- March 23, 2015
किसानों को दो वर्ष में करीब 15,000 करोड़ की राहत
मध्यप्रदेश में पिछले दो वर्ष में प्रारंभिक आकलन के अनुसार लाखों किसानों को विभिन्न योजनाओं तथा कार्यक्रमों में राहत और सहायता के रूप में लगभग 15,000 करोड़ रुपये की राशि मुहैया करवायी गयी है। यह सहायता प्राकृतिक आपदा, बाढ़, फसल बीमा क्षतिपूर्ति, गेहूँ-धान-मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीदी पर बोनस, शून्य प्रतिशत ब्याज पर अनुदान, बिजली अनुदान, कृषि यंत्रों पर अनुदान के रूप में दी गयी। लाभान्वित किसानों में से अधिकांश को सहायता राशि सीधे उनके बेंक खातों में जमा की गई है। प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुए नुकसान पर वर्ष 2012-13, वर्ष 2013-14 और 2014-15 के प्रारंभिक माहों में कुल 3136 करोड़ से ज्यादा की सहायता राशि दी गयी। आपदा सहायता राशि ओला-पाला और बाढ़/अति वृष्टि प्रभावित किसानों और लोगों को दी गई। 2579 करोड़ की फसल बीमा राशि वितरित वर्ष 2012 और 2013 में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित 18 लाख 54 हजार 858 किसान को 2579 करोड़ से ज्यादा की राशि वितरित की गयी। इसमें से खरीफ 2012 में 74 हजार से ज्यादा प्रभावित किसान को 75 करोड़ से ज्यादा राशि वितरित की गयी। रबी 2012-13 में साढ़े 3 लाख से ज्यादा किसान को 317 करोड़ से ज्यादा राशि दी गयी। खरीफ 2013 में सवा 14 लाख किसान को 2187 करोड़ से ज्यादा की बीमा राशि वितरित की गयी। इसके अलावा, रबी 2013 के रबी मौसम में प्रभावित किसानों को 437 करोड़ रुपये की फसल बीमा राशि के वितरण की कार्यवाही प्रचलन में है। वर्ष 2012-13 में किसानों को गेहूँ और धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी पर 856 करोड़ 75 लाख रुपये का बोनस दिया गया। इसमें से वर्ष 2012 में 850 करोड़ गेहूँ पर और पौने सात करोड़ रुपये का बोनस धान पर दिया गया। वर्ष 2013 में लगभग 13 लाख किसान को धान, मक्का और गेहूँ पर बोनस के रूप में 1,328 करोड़ की राशि दी गयी। इसमें से धान पर करीब 23 करोड़, मक्का पर करीब 13 करोड़ और गेहूँ पर 1,080 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि का बोनस दिया गया। प्रदेश के किसानों को कृषि यंत्रों पर भी अनुदान की व्यवस्था की गई है। विगत दो वर्ष में लगभग 8 लाख किसान को कृषि यंत्रों पर करीब 800 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया। बिजली पर अनुदान बिजली की बढ़ी हुई दरों के बोझ से किसानों को बचाने तथा कमजोर वर्गों को नि:शुल्क बिजली देने के लिये विगत दो वर्ष में प्रदेश में करीब 4,684 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया। इसमें से वर्ष 2012-13 में 1968 करोड़ टेरिफ सब्सिडी के रूप में और 466 करोड़ रुपये नि:शुल्क विद्युत प्रदाय के लिये दिया गया। वर्ष 2013-14 में टेरिफ सब्सिडी के रूप में 1700 करोड़ तथा नि:शुल्क विद्युत प्रदाय के लिये 550 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में विद्युत वितरण कम्पनियों को दिये गये। शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अनुदान प्रदेश में किसानों को कृषि कार्यों के लिये शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण दिया जा रहा है। वर्ष 2012-13 में 27 लाख 18 हजार किसान को करीब 404 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2013-14 में सवा 28 लाख किसान को 494 करोड़ से ज्यादा राशि अनुदान के रूप में दी गयी। 727 करोड़ के अल्पावधि ऋण मध्यावधि में बदले इसके अलावा प्रदेश में पिछले दो-ढाई वर्ष में 2 लाख 26 हजार से ज्यादा किसानों के 727 करोड़ से ज्यादा राशि के अल्पावधि ऋणों को मध्यावधि ऋणों में बदला गया। इनमें वर्ष 2012-13 में रबी मौसम के 13 हजार 348 किसान के 31 करोड़ से ज्यादा के अल्पावधि ऋणों को मध्यावधि ऋणों में परिवर्तित किया गया। वर्ष 2013 में खरीफ मौसम के डेढ़ लाख किसान के 491 करोड़ के अल्पावधि ऋणों को मध्यावधि ऋणों में बदला गया। इसके अलावा रबी 2013-14 में 67 हजार से ज्यादा किसानों के 205 करोड़ से ज्यादा राशि के अल्पावधि रबी ऋणों को मध्यावधि ऋणों में बदला गया। किसान हितैषी इस महत्वपूर्ण कार्य पर प्रदेश सरकार सहकारी बेंकों को 11 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान का भुगतान करती है। उल्लेखनीय है कि मध्यावधि में परिवर्तित ऋणों के पुनर्वित्त प्राप्ति के लिये राज्य सरकार द्वारा नाबार्ड के पक्ष में शासकीय गारंटी और स्वयं की ओर से 15 प्रतिशत अंशदान भी दिया जाता है। |
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दिनेश मालवीय |