• April 27, 2016

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन: केंद्र से 7 सवाल – सुप्रीम कोर्ट

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन:     केंद्र से 7 सवाल –  सुप्रीम कोर्ट

Supreme-Courtराज्य पाल ने आर्टिकल ने 175 (2) के तहत जिस तरीके से फ्लोर टेस्ट का मैसेज किया, इस तरीके से संदेश भेज सकता है?

विधायकों की सदस्यता रद्द करने का स्पीकर का फैसला क्या राष्ट्रपति शासन लगाने का आधार बनता है?

क्या राष्ट्रपति विधानसभा की कार्रवाई का संज्ञान आर्टिकल 356 के तहत ले सकता है?

विनियोग विधेयक का क्या स्तर रहा, वो पास रहा या फेल हुआ, राष्ट्रपति का इस मामले में क्या रोल है?

फ्लोर टेस्ट में देरी होना क्या राष्ट्रपति शासन का आधार बनता है?

बिल पास हुआ या नहीं, इसकी कानूनी वैधता पर क्या कोर्ट सुनवाई कर सकता है?

लोकतंत्र कुछ स्थायी मान्यताओं पर आधारित होता है, उसके अस्थिर होने का मानक क्या है? ये बताए जाएं।

इससे पहले पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल तक नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी निर्देश दिया था कि वो राष्ट्रपति शासन हटाकर नई सरकार के गठन की कोशिश ना करे।

इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन हटा दिया था। लेकिन इस फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसपर पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया।

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