- May 2, 2015
इरीडा : पूर्ती कंपनी : गन्ने के बचे हुए अंश से: 22 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए 84 करोड़ रुपया लोन
ई दिल्ली – संसद में पेश सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि गडकरी की एक कंपनी पूर्ती ग्रुप ने सरकार से 84 करोड़ रुपया लोन लिया, लेकिन लोन की शर्तों को ताख पर रख दिया गया। साथ ही कंपनी ने लोन का सिर्फ 74 करोड़ रुपया ही वापस किया।
सरकार को 13 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। ये मामला मार्च 2002 का है जब गडकरी की कंपनी ने नागपुर में 22 मेगावाट बिजली पैदा करने वाले प्रोजेक्ट लगाने के लिए लोन लिया। ये प्रोजेक्ट बगास यानी गन्ने के बचे हुए अंश से चलना था। सीएजी के मुताबिक लोन की शर्तों को पूर्ती कंपनी ने दरकिनार कर दिया, इस प्रोजेक्ट को फरवरी 2004 में शुरु होना था जबकी ये मार्च 2007 में शुरु हुआ।
2007 में ही इस प्रोजेक्ट को नॉन प्रफार्मिंग ऐसेट घोषित कर दिया गया, इसके बावजूद इरडा ने पूर्ती कंपनी को लोन का बकाया रकम दिया। 2007 में ही कंपनी ने बगास के बजाए कोयले से बिजली का उत्पादन शुरु कर दिया। फिर भी पूर्ती को इरीडा से लोन मिलता रहा। इरीडा सिर्फ उन प्रोजेक्ट को लोन देने के लिए अधिकृत है जिनका मकसद वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए रीनिवेबल एनर्जी पैदा करना है।