- July 13, 2017
एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका पर कार्यशाला
जयपुर————-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में यूनिसेफ के सहयोग से बुधवार को स्थानीय होटल होली-डे-इन में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला में दोनों विभागों में रूट लेवल पर कार्यरत एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनियों तथा आंगनबाड़ी सहायिकाओं के द्वारा किये जाने वाले कार्यों को परिणामजनक बनाने के साथ ही उनकी भूमिका को प्रभावी बनाने के लिए विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री नवीन जैन ने बताया कि मातृ मृत्युदर, शिशु मृत्युदर एवं जनसंख्या वृद्धि इत्यादि उद्देश्यों में कमी लाने में रूट लेवल कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा इन कार्मिकों के कार्यक्षेत्र से संबंधित विभिन्न विषम परिस्थितियों व चुनौतियों को ध्यान में रखकर गाइड लाईन तैयार की गयी है।
संबंधित विभागों व डवलपमेंट पार्टनर्स के प्रतिनिधियों के साथ गहन विचार-विमर्श के उपरांत प्रदेश की भौगोलिक, सामाजिक व आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर रूट लेवल कार्मिकों के लिए नवीन मार्गदर्शिका जारी की जाएगी।
श्री जैन ने रूट लेवल कार्मिकों के कार्य एवं भूमिकाओं से संबंधी मार्गदर्शिकायें ग्राम स्तर से लेकर राज्यस्तर तक के कार्मिकों के लिए तैयार करने तथा दोनों विभागों द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों व गतिविधियों की एकसमान रिपोटिर्ंग व विश्लेषण प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया।
महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती रोली सिंह ने राजस्थान के परिवेश में ग्राम स्तरीय कार्यकर्ताओं की विभिन्न समस्याओं व चुनौतियों पर विस्तार से जानकारी दी।
आईसीडीएस निदेशक श्रीमती शुचि शर्मा ने फील्ड लेवल के कार्मिकों के कार्य के साथ-साथ उनके कार्यक्षेतर्् में मानवीय पहलुओं को भी ध्यान में रखने की आवश्यकता प्रतिपादित की। यूनिसेफ की स्टेट हैड श्रीमती इजाबेल ने ग्रामीण क्षेत्रें कार्यकर्ताओं के कार्याें की व्याख्या जिला व राज्यस्तर पर करने की एडवोकेसी की।
कार्यशाला में निदेशक आरसीएच डॉ. वी. के माथुर, परियोजना निदेशक डॉ.तरुण चौधरी, डॉ.एस.के.गर्ग, डॉ.रोमेल सिंह, यूनिसेफ विशेषज्ञ डॉ. अनिल अग्रवाल व श्रीमती मीनाक्षी सिंह ने भी अपने विचार रखें।
इस अवसर पर विभिन्न विषय विशेषज्ञों सहित विभिन्न जिलों के आरसीएचओ, बीसीएमओ, एएनएम एवं आईसीडीएस से डीडी, सीडीपीओ, महिला पर्येवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा तथा आंगनबाड़ी सहायिका ने भाग लिया संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।