- September 25, 2016
कोझिकोड *ढ़ाई साल में हमने बदली राजस्थान की फिज़ा* – मुख्यमंत्री
जयपुर—–मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि पहले राजस्थान में उद्योग-धंधे नहीं होने के कारण राजस्थानी रोजगार के लिए दूसरे राज्यों तथा विदेश जाने को मजबूर थे। लेकिन पिछले ढ़ाई सालों की मेहनत और कड़े संघर्ष के बाद अब राजस्थान की फिजा बदल गई है। अब दूसरे प्रदेशों से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग राजस्थान आकर निवेश कर रहे है।
श्रीमती राजे शनिवार को केरल के कोझिकोड में सी-बीच रोड, कालीकट स्थित गुजराती स्कूल में आयोजित प्रवासी राजस्थानियों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रही थी। केरल में बसे प्रवासी राजस्थानियों से भावनात्मक अपील करते हुए श्रीमती राजे ने उनका आह्वान किया कि वे राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने में अपनी भागीदारी निभाएं। मुख्यमंत्री ने प्रवासी राजस्थानियों से कहा कि आपको मातृभूमि पुकार रही है। अब आपको अपनी माटी का कर्ज चुकाना है।
राजस्थान से इतनी दूर केरल में बसे राजस्थानियों के अपनत्व एवं अभिनंदन से अभिभूत मुख्यमंत्री ने कहा कि आज केरल की जो उन्नति हमें दिखाई दे रही है, उसमें प्रवासी राजस्थानियों का भी योगदान है। डेढ़ किमी पैदल चलकर पहुंची मुख्यमंत्री प्रवासी राजस्थानियों को सम्बोधित करने के लिए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर कार्यक्रम में पहुंची।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सभा में भारी भीड़ होने के कारण सभा समाप्त होने के बाद वहां भारी जाम लग गया। ऎसे में मुख्यमंत्री कार से उतर कर पैदल ही प्रवासी राजस्थानी समाज के समारोह के लिए रवाना हो गई और करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर प्रवासी राजस्थानियों के बीच पहुंची। निशा चौधरी और डिम्पल ने ली मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी श्रीमती राजे ने एक दिन पूर्व कोझिकोड में अपनी होर्डिंग के साथ सेल्फी लेने वाली प्रवासी राजस्थानी छात्रा निशा चौधरी और उसके साथ पढ़ने वाली मलयाली छात्रा डिम्पल को आज मिलने के लिए बुलाया।
मुख्यमंत्री के इस स्नेह भरे आमंत्रण से दोनों छात्राएं अभिभूत हो गई। उन्होंने मुलाकात के दौरान श्रीमती राजे के साथ सेल्फी ली। छात्रा निशा ने बताया कि यहां प्रवासी राजस्थानियों में ’’यूथ आइकन’’ मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के प्रति गहरा क्रेज है। दूध में शक्कर की तरह घुले लेकिन कभी जड़ों से अलग नहीं हुए प्रवासी राजस्थानी मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के लोग जहां कहीं भी जाएं, वे वहां विकास की मुख्य धारा से जुड जाते हैं।
लेकिन खास बात यह है कि राजस्थानी जहां गए, वह वहां दूध में शक्कर की तरह घुल गए, लेकिन कभी अपनी जड़ों से अलग नहीं हुए। वे जिस भी प्रदेश में गए, अपनी मेहनत, कर्म तथा पुरूषार्थ से उन्होंने राजस्थान का नाम ऊंचा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राजस्थान में हालात बदलने लगे हैं।
दूसरे प्रदेशों, यहां तक कि विदेशों से लोग आकर राजस्थान में उद्योग-धंधे स्थापित कर रहे हैं। रिसजेर्ंट राजस्थान समिट के सफल आयोजन, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014 की सफलता, स्किल डवलपमेंट तथा ईज ऑफ डूइर्ंग बिजनेस जैसे निवेशकों को प्रोत्साहित करने जैसे राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में अब निवेश का अनुकूल माहौल बन रहा है।
उन्होंने आह्वान किया कि निवेश के इस अनुकूल माहौल का लाभ उठाकर प्रवासी राजस्थानी अपनी जन्मभूमि के विकास में सहयोग करें। समारोह में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री श्री पीपी चौधरी, केन्द्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री श्री सीआर चौधरी, प्रदेश के गृह मंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया, श्री अशोक परनामी सहित केरल में बसे मारवाड़ी के अध्यक्ष श्री देवचंद संचेती, उपाध्यक्ष आलोक साबू तथा महासचिव महेन्द्र खण्डेलवाल मंचासीन थे।
इस अवसर पर राज्य मंत्रीपरिषद के विभिन्न सदस्य, अन्य जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी उपस्थित थे।