- January 13, 2017
कठोर फैसलों से शुरू में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है
पेसूका ———केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने भारतीय अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने के उद्देश्य से लिए जाने वाले साहसिक निर्णयों से फायदे होने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि कठोर फैसलों से शुरू में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि ऐतिहासिक निर्णयों से अस्थायी कष्ट जुड़े रहते हैं।
नोटबंदी का उल्लेख करते हुए श्री जेटली ने कहा कि भारत को साहसिक निर्णय लेने की जरूरत है क्योंकि अब व्यवस्था में पारदर्शिता लाने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का हमारी वर्तमान एवं आगे की जिंदगी पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा।
श्री जेटली आज गांधीनगर के महात्मा मंदिर में वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन ‘जीएसटी: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर’ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने पर विशेष जोर देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ज्यादातर मसले सुलझा लिए गए हैं। वहीं, कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को निपटाना अभी बाकी है, जिन्हें अगले कुछ हफ्तों में सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी परिषद लोकतांत्रिक ढंग से कार्य कर रही है और जीएसटी एवं नोटबंदी दोनों के ही असर इस साल महसूस किए जाएंगे।
शिखर सम्मेलन का उल्लेख करते हुए श्री जेटली ने कहा कि इसे वाइब्रेंट गुजरात का ब्रांड नाम दिया गया है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक सम्मेलन में तब्दील हो गया है।
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपानी, गुजरात के उप मुख्यमंत्री श्री नितिन पटेल, भारत सरकार के राजस्व सचिव डॉ. हसमुख अधिया और कनाडा सरकार के बुनियादी ढांचागत एवं समुदाय मंत्री श्री अमरजीत सोही भी इस अवसर पर उपस्थित थे।