- May 7, 2015
केन्द्र सरकार की योजना का शुभारंभ – मुख्यमंत्री श्री चौहान
मध्यप्रदेश में आम लोगों की भलाई की तीन बड़ी योजना लागू होने जा रही हैं। केन्द्र सरकार की इन तीनों योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 9 मई को शाम 6 बजे समन्वय भवन भोपाल में करेंगे। इस अवसर पर विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज भी उपस्थित रहेंगी। यह तीन योजनाएँ हैं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना इस योजना में दुर्घटना में मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में बीमा कवर की सुविधा है। इसमें सहभागी बेंकों के 18 से 70 वर्ष की आयु वाले सभी बचत बेंक खाताधारी शामिल होने के पात्र होंगे। यदि किसी व्यक्ति के एक अथवा विभिन्न बेंक में कई बचत खाते हैं तो वह व्यक्ति केवल एक बचत बेंक खाते के द्वारा ही इस योजना में शामिल हो सकेगा। बेंक खाते के लिये आधार कार्ड प्राथमिक के वाय सी होगा। योजना में प्रत्येक सदस्य को मात्र 12 रुपये प्रतिवर्ष का प्रीमियम देना होगा। योजना में दुर्घटनावश मृत्यु की स्थिति में उसके परिजन को 2 लाख रुपये, दोनों आँखों की पूर्ण तथा अपूरणीय क्षति, दोनों हाथों अथवा दोनों पैरों का काम करने में अक्षम होने या नजर चली जाने तथा एक हाथ अथवा एक पैर का काम करने में अक्षम हो जाने पर 2 लाख रुपये तथा एक आँख की नजर की कुल तथा अपूरणीय क्षति या एक हाथ अथवा एक पैर के काम करने में अक्षम होने की स्थिति में एक लाख रुपये की बीमा राशि दी जायेगी। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना इस योजना में सहभागी बेंकों के 18 से 50 वर्ष की आयु के सभी बचत बेंक खाताधारक शामिल होने के हकदार होंगे। इसमें किसी भी कारण से मृत्यु होने पर जीवन बीमा कवर उपलब्ध होगा। योजना में बीमित व्यक्ति को 330 प्रति सदस्य प्रति वर्ष का प्रीमियम देना होगा। किसी भी कारण से मृत्यु होने पर बीमित के परिवार को दो लाख रुपये की बीमा राशि दी जायेगी। अटल पेंशन योजना यह योजना असंगठित क्षेत्र के कामगार गरीबों को वृद्धावस्था में सुरक्षित आय प्रदान करने के लिये शुरू की जा रही है। इसमें 60 वर्ष की आयु के बाद उन्हें पेंशन का लाभ मिलेगा। यदि अभिदाता 18 से 40 वर्ष की आयु के भीतर योजना में शामिल होकर अंशदान करता है तो उसे योजना में एक हजार से 5 हजार रुपये के बीच निर्धारित पेंशन मिलेगी। अंशदान स्तर भिन्न होंगे तथा यदि अभिदाता शीघ्र शामिल होता है तो वे कम होंगे और देर से शामिल होने पर बढ़ जायेंगे। |
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दिनेश मालवीय |