• October 27, 2018

ऑनलाइन स्थानांतरण नीति –क्लिक में 60,000 से अधिक अध्यापकों का उठा -पटक

ऑनलाइन स्थानांतरण नीति –क्लिक में 60,000 से अधिक अध्यापकों का उठा -पटक

स्थानांतरण नीति पर देश के 11 राज्यों में नकल जारी
****************************************
चंडीगढ़——- हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि पिछले चार वर्षों में हरियाणा की शिक्षा नीति में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है, हमारी ऑनलाइन अध्यापक स्थानांतरण नीति को तो देश के 11 राज्यों की सरकारों ने अपने प्रदेश में लागू करने के लिए अध्ययन करवाया है।

श्री शर्मा आज चंडीगढ़ में ‘चार साल मनोहर सरकार’ कार्यक्रम के दौरान अपने विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में अध्यापकों को अपने स्थानांतरण की अधिक चिंता रहती थी जिसके कारण वे बच्चों की पढ़ाई पर ठीक ढ़ंग से ध्यान भी नहीं दे पाते थे।

वर्तमान सरकार ने सरकारी स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों को चिंतामुक्त करते हुए उनके स्थानांतरण के लिए एक ऑनलाइन स्थानांतरण नीति बनाई जिसके तहत एक क्लिक में 60,000 से अधिक अध्यापकों का एक साथ स्थानांतरण हो गया।

खास बात यह रही कि सभी अध्यापकों को उनके पसंद के अनुसार स्टेशन दिए गए।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षा का मतलब केवल किताबी ज्ञान नहीं होता, विद्यार्थी को एक अच्छा इंसान भी बनाना होता है, इसीलिए वर्तमान सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम में गीता के श्लोक भी शामिल किए ताकि विद्यार्थियों में सामाजिक मूल्यों का भी समावेश हो।

उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि मोरनी जैसे दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में सरकार ने छात्राओं को उनके शैक्षणिक संस्थान तक पहुंचाने के लिए सरस्वती बस सेवा शुरू की है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार अतिथि अध्यापकों को हटाने के लिए कोर्ट में शपथपत्र देकर गई थी, परंतु वर्तमान सरकार ने जहां इन अध्यापकों के वेतनमान में बढ़ौतरी की वहीं महिला अतिथि अध्यापिकाओं के लिए शिशु देखभाल अवकाश व एलटीसी की सुविधा भी देना शुरू किया है।

हरियाणा की वर्तमान सरकार ने 22,000 अतिथि अध्यापकों में से एक भी अतिथि अध्यापक को नहीं हटाया।

श्री शर्मा ने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार ने स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक गुणवत्तापरक बनाया और शिक्षित युवाओं को उनके जॉब प्लेसमैंट के लिए प्रशिक्षण आदि देकर उनके रोजगार के अवसरों में वृद्घि की है।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply