शराबी सरकार को समाप्त कर नए राज्य को मूर्तिरूप दें।
यह सिर्फ बिहार के लिए ही अभिशाप नहीं , देश के लिए अभिशाप है। शराब समर्थित लोग समाज , राज्य और देश का दुश्मन है।
अगर देशवासी इस अभियान को सफल बनाते हैं तो निश्चय ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आधुनिक समाज और देश निर्माता होगें।
मुख्यमंत्री बिहार को, प्रत्येक राज्य में अपने कार्यकर्ता भेजकर जनता को समझाने का काम सौंपना चाहिये साथ ही सक्रिय पार्टी कार्यकर्ता का गठन करना चाहिये क्योंकि जब अंतिम व्यक्ति के मुंह से शराब बंद की आवाजें आयेंगी तभी अभियान सफल होगा।
इसके लिये हमें बिनोवा भावे की तरह पग यात्रा कर जनजागरण करना होगा । इस संबंध में अह्म यह है कि हमें महिलाओं का पूर्ण समर्थन मिलेगा क्योंकि घर चलाने में जो समस्यायें आती है उसे महिलाओं को ही भुगतना पड्ता है वहीं पुरुष तो रिक्शा चला कर भी दारू पी लेता है। उल्टे घर में जाकर खाना न मिलने पर मारपीट भी करता है।
नीतिश के शराब विरोधी अभियान से उत्तरप्रदेश में राजनीतिक पार्टी सकते में , पंजाब में चुनावी मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार और नशा तथा पंजाब में (लुधियाना) बेलन पार्टी पहले से ही नशामुक्ती अभियान चला रही है।