- January 25, 2016
खुले में शौच से मुक्त : पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के बाद इंदौर देश का दूसरा जिला
दिनेश मालवीय ———————– इंदौर जिले ने स्वच्छता के क्षेत्र में इतिहास रच दिया है। जिले का पूरा ग्रामीण क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो गया है। खुले में शौच से मुक्त होने वाला पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के बाद इंदौर देश का दूसरा जिला बन गया है। इंदौर देश का ऐसा पहला मॉडल है जिसमें आम लोगों को आगे आकर इस काम में भागीदारी की और स्वयं इसकी माँग की। लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन और मुख्यमंत्रीश्री शिवराज सिंह चौहान कल 25 जनवरी को एक समारोह में इंदौर के ग्रामीण क्षेत्र को औपचारिक रूप से खुले में शौच से मुक्त घोषित करेंगे।
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जिले की सभी 312 ग्राम पंचायत के 610 गाँव में शौचालय बन गये हैं। सभी लोग इन शौचालयों का उपयोग कर रहे हैं। कलेक्टर द्वारा गठित दलों ने इसका प्रमाणीकरण भी कर दिया है। इस कार्य में गाँव के बच्चों ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन बच्चों की वानर सेना ने अपने माता-पिता से जिद कर घरों में शौचालय बनवाये और लोगों को खुले में शौच करने से रोका। गाँव की महिलाएँ भी इस काम में पीछे नहीं रही। उन्होंने घर-घर जाकर इसकी अलख जगाई। आज वानर सेना और महिलाएँ सुबह 4 बजे से लगातार इस बात की निगरानी कर रही हैं कि कोई खुले में शौच तो नहीं जा रहा।
वानर सेना में जिले के 10 हजार से अधिक बच्चों ने भाग लिया है और यह लगातार सक्रिय हैं। महिलाओं ने लोकगीत बनाकर खुले में शौच के विरूद्ध वातावरण बनाया। जन-प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने ढंग से लोगों को इस बात के लिये प्रेरित किया। कई जगह उन्होंने आर्थिक सहयोग कर भी लोगों के घर में शौचालय बनवाये।