- January 14, 2016
इतिहास में पहली बार हरियाणा बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक जनवरी में
129 करोड़ रुपये की 107 नई योजनाएं स्वीकृत
140 योजनाओं के लिए 256 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत
चण्डीगढ़ – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज कहा कि हरियाणा के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि किसी भी संभावित घटना से निपटने और वर्षा के पानी का संग्रहण करने के लिए अग्रिम में तैयारियां करने हेतु हरियाणा बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक जनवरी मास में बुलाई गई है।
श्री मनोहर लाल, आज यहां हरियाणा राज्य बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 47वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। सभी उपायुक्तों ने विडियोक्रांफेंसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया। बोर्ड ने प्रदेश में बाढ़ नियंत्रण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए 129 करोड़ रुपये की 107 नई योजनाएं स्वीकृत की है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि ये सभी योजनाएं जुलाई मास में शुरू होने वाले मानसून मौसम से ठीक पहले पूरी हो जाएंगी।
बोर्ड ने चालू 140 योजनाओं के लिए 256 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत की है। बैठक में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि एवं सिंचाई मंत्री श्री ओ.पी.धनखड़, मुख्य संसदीय सचिव नामत: श्री श्याम सिंह राणा और बक्शीश सिंह विर्क भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व इस बैठक का आयोजन मार्च मास में और कभी-कभी तो मई मास के अंत तक किया जाता था, जिसके परिणामस्वरूप अधिकांश बाढ़ नियंत्रण योजनाएं पूरा किये बिना ही रह जाती थी।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि अब हम न केवल बाढ़ नियंत्रण कार्यों को समय पर पूरा करवाना सुनिश्चित करेंगे, बल्कि कार्यों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दैनिक आधार पर विभिन्न बाढ़ नियंत्रण उपायों की निगरानी करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी ताकि उनके क्रियान्वयन और समय पर पूरा किया जाना सुनिश्चित किया जा सके।
कमेटी मई मास में उपायुक्तों के साथ बाढ़ नियंत्रण कार्यों की समीक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इन सभी कार्यों की विडियोग्राफी की जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को इन सभी कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वे सभी उपायुक्तों को उनके जिलों में स्वीकृत कार्यों की स्थिति को स्वयं देखने के लिए अधिमानत: जून माह के पहले सप्ताह में उनकी एक बैठक बुलाएंगे। तब तक कार्य पूरा न होने की स्थिति में सम्बंधित उपायुक्त को उसका वैध कारण देना होगा।
उन्होंने पानी को जीवन रेखा बताते हुए कहा कि पानी का कुप्रबंध और दुरुपयोग खतरनाक है। उन्होंने उपायुक्तों को पानी का अधिकतम सदुपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के 10.39 करोड़ रुपये के चार नए कार्यों को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
रेवाड़ी में 3.05 करोडों रुपये की लागत से बावल रोड से गढ़ी बोलनी रोड़ तक स्टोर्म वाटर डे्रेनेज स्कीम, आरसीसी स्लैब के साथ वर्तमान खुला नाला को ढंकने और 34 लाख रुपये की लागत से जिला यमुनानगर के खंड रादौर की विभिन्न स्थानों पर ईंट के कार्य के साथ नाला बनाने, 74 लाख रुपये से अधिक की लागत पर करनाल में अम्बेडकर चौक से अग्रसेन चौक तक स्ट्राम वाटर आरसीसी पाईप बिछाने और 6.25 करोड़ रुपये की लागत से शहरी स्ट्राम वाटर के लिए पम्प चैम्बर व मशीनरी लगाना शामिल हैं।
बैठक में कैथल से बताया गया कि प्रदेश में सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी किये गए हैं कि 80 प्रतिशत सामग्री प्राप्त होने के उपरान्त अदायगी की जाएगी। यह भी बताया गया कि सभी खराब ड्रेन पम्पों की मरम्मत 30 जून, 2016 से पहले करवाई जाएगी। इसके अलावा, 130 अतिरिक्त नये पम्पों की मांग है, जिसके लिए शीघ्र ही निविदाएं खोली जाएंगी।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, वित्त विभाग के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री राकेश गुप्ता, सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राम निवास, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रधान सचिव श्री अलोक निगम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।