- September 10, 2015
केन्द्रीय सहकारी बैंक के बीसी बनने से पेक्स को सुदृढ़ वित्तीय आधार -सहकारिता राज्यमंत्री
जयपुर – सहकारिता राज्यमंत्री श्री अजय सिंह किलक ने कहा है कि प्राथमिक कृषि ऋणदात्री सहकारी समितियों को सीसीबी का बीसी बनाने से ग्रामीणों को बेहतर सहकारी सेवाएं उपलब्ध होने के साथ ही इन समितियों के सुदृढ़ वित्तीय आधार उपलब्ध होगा।
श्री किलक बुधवार को अपने सरकारी निवास पर पेक्स व्यवस्थापकों के प्रतिनिधिमंडल से रुबरु हो रहे थे। उन्होंने पेक्स व्यवस्थापकों की विभिन्न शंकाओं का समाधान करते हुए कहा कि प्राथमिक कृषि ऋणदात्री सहकारी समितियां अल्पकालीन सहकारी ऋण वितरण सहित सभी परंपरागत व्यवसाय करती रहेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत अब मनरेगा, जन-धन, भामाशाह, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं, छात्रवृति सहित नकद हस्तांतरण का भुगतान सीधे लाभार्थी के खातों में होगा, ऐसी स्थिति में एनईएफटी, आरटीजीएस जैसी सुविधाओं से युक्त बैंकिंग सुविधा होना आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि विभाग ने अथक प्रयास कर अपेक्स बैंक, केन्द्रीय सहकारी बैंकों और इनकी शाखाओं में यह सुविधाएं आरंभ कर दी है। अब पेक्स तक इन सुविधाओं के विस्तार होने तक पेक्स को सीसीबी का बीसी बनाकर ग्रामीणों को ग्राम स्तर तक सहकारिता के माध्यम से यह सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रमुख उद्देश्य है।
सहकारिता राज्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्राथमिक कृषि ऋणदात्री सहकारी समिति सहित सहकारी समितियों के व्यवसाय में बढ़ोतरी हो, लोगों को नीचले स्तर तक बेहतर सहकारी सुविधाएं प्राप्त हो और सहकारिता आंदोलन का वास्तविक लाभ लोगों तक आसानी से पहुंच सके। उन्होंने विश्वास दिलाया कि विभाग पेक्स के हितों को लेकर संवेदनशील है और उन्हें पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा। उन्होंने व्यवस्थापकों से आग्रह किया कि वे किसी तरह के भ्रम में नहीं आए और किसी तरह की शंका हो तो उनके पास कभी भी किसी भी समय शंकासमाधान के लिए आ सकते हैं।
श्री किलक ने व्यवस्थापकों के वेतन व सेवा शर्तों संबंधी समस्याओं की चर्चा करते हुए कहा कि विभाग व्यवस्थापकों की सेवाशर्तों के संबंध में कोई उचित समाधान निकालने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि व्यवस्थापकों की समस्याओं को लेकर विभाग गंभीर है।
पेक्स व्यवस्थापकों के प्रतिनिधियों ने उनके वेतनमान संशोधित करने, सेवाशर्तों में सुधार और नियोक्ता आदि से संबंधित समस्याओं को शीघ्र समाधान कराने का आग्रह किया।
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