• December 31, 2020

एनआईसी हिमाचल का कोविड साॅफ्टवेयर डिजिटल इण्डिया पुरस्कार के लिए चयनित

एनआईसी हिमाचल का कोविड साॅफ्टवेयर डिजिटल इण्डिया पुरस्कार के लिए चयनित

भारत सरकार ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र, हिमाचल प्रदेश द्वारा तैयार किए गए साॅफ्टवेयर कोविड-19 सैंपल कलेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम को डिजिटल इण्डिया पुरस्कार-2020 के लिए चयनित किया है। इस साॅफ्टवेयर को यह पुरस्कार इनोवेशन इन पैंडेमिक श्रेणी में दिया जा रहा है।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविद यह पुरस्कार प्रदान करेंगे। इसके लिए वर्चुअज समारोह 30 दिसम्बर, 2020 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।

प्रदेश के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर साॅफ्टवेयर विकसित करने की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश को सौंपी गई थी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के गतिशील नेतृत्व और मार्गदर्शन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राज्य स्वास्थ्य विभाग की सक्रिय सहभागिता से एनआईसी हिमाचल प्रदेश ने इस साॅफ्टवेयर को डिजाइन और विकसित किया।

उन्होंने कहा कि यह साॅफ्टवेयर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के लिए तैयार किया गया है। हिमाचल के विज्ञानियों ने एनआईसी की महानिदेशक डाॅ. नीता वर्मा के दिशा-निर्देशों के अनुसार लाॅकडाऊन के दौरान इस वर्ष अप्रैल माह में प्रतिदिन लगभग 20 घण्टे कार्य करते हुए इसे तैयार किया। देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में इसका उपयोग एक लाख से अधिक सैंपल एकत्र करने वाले लोगों द्वारा किया जा रहा है। अब तक लगभग 8 करोड़ से अधिक सैंपल इकट्ठे किए गए हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि कोविड-19 वायरस से संबंधित रैपिड एन्टीजन टेस्ट, आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए किसी भी व्यक्ति का ब्यौरा इस साॅफ्टवेयर में प्रविष्ट किया जाता है। इसके उपरान्त उस व्यक्ति का टेस्ट लिया जाता है और टेस्ट रिपोर्ट की जानकारी इस साॅफ्टवेयर में प्रविष्ट की जाती है। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली में एक वैब एप्लीकेशन और दो मोबाइल एप्लीकेशन शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इस साॅफ्टवेयर के माध्यम से संक्रमित मरीजों से संबंधित जानकारी https://covid19cc.nic.in पोर्टल पर सभी जिला दण्डाधिकारी अथवा स्वास्थ्य अधिकारियों को उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त आरोग्य सेतु ऐप में भी इस डेटा का प्रयोग किया जाता है।

प्रवक्ता ने कहा कि इस साॅफ्टवेयर का राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन होना राज्य एवं राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के लिए गौरव का विषय है।

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