• March 6, 2018

क्या करेगी चीन की सेना 175 अरब डॉलर लेकर

क्या करेगी चीन की सेना  175 अरब डॉलर लेकर

(डी.ड्ब्ल्यू.काम) अनिश्चित काल के लिए सत्ता राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सौंपने की कोशिशों के बीच चीन ने अपना रक्षा बजट 8.1 फीसदी बढ़ा कर 175 अरब डॉलर कर दिया है. भारत का रक्षा बजट इस साल 62.8 अरब डॉलर है.
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चीन इस साल अपना दूसरा विमानवाहक पोत सागर में उतारने की तैयारी में है. इसके अलावा वायु सेना के बेड़े में रडार से बचने वाले लड़ाकू विमानों के साथ ही हवा और जल में लंबी दूरी तक मार करने वाली अत्याधुनिक मिसाइलों का जखीरा भी तैयार किया जाएगा.

बजट के आंकड़े सोमवार को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में पेश किए गये. पिछले साल की तुलना में इस बार के बजट में कुल 151 अरब डॉलर यानी 8.1 फीसदी का इजाफा किया गया है. कई सालों से दहाई अंकों में विकास के बलबूते चीन ने दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा बजट पेश किया है. अगले साल के लिए कुल 716 अरब डॉलर खर्च करने की योजना बनाई गई है.

बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के 3000 प्रतिनिधियों के सामने रिपोर्ट पेश करते हुए प्रधानमंत्री ली केकियांग ने कहा, “हम अपनी सशस्त्र सेनाओं को मजबूत करने, सभी तरह के सैन्य प्रशिक्षणों और युद्ध की तैयारियों को उन्नत बनाने के चीनी रास्ते पर डटे रहेंगे.”

चीन के पास संख्या के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी फौज है. हालांकि प्रधानमंत्री केकियांग का कहना है कि चीन ने अपनी सेना में 3 लाख सैनिकों की कटौती के लक्ष्य को हासिल कर लिया है. इस कटौती के बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की क्षमता करीब 20 लाख रह जाएगी.

चीन का रक्षा बजट उसके पिछले साल की जीडीपी की तुलना में करीब 1.3 फीसदी है. विधानमंडल के प्रवक्ता झांग येसुई का कहना है कि देश का रक्षा बजट जीडीपी के हिस्से के लिहाज से दुनिया के प्रमुख देशों की तुलना में काफी कम है.

हालांकि विश्लेषक चीन के घोषित बजट को सही आंकड़ा नहीं मानते. इसकी वजह यह है कि रक्षा उपकरणों की परियोजनाओं पर होने वाला भारी खर्च इसमें शामिल नहीं है.

शंघाई में सैन्य विशेषज्ञ नी लेक्सियोंग का कहना है अगर महंगाई की दर को आंकड़ों में शामिल कर लें तो इस बार भी पिछले साल जितना ही बजट बढ़ाया गया है. उनका कहना है कि चीन हथियारों की रेस बढ़ाने के बजाए उच्च तकनीक वाले तंत्रों और प्रशिक्षणों पर जोर दे रहा है.

लेक्सियोंग ने यह भी कहा कि अमेरिका, जापान और भारत जैसे प्रतिद्वंद्वियों को चीन के बजट में इजाफे से ज्यादा बेचैन नहीं होना चाहिए. हालांकि वायु, नौसेनिक और उपग्रह रोधी चीन की क्षमताओं में तेजी से बढ़ोत्तरी देख कर इन देशों को “खुशी नहीं होगी.”​​​​​​​

विश्लेषक यह भी कह रहे हैं कि चीन का रक्षा बजट अब इतना बड़ा हो चुका है कि उसे दहाई अंकों में बढ़ाने की जरूरत नहीं है. चीन के बजट का नया हिस्सा मुख्य रूप से सेवारत अधिकारियों की जीवन शैली को बेहतर बनाने, उनकी ट्रेनिंग के साथ ही कोरियाई प्रायद्वीप, भारत से लगती सीमा और दक्षिण चीन सागर या फिर ताइवान में संकट की स्थिति से निपटने के लिए उन्हें तैयार करने पर खर्च होगा.

चीन का सारा ध्यान ए2/एडी तैयारियों पर है इसके तहत पहुंच से बाहर के इलाकों में अपनी पहुंच बनाना और दूसरे को रोकने के अभियान होते हैं. इस तरह के अभियान अमेरिका और चीन के तटों से दूर रहने वाले देशों को चिंता में डालते हैं.

चीन की नौसेना लियाओनिंग विमानवाहक पोत पर कड़े प्रशिक्षण में जुटी है. चीन ने इसे यूक्रेन से खरीद कर भारी हथियारों और उन्नत उपकरणों से लैस किया है. यूक्रेनी मॉडल पर ही आधारित पूरी तह से चीन में बने 50 हजार टन के एक और विमानवाहक पोत को अप्रैल में सागर में उतारा.

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